बलिया के लाल का कमाल, अमेरिकी कंपनी ने 1.75 करोड़ पैकेज पर किया हायर,पिता ने कहा-बेटे की सफलता औरों को करेगी प्रेरित
बलिया जिले के बादिलपुर (पोखरा) निवासी अनिमेष आनंद मिश्रा (29) को अमेरिकी कंपनी मैकेंजी ने 1.70 करोड़ रुपये का वार्षिक पैकेज दिया है। कंपनी ने ज्वाइनिंग लेटर दे दिया है और अनिमेष फरवरी 2021 में कंपनी ज्वाइन करेंगे। इस समय वे कैलिफोर्निया में जॉब कर रहे हैं। उनकी बहन अंकिता मिश्रा भी कैलिफोर्निया में ही इंजीनियर हैं। उनके पिता श्रीप्रकाश मिश्र दुबेछपरा स्थित पीएन इंटर कॉलेज के शिक्षक हैं। पिता ने कहा कि बेटे की सफलता अन्य छात्रों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करेगी। वहीं पुत्र की इस सफलता से मां सरोज मिश्रा भी बेहद खुश हैं।
पिता श्रीप्रकाश मिश्र ने बताया कि जब अनिमेश और पुत्री अंकिता की उम्र स्कूल में दाखिल कराने की हुई तो सरोज ने दोनों को वाराणसी में पढ़ाने की बात कही। इसके बाद पत्नी दोनों बच्चों को लेकर वाराणसी शिफ्ट हो गईं। उन्होंने वाराणसी में दोनों बच्चों का दाखिला सेंट जांस स्कूल मढ़ौली में कराया। अनिमेष शुरू से ही मेधावी था, उसने हर कक्षा में टॉप किया। बहन भी पढ़ने में ठीक थी।
हाईस्कूल के बाद अनिमेष केबीपीवाई की परीक्षा में शामिल हुआ। इसमें पूरे प्रदेश से अनिमेष समेत दो बच्चे चयनित हुए। इसके बाद अनिमेष की पढ़ाई का जिम्मा आइसर कंपनी ने ले लिया। कंपनी के खर्चे पर ही अनिमेष ने 2014 में भोपाल में एमएस तक की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद कंपनी ने इन्हें नौकरी भी दे दी। उसी वर्ष उसने पीएचडी करने का निर्णय लिया जो अब भी जारी है।
लगभग एक वर्ष पूर्व अनिमेष को कंपनी की ओर से कैलिफोर्निया भेजा गया। इस समय भी वह वहीं तैनात है। बताया कि अनिमेष ने देश-विदेश की कई नामी कंपनियों में इंटरव्यू दिया था लेकिन सबसे अधिक 1.70 करोड़ का सालाना पैकेज मैकेंजी कंसलटेंसी ने दिया है।
हर मां चाहती है संतान से हो उसकी पहचान: सरोज मिश्रा
अनिमेष की मां सरोज मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक मां की ललक होती है कि उसकी पहचान संतान की सफलता से बने। समाज में उसकी संतान की वजह से इज्जत मिले। आज अनिमेष ने मेरी ये ललक पूरी कर दी। संतान को सफल बनाने में मां की ही अहम भूमिका होती है और उसे इसके लिए त्याग भी करने पड़ते हैं। आज पुत्र की सफलता ने मुझे अपनी जवानी के उन दिनों दिक्कतों को भुला दिया है, जब मैंने बच्चों की खातिर पति से दूर अकेले रहने का फैसला लिया था। वह दौर वह समय काफी कठिन था।
मां के त्याग व पिता के सहयोग से मिली सफलता: अनिमेष
कैलिफोर्निया में रह रहे अनिमेष ने वाट्सएप कॉल से हुई बातचीत में कहा कि आज वे जो कुछ भी हैं अपनी मां के त्याग और पिता के सहयोग की बदौलत ही हैं। हर मां चाहती है कि उसकी संतान सफल हो, लेकिन सभी इसमें सफल नहीं हो पातीं, क्योंकि उन्हें सहयोग नहीं मिल पाता, परिस्थितियां वैसी नहीं बन पातीं।
मेरी मां के साथ अच्छी बात यही रही कि पापा ने हर कदम पर उनका साथ दिया और उनके हर निर्णय को सराहा। मां ने अकेले रहते हुए भी हमें कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि हम पापा से दूर हैं। वह मौका देखते ही कभी मां तो कभी पापा के रूप में हमारे सामने होती थी। अनिमेष ने कहा कि यदि सभी बच्चें माता-पिता की इच्छाओं के अनुरूप चलने लगें तो उन्हें सफलता पाने से कोई रोक नहीं सकता।
