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Banda News: आत्मसम्मान के आगे झुकी रस्में, संजोकता को मिला सम्मान

संवाद न्यूज एजेंसी, बांदा Updated Mon, 08 Dec 2025 12:08 AM IST
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Rituals bowed before self-respect, Sanjokta was honored.
फोटो- 10 संजोकता वर्मा को अंग-वस्त्र भेंटकर प्रशस्ति-पत्र देते भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्य - फोटो : udhampur news
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बांदा। जसपुरा थाना क्षेत्र के गौरी कला गांव में बीते दिनों हुई एक घटना अब पूरे जिले में प्रेरणा बनकर गूंज रही है। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के ग्राम छिंदा निवासी संजोकता वर्मा उर्फ संजू, जो कुछ समय से अपनी मौसी के घर गौरी कला में रह रही थी। उसने वह कदम उठाया जिसकी हिम्मत बहुत कम लोग कर पाते हैं। शादी की पूरी तैयारी हो चुकी थीं, रिश्तेदार जुट चुके थे, घर में शहनाई बजने की घड़ी थी लेकिन जैसे ही संजू ने जयमाल के दौरान देखा कि दूल्हा नशे में शादी करने आया है तो उसने जीवनभर समझौता करने से बेहतर साहस और स्वाभिमान का रास्ता चुना और शादी से इन्कार कर दिया।
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संजू का यह कदम न सिर्फ उसके परिवार बल्कि ग्रामीणों के लिए भी चौंकाने वाला था लेकिन यह हैरानी जल्दी ही सम्मान में बदल गई। संजू ने कहा कि जीवनभर का रिश्ता किसी नशेबाज से जोड़ना उसके सिद्धांतों और आत्मसम्मान के खिलाफ था। इसी सोच ने उसे समाज में एक मिसाल बनाकर खड़ा कर दिया। संजू की बहादुरी को सलाम करते हुए भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्यों ने संजू के घर पहुंचकर अंग-वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया।
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संगठन के प्रचारक डॉ. नितिन कश्यप ने इसे युवतियों की आत्म-सुरक्षा और जागरूकता की दिशा में एक प्रेरक पहल बताया। गौरी कला गांव में संजू के सम्मान के बाद खुशी और गर्व का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि इस घटना ने यह साबित कर दिया कि लड़की कमजोर नहीं बल्कि परिस्थितियों का सामना करने पर वह समाज को दिशा देने की क्षमता रखती है। संजू की यह कहानी अब उन युवतियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं। उसके साहसिक फैसले ने यह दिखाया है कि सही निर्णय, चाहे कितना भी मुश्किल क्यों न हो, अंत में सम्मान ही दिलाता है।
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नशेड़ी समाज को बहादुर बेटी ने दिखाया आईना :

मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी और जनपद के मूल निवासी एडीजी प्रशिक्षण राजाबाबू सिंह ने भी संजू से मोबाइल फोन पर काल करके उसके इस फैसले की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि समाज में नशा न सिर्फ परिवारों को तोड़ता है, बल्कि महिलाओं के जीवन को असुरक्षित बनाता है। ऐसे में संजू का कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत संदेश है।
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युवती ने गलत को गलत कहने की हिम्मत दिखाई
जिले के डिप्टी कलेक्टर शशिभूषण मिश्रा ने भी संजू के निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा कि युवती का यह कदम नशे की गिरफ्त में फंसे समाज के लिए आईना है। जिस साहस के साथ उसने गलत को गलत कहने की हिम्मत दिखाई, वह आज के दौर में बेहद दुर्लभ है।
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साहसिक और आत्मसम्मान वाला निर्णय
उत्तर-प्रदेश के पूर्व डीजीपी, जिले के मूल निवासी सुलखान सिंह ने संजू के निर्णय को साहसिक और आत्मसम्मान का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा कि समाज में नशा-मुक्ति और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ऐसा कदम सभी को जागरूक करने वाला है।
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