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Barabanki News: सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने पर खर्च होंगे आठ करोड़

संवाद न्यूज एजेंसी, बाराबंकी Updated Mon, 29 Dec 2025 01:25 AM IST
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Eight crore rupees will be spent on preserving cultural heritage.
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बाराबंकी। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण ने सिर्फ राम नगरी को ही नहीं, बल्कि उससे जुड़े पूरे सांस्कृतिक संपदा से परिपूर्ण इलाकों को भी नई पहचान देना शुरू कर दिया है। इसके चलते ही अयोध्या लोकसभा क्षेत्र के बाराबंकी जिले में पड़ने वाले दरियाबाद क्षेत्र में स्थित सैकड़ों वर्ष पुराने आठ मंदिरों और धार्मिक स्थलों का सुंदरीकरण कर उन्हें संरक्षित किया जाएगा। इन्हें सहेजने पर आठ करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री सतीश शर्मा के प्रस्ताव पर सरकार ने इसके लिए आठ करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। दरियाबाद क्षेत्र को रामनगरी अयोध्या का पश्चिम द्वार माना जाता है। क्षेत्रीय विधायक व राज्यमंत्री सतीशचंद्र शर्मा ने इसे लेकर दो साल पहले प्रयास शुरू किया था। उन्होंने पूरे क्षेत्र का सर्वे कराकर पुराने मंदिरों की सूची तैयार कराने के बाद प्रथम चरण में एक दर्जन प्राचीन मंदिरों व धार्मिक स्थलों को चिह्नित किया। जिसमें से तासीपुर गांव स्थित बुढ़वा बाबा मंदिर के लिए पहले ही 2.38 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं।
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अब दरियाबाद बाईपास के समीप स्थित करीब 300 वर्ष पुराने शीतला माता मंदिर के विकास के लिए 1.66 करोड़ रुपये तथा आलियाबाद स्थित श्री सर्वेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 92.94 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। इन दोनों प्रमुख मंदिरों का सुंदरीकरण कार्य कुल 2.59 करोड़ रुपये खर्च से होगा। इसी तरह दादूपुर गांव स्थित राजारामन धाम के लिए 50.56 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। मान्यता है कि वनवास से लौटते समय भगवान श्रीराम ने गोमती नदी के किनारे स्थित इस स्थल पर माता सीता और लक्ष्मण के साथ विश्राम किया था।
इसके साथ ही पूरेडलई ब्लॉक के बराइन गांव स्थित प्राचीन बाघनाथन शिव मंदिर के लिए 50.56 लाख, गाजीपुर गांव स्थित हनुमान मंदिर के लिए 50.39 लाख, जेठौती कुर्मियान गांव के बालाजी मंदिर के लिए 50.56 लाख, सूर्यपुर ग्राम पंचायत के गोड़ियनपुरवा स्थित जलहली माता मंदिर के लिए 51.56 लाख और खारिकाफूल गांव के जलहली माता मंदिर के लिए 50.56 लाख खर्च की बजट राशि स्वीकृत हुई है। इन योजनाओं के पूरा होने से न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि दूर-दराज से आने वाले भक्तों के लिए भी दरियाबाद क्षेत्र एक प्रमुख धार्मिक पड़ाव बनकर उभरेगा।
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अंग्रेजों के जिले को भारतीय पहचान
दरियाबाद सिर्फ अयोध्या का प्रवेश द्वार ही नहीं, बल्कि आस्था, इतिहास और आधुनिक सुविधाओं का संगम भी बनाया जा रहा है। अंग्रेजी शासनकाल में दरियाबाद जिला मुख्यालय भी रहा है। इससे नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का अवसर भी मिलेगा।
- सतीशचंद्र शर्मा, राज्यमंत्री एवं विधायक, दरियाबाद
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