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Bahraich News: सीमा क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने पर जोर
संवाद न्यूज एजेंसी, बहराइच
Updated Tue, 30 Dec 2025 12:58 AM IST
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बिछिया। मानव तस्करी की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने और सीमा क्षेत्रों में तैनात जवानों को और अधिक सतर्क बनाने के उद्देश्य से 70वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल लखीमपुर खीरी-II द्वारा सोमवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला कंपनी मुख्यालय समवाय बर्सोला, लखीमपुर खीरी में संपन्न हुई, जिसमें बहराइच और लखीमपुर खीरी जिलों में तैनात विभिन्न वाहिनियों के एसएसबी जवानों ने भाग लिया।
कार्यशाला में डेवलपमेंटल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन एडवांसमेंट (देहात) संस्था के मुख्य प्रशिक्षक राम नारायण कुमार ने मानव तस्करी की पहचान, रोकथाम और पीड़ितों के संरक्षण से जुड़ी अहम जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी केवल अपराध नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करती है।
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि भारत-नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में तस्कर गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा का फायदा उठाकर बच्चों और महिलाओं को झांसे में लेते हैं। अच्छे रोजगार और ज्यादा कमाई का लालच देकर वे लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं।
कार्यशाला में मानव तस्करी से जुड़े कानूनी प्रावधानों पर भी चर्चा की गई। देहात संस्था के देवेश अवस्थी और अशोक कुमार ने भी प्रशिक्षण में सहयोग किया। जवानों ने प्रशिक्षण को उपयोगी बताते हुए भविष्य में ऐसे कार्यक्रम और कराने की जरूरत बताई।
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कार्यशाला में डेवलपमेंटल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन एडवांसमेंट (देहात) संस्था के मुख्य प्रशिक्षक राम नारायण कुमार ने मानव तस्करी की पहचान, रोकथाम और पीड़ितों के संरक्षण से जुड़ी अहम जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी केवल अपराध नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करती है।
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प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि भारत-नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में तस्कर गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा का फायदा उठाकर बच्चों और महिलाओं को झांसे में लेते हैं। अच्छे रोजगार और ज्यादा कमाई का लालच देकर वे लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं।
कार्यशाला में मानव तस्करी से जुड़े कानूनी प्रावधानों पर भी चर्चा की गई। देहात संस्था के देवेश अवस्थी और अशोक कुमार ने भी प्रशिक्षण में सहयोग किया। जवानों ने प्रशिक्षण को उपयोगी बताते हुए भविष्य में ऐसे कार्यक्रम और कराने की जरूरत बताई।
