{"_id":"6944383fd84112fd740bad88","slug":"fog-blankets-city-long-distance-trains-affected-banda-news-c-212-1-sknp1006-137674-2025-12-18","type":"story","status":"publish","title_hn":"Banda News: कोहरे की चादर से ढका शहर, लंबी दूरी की ट्रेनें प्रभावित","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Banda News: कोहरे की चादर से ढका शहर, लंबी दूरी की ट्रेनें प्रभावित
विज्ञापन
फोटो - 06 दिन में 12 बजे कोहरे की चादर से ढहा बांदा का रेलवे स्टेशन। संवाद
विज्ञापन
बांदा। सर्दी और कोहरे से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। गुरुवार को कोहरे की चादर से पूरा शहर ढका रहा। न्यूनतम तापमान में दो डिग्री और अधिकतम तापमान में नौ डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। सरकारी अस्पतालों में मरीजों और रेलवे स्टेशन और रोडवेज में यात्रियों की संख्या नाममात्र की रही। लंबी दूरी की चलने वाली ट्रेनें दो से आठ घंटे की देरी से बांदा स्टेशन पहुंची। कानपुर जाने वाली पहली बस को यात्रियों के न होने के चलते कैंसिल करना पड़ गया। दोपहर 10 बजे तक दृश्यता नाममात्र की रही।
कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग प्रोफेसर दिनेश शाहा के मुताबिक बुंदेलखंड और आसपास जिलों का मौसम सर्द और स्थिर बना हुआ है। दक्षिण-पश्चिम हवा कमजोर होने से रात व सुबह के समय में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार की सुबह कोहरे की घनी चादर के साथ हुई।
बुधवार को अधिकतम तापमान 23 व न्यूनतम आठ डिग्री दर्ज किया गया जबकि गुरुवार को यह घटकर अधिकतम तापमान 14 डिग्री पर और न्यूनतम तापमान 6 डिग्री तक पहुंच गया। भीषण ठंड में लोग घरों में दुबकने के लिए मजबूर हो गए। रेलवे स्टेशन, रोडवेज में यात्रियों की संख्या नाममात्र की रही। सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारी रूम हीटर लगाए काम करते देखे गए। सड़कों में मजबूरी में निकलने वाले लोग कंबल ओढ़कर निकले। स्कूली बच्चे भी घने कोहरे में स्कूल जाते दिखाई दिए।
लंबी दूरी की प्रमुख ट्रेनें देरी से आईं
बांदा रेलवे स्टेशन प्रबंधक मनोज शिवहरे ने बताया कि 24 घंटे के अंतराल में आंबेडकर नगर से चलकर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन निर्धारित समय रात डेढ़ बजे के स्थान पर छह घंटा 15 मिनट की देरी से गुरुवार सुबह सात बजकर 45 मिनट पर स्टेशन पहुंची। बरौनी से अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन का समय सुबह साढ़े 10 बजे है। यह ट्रेन तीन घंटा 25 मिनट की देरी से दोपहर एक बजकर 55 मिनट पर आई। अहमदाबाद से बरौनी जाने वाली ट्रेन का समय रात ढाई बजे है। यह गुरुवार को सुबह चार बजकर पांच मिनट पर आई। प्रयागराज से ग्वालियर की ओर जाने वाली ट्रेन का समय दोपहर 12 बजकर 23 मिनट है। यह दोपहर दो बजकर 52 मिनट पर आई। आगरा से चंबल जाने वाली ट्रेन का समय दोपहर 12 बजकर 35 मिनट निर्धारित है। यह ट्रेन एक घंटा देरी से बांदा प्लेटफार्म पहुंची। बनारस से ग्वालियर जाने वाली ट्रेन 45 मिनट देरी से पहुंची। इसी तरह से ग्वालियर से बनारस जाने वाली ट्रेन 55 मिनट की देरी से पहुंची। दादर से बलिया ट्रेन का समय रात में तीन बजे समय निर्धारित है। यह ट्रेन नौ घंटा देरी से गुरुवार को दोपहर एक बजे बांदा स्टेशन पहुंची।
कानपुर जाने वाली पहली बस को नहीं मिली सवारियां
कोहरे और सर्दी की वजह से रोडवेज बस स्टैंड में भी यात्रियों का टोटा रहा। सुबह रवाना होने वाली बसें नाममात्र के यात्रियों को लेकर रवाना हुईं। रोडवेज एआरएम ने बताया कि गुरुवार सुबह कोहरे की वजह से यात्रियों के न निकलने से सुबह चार बजे कानपुर जाने वाली बस महज दो सवारियां अतरहट और पलरा की होने की वजह से रवाना नहीं हो सकी। साढ़े चार बजे दूसरी बस बांदा से कानपुर और मथुरा जाने वाली बस तीन सवारियां लेकर रवाना हुईं। प्रयागराज की ओर जाने वाली बस चित्रकूट की तीन सवारियां लेकर गई। (संवाद)
गेहूं के लिए फायदेमंद है यह मौसम
कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के प्रोफेसर दिनेश शाहा ने बताया कि कोहरे के कारण दृश्यता कम हो जाती है। इसके कारण सौर विकिरण का प्रभाव कम हो जाता है जिससे दिन का तापमान बढ़ नहीं पाता। इस वर्ष क्षेत्र में बरसात की तरह जाड़े का मौसम भी फसलों के अनुरूप देखा जा रहा है। दिसंबर का पहला पखवाड़ा कम ठंडा रहा। दूसरे पखवाड़े से दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को न्यूनतम छह डिग्री व अधिकतम 14 आंका गया है। बुधवार की तुलना में न्यूनतम तापमान में दो डिग्री जबकि अधिकतम तापमान में नौ डिग्री की गिरावट देखी जा रही है। गत तीन-चार वर्षों के सापेक्ष अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान सामान्य से थोड़ा नीचे है। इन दिनों कम तापमान रबी फसलों के लिए उपयोगी होता है। ठंडा मौसम गेहूं के विकास में सहायक होने के साथ सिंचाई अंतराल भी बढ़ाता है। कम तापमान और कोहरे की स्थिति दलहनी फसलों के पैदावार को प्रभावित करता है।
