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Barabanki News: सपना था शेफ बनना, पर बन गया साइबर क्राइम का माहिर खिलाड़ी
संवाद न्यूज एजेंसी, बाराबंकी
Updated Thu, 25 Dec 2025 12:13 AM IST
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बाराबंकी। कभी नौकरी की तलाश में दर-दर भटकने वाला बाराबंकी का पढ़ा-लिखा युवक खालिद कुछ ही महीनों में साइबर ठगी का बड़ा खिलाड़ी बन गया। इससे उसने करोड़ों रुपये बनाए। मुजफ्फरनगर पुलिस ने 3.9 करोड़ रुपये की ठगी में बाराबंकी से खालिद को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में खालिद ने जो बताया, उसे सुनकर पुलिस दंग रह गई। दरअसल, खालिद के खिलाफ तमिलनाडु, दिल्ली, महाराष्ट्र आदि में साइबर फ्रॉड की 23 शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें करीब 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है।
पुलिस के अनुसार, मूल रूप से गाजीपुर के रहने वाले 24 वर्षीय खालिद की कहानी किसी फिल्म की ''स्क्रिप्ट'' से कम नहीं है। बीते कई साल से बाराबंकी शहर के साईंपुरम में रहने वाले खालिद ने लखनऊ स्थित बीबीडी से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की। सपना था किसी बड़े होटल में शेफ बनकर लोगाें का लजीज खाने परोसने का। पर डिग्री हाथ में होने के बाद भी नौकरी नहीं। लगातार प्रयास के बावजूद कहीं काम नहीं मिला। इसी बीच एक साल पहले उसकी मुलाकात बाराबंकी के सार्थक नामक युवक से हुई। उसने खालिद को अपने बहकावे में लिया और लाखों रुपये के निवेश कराए, पर उसे एक पैसे का फायदा नहीं दिया। ऐसे में खालिद खुद को ठगे जाने जैसा महसूस करने लगा। थोड़ा वक्त बीता और वह नेपाल में रहने वाले बाराबंकी के ही अमान के संपर्क में आ गया। धीरे-धीरे अमान और खालिद के बीच नजदीकी बढ़ती गई। फिर वह वह नेपाल चला गया। वहां उसने साइबर क्राइम की बाकायदा ट्रेनिंग ली। फेसबुक सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसने ''जॉर्डन'' और ''जेम्स'' जैसे (कोड) नामों से पेज बनाए। साइबर क्राइम में पूरी तरह से ट्रेंड होने के बाद उसने अपना गिरोह बनाया और लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू किया। साइबर क्राइम के इस मास्टर माइंड ने लोगों के मोबाइल पर एपीके फाइल भेजकर बैंक खाते खाली करने शुरू कर दिए। कुछ महीनों बाद वह फिर बाराबंकी लौटा और ठगी का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर दिया। पुलिस के अनुसार, खालिद 50 से ज्यादा खातों पर लेनदेन करा चुका है। देश भर में साइबर ठगी के 23 मामलों में उसका नाम आया है। खालिद के एक बैंक खाते में 50 लाख रुपये मिले हैं।
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पुलिस के अनुसार, मूल रूप से गाजीपुर के रहने वाले 24 वर्षीय खालिद की कहानी किसी फिल्म की ''स्क्रिप्ट'' से कम नहीं है। बीते कई साल से बाराबंकी शहर के साईंपुरम में रहने वाले खालिद ने लखनऊ स्थित बीबीडी से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की। सपना था किसी बड़े होटल में शेफ बनकर लोगाें का लजीज खाने परोसने का। पर डिग्री हाथ में होने के बाद भी नौकरी नहीं। लगातार प्रयास के बावजूद कहीं काम नहीं मिला। इसी बीच एक साल पहले उसकी मुलाकात बाराबंकी के सार्थक नामक युवक से हुई। उसने खालिद को अपने बहकावे में लिया और लाखों रुपये के निवेश कराए, पर उसे एक पैसे का फायदा नहीं दिया। ऐसे में खालिद खुद को ठगे जाने जैसा महसूस करने लगा। थोड़ा वक्त बीता और वह नेपाल में रहने वाले बाराबंकी के ही अमान के संपर्क में आ गया। धीरे-धीरे अमान और खालिद के बीच नजदीकी बढ़ती गई। फिर वह वह नेपाल चला गया। वहां उसने साइबर क्राइम की बाकायदा ट्रेनिंग ली। फेसबुक सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसने ''जॉर्डन'' और ''जेम्स'' जैसे (कोड) नामों से पेज बनाए। साइबर क्राइम में पूरी तरह से ट्रेंड होने के बाद उसने अपना गिरोह बनाया और लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू किया। साइबर क्राइम के इस मास्टर माइंड ने लोगों के मोबाइल पर एपीके फाइल भेजकर बैंक खाते खाली करने शुरू कर दिए। कुछ महीनों बाद वह फिर बाराबंकी लौटा और ठगी का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर दिया। पुलिस के अनुसार, खालिद 50 से ज्यादा खातों पर लेनदेन करा चुका है। देश भर में साइबर ठगी के 23 मामलों में उसका नाम आया है। खालिद के एक बैंक खाते में 50 लाख रुपये मिले हैं।
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