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राम बुझारत आत्मदाह केस : दरोगा पवन कनौजिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, थाने के सामने आग लगाकर दी थी जान

अमर उजाला नेटवर्क, बलरामपुर Published by: आकाश द्विवेदी Updated Thu, 06 Nov 2025 07:39 PM IST
सार

बलरामपुर में थाने के सामने आत्मदाह करने वाले दलित राम बुझारत केस में नया मोड़ आ गया है। उस वक्त के थानाध्यक्ष के खिलाफ विवेचना पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। 
 

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Ram Bujharat self-immolation case: Chargesheet filed against Inspector Pawan Kanojia, who had set himself on f
दरोगा के खिलाफ चलेगा मुकदमा - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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बलरामपुर में गैड़ास बुजुर्ग थाने के सामने आत्मदाह करने वाले दलित राम बुझारत प्रकरण में बड़ा मोड़ आ गया है। मामले में आरोपी तत्कालीन थानाध्यक्ष दरोगा पवन कुमार कनौजिया के खिलाफ विवेचना पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। शासन से अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद कार्रवाई की यह बड़ी प्रगति मानी जा रही है। इस प्रकरण की विवेचना अपर पुलिस अधीक्षक गोंडा राधेश्याम राय के नेतृत्व में चल रही थी। 
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उन्होंने सभी साक्ष्यों व बयानों का संकलन कर दरोगा के विरुद्ध अपराध सिद्ध होने के पर्याप्त आधार मिलने पर चार्जशीट दाखिल कर दी है। मृतक की पत्नी कुसुमा देवी की याचिका पर हाईकोर्ट ने शासन को जांच और अभियोजन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया था।
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इसके बाद शासन ने 24 अक्तूबर को मुकदमा चलाने की स्वीकृति दी थी। सोमवार को हुई सुनवाई में न्यायालय ने चार्जशीट दाखिल करने की समयसीमा तय की थी। सूत्रों के अनुसार अब आरोपी दरोगा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। फिलहाल अभी दरोगा को बड़े पुलिस अधिकारियों का बरदहस्त प्राप्त है।

यह था पूरा मामला

23 अक्तूबर 2023 को गैड़ास बुजुर्ग थाने के सामने की जमीन पर पुलिस कब्जे से आहत राम बुझारत ने थाने के सामने ही आत्मदाह कर लिया था। उन्हें गंभीर अवस्था में लखनऊ रेफर किया गया, जहां 27 अक्तूबर को उनकी मौत हो गई थी। मामले ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी थी।

तत्कालीन जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने मजिस्ट्रेट जांच कराई थी, जिसमें दरोगा पवन कनौजिया को दोषी पाया गया था। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी जांच में भी यह साबित हुआ कि दरोगा ने विवादित भूमि पर अवैध कब्जा दिलाने में भूमिका निभाई, जिसके कारण राम बुझारत ने यह कदम उठाया।

दरोगा पर अब कोर्ट में चलेगा मुकदमा

चार्जशीट दाखिल होने के साथ ही अब दरोगा पवन कनौजिया पर मुकदमे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जल्द ही न्यायालय में अभियोजन साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएंगे। वहीं, पुलिस विभाग ने शासन को चार्जशीट की प्रति भेज दी है। दलित संगठनों ने इसे न्याय की दिशा में अहम कदम बताया है। मृतक की पत्नी कुसुमा देवी ने कहाकि हमने लंबे समय तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी। अब उम्मीद है कि मेरे पति की मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा मिलेगी।

दरोगा के बचाव में होती रही विभागीय कवायद

घटना के बाद पुलिस विभाग ने शुरू में दरोगा को बचाने की कोशिश की थी। तत्कालीन सीओ उतरौला की रिपोर्ट में मृतक की पत्नी पर ही आरोप लगाया गया था, लेकिन जिलाधिकारी की जांच में यह रिपोर्ट गलत साबित हुई। इसके बाद शासन ने दोनों अधिकारियों का तबादला कर दिया था और एसआईटी गठित कर जांच कराई थी।

इसके साथ ही दरोगा पवन कुमार को अपर पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट पर निलंबित किया गया। बाद में प्रतिकूल प्रविष्टि जैसी मामूली कार्रवाई कर बहाल कर दिया गया। दरोगा की अपील पर बाद में देवीपाटन मंडल के डीआईजी ने प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई भी समाप्त कर दी। इस समय उसकी तैनाती आईजी देवीपाटन मंडल के कार्यालय मे है। जिसकी खासी चर्चा है।








 
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