Trending Videos
कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग प्रोफेसर दिनेश शाहा के मुताबिक बुंदेलखंड और आसपास जिलों का मौसम सर्द और स्थिर बना हुआ है। दक्षिण-पश्चिम हवा कमजोर होने से रात व सुबह के समय में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार की सुबह कोहरे की घनी चादर के साथ हुई।
विज्ञापन
विज्ञापन
बुधवार को अधिकतम तापमान 23 व न्यूनतम आठ डिग्री दर्ज किया गया जबकि गुरुवार को यह घटकर अधिकतम तापमान 14 डिग्री पर और न्यूनतम तापमान 6 डिग्री तक पहुंच गया। भीषण ठंड में लोग घरों में दुबकने के लिए मजबूर हो गए। रेलवे स्टेशन, रोडवेज में यात्रियों की संख्या नाममात्र की रही। सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारी रूम हीटर लगाए काम करते देखे गए। सड़कों में मजबूरी में निकलने वाले लोग कंबल ओढ़कर निकले। स्कूली बच्चे भी घने कोहरे में स्कूल जाते दिखाई दिए।
लंबी दूरी की प्रमुख ट्रेनें देरी से आईं
बांदा रेलवे स्टेशन प्रबंधक मनोज शिवहरे ने बताया कि 24 घंटे के अंतराल में आंबेडकर नगर से चलकर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन निर्धारित समय रात डेढ़ बजे के स्थान पर छह घंटा 15 मिनट की देरी से गुरुवार सुबह सात बजकर 45 मिनट पर स्टेशन पहुंची। बरौनी से अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन का समय सुबह साढ़े 10 बजे है। यह ट्रेन तीन घंटा 25 मिनट की देरी से दोपहर एक बजकर 55 मिनट पर आई। अहमदाबाद से बरौनी जाने वाली ट्रेन का समय रात ढाई बजे है। यह गुरुवार को सुबह चार बजकर पांच मिनट पर आई। प्रयागराज से ग्वालियर की ओर जाने वाली ट्रेन का समय दोपहर 12 बजकर 23 मिनट है। यह दोपहर दो बजकर 52 मिनट पर आई। आगरा से चंबल जाने वाली ट्रेन का समय दोपहर 12 बजकर 35 मिनट निर्धारित है। यह ट्रेन एक घंटा देरी से बांदा प्लेटफार्म पहुंची। बनारस से ग्वालियर जाने वाली ट्रेन 45 मिनट देरी से पहुंची। इसी तरह से ग्वालियर से बनारस जाने वाली ट्रेन 55 मिनट की देरी से पहुंची। दादर से बलिया ट्रेन का समय रात में तीन बजे समय निर्धारित है। यह ट्रेन नौ घंटा देरी से गुरुवार को दोपहर एक बजे बांदा स्टेशन पहुंची।
कानपुर जाने वाली पहली बस को नहीं मिली सवारियां
कोहरे और सर्दी की वजह से रोडवेज बस स्टैंड में भी यात्रियों का टोटा रहा। सुबह रवाना होने वाली बसें नाममात्र के यात्रियों को लेकर रवाना हुईं। रोडवेज एआरएम ने बताया कि गुरुवार सुबह कोहरे की वजह से यात्रियों के न निकलने से सुबह चार बजे कानपुर जाने वाली बस महज दो सवारियां अतरहट और पलरा की होने की वजह से रवाना नहीं हो सकी। साढ़े चार बजे दूसरी बस बांदा से कानपुर और मथुरा जाने वाली बस तीन सवारियां लेकर रवाना हुईं। प्रयागराज की ओर जाने वाली बस चित्रकूट की तीन सवारियां लेकर गई। (संवाद)
गेहूं के लिए फायदेमंद है यह मौसम
कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के प्रोफेसर दिनेश शाहा ने बताया कि कोहरे के कारण दृश्यता कम हो जाती है। इसके कारण सौर विकिरण का प्रभाव कम हो जाता है जिससे दिन का तापमान बढ़ नहीं पाता। इस वर्ष क्षेत्र में बरसात की तरह जाड़े का मौसम भी फसलों के अनुरूप देखा जा रहा है। दिसंबर का पहला पखवाड़ा कम ठंडा रहा। दूसरे पखवाड़े से दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को न्यूनतम छह डिग्री व अधिकतम 14 आंका गया है। बुधवार की तुलना में न्यूनतम तापमान में दो डिग्री जबकि अधिकतम तापमान में नौ डिग्री की गिरावट देखी जा रही है। गत तीन-चार वर्षों के सापेक्ष अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान सामान्य से थोड़ा नीचे है। इन दिनों कम तापमान रबी फसलों के लिए उपयोगी होता है। ठंडा मौसम गेहूं के विकास में सहायक होने के साथ सिंचाई अंतराल भी बढ़ाता है। कम तापमान और कोहरे की स्थिति दलहनी फसलों के पैदावार को प्रभावित करता है।

फोटो - 06 दिन में 12 बजे कोहरे की चादर से ढहा बांदा का रेलवे स्टेशन। संवाद

फोटो - 06 दिन में 12 बजे कोहरे की चादर से ढहा बांदा का रेलवे स्टेशन। संवाद
