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Barabanki News: शिलान्यास कर लोधेश्वर महादेवा के पर्यटन विकास को गति दे गए योगी
संवाद न्यूज एजेंसी, बाराबंकी
Updated Thu, 13 Nov 2025 12:25 AM IST
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रामनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को फतेहपुर में आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम में उत्तर भारत के प्रमुख शिवतीर्थों में से एक लोधेश्वर महादेवा के पर्यटन विकास को गति प्रदान की। करीब दो सौ करोड़ रुपये की लागत से लोधेश्वर महादेवा में कॉरिडोर निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। कॉरिडोर निर्माण के लिए अधिग्रहित व खरीदी गई जमीन पर बने भवनों का ध्वस्तीकरण लगभग पूरा हो चुका है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री निकट भविष्य में लोधेश्वर महादेव के दर्शन-पूजन के लिए आ सकते हैं। जिसके चलते तब तक कॉरिडोर का काफी काम जमीन पर दिखने लगेगा। माना जा रहा है कि 2027 तक इस कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो जाएगा।
लोगों का मानना है कि मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में लोधेश्वर कॉरिडोर की चर्चा करके इसके निर्माण कार्य में चल रही सुस्ती को दूर करने का काम किया है। अब कार्यदायी संस्था के काम में गति आना तय है। मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में कॉरिडोर का निर्माण शामिल है, इसका अहसास जिले की जनता को मुख्यमंत्री के संबोधन से हुआ है। जिससे लोग हर्षित हैं और उनके प्रति आभार जता रहे हैं।
अधिवक्ता सूर्य प्रकाश मिश्रा का कहना है कि मुख्यमंत्री ने महादेव में कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दिलाने के साथ ही धनराशि जारी कर करोड़ों श्रद्धालुओं के मन को प्रसन्न किया है। मुख्यमंत्री की नजर इस पर निरंतर बनी है, इसलिए काम गुणवत्तापूर्ण और गतिशीलता से होगा। रामनगर कस्बा निवासी राजेश शुक्ला का कहना है कि कॉरिडोर बनने से सभी को लाभ मिलेगा और स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे। अधिवक्ता शिव प्रकाश अवस्थी ने कहा कि कॉरिडोर से लोधेश्वर महादेवा को विश्व पटल पर पहचान मिलेगी। अधिवक्ता सतीश चंद्र शुक्ला ने बताया कि कॉरिडोर को लेकर मुख्यमंत्री की पूरे क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है, जो सनातनियों के लिए हर्ष और गौरव का विषय है।
काशी विश्वनाथ की तर्ज पर बनेगा कॉरिडोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महादेवा को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने के लिए करीब दो सौ करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। करीब 48 करोड़ 50 लाख रुपये जमीन खरीदने के लिए प्रथम किस्त के रूप में दिए गए। इसके बाद निर्माण के लिए करीब 49 करोड़ रुपये जारी किए गए। शेष धनराशि निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार जारी की जाएगी।
14.7 एकड़ जमीन की हुई व्यवस्था
कॉरिडोर के लिए 14.7 एकड़ जमीन की व्यवस्था की गई है। 147 भवन इस परिधि में आए। पर्यटन विभाग के पक्ष में रजिस्ट्री होने के बाद 88 भवनों का ध्वस्तीकरण किया जा चुका है। अवैध निर्माण भी ढहाए गए। शासन से कॉरिडोर निर्माण के लिए नामित संस्था सीडीसी ने मुख्य गेट के लिए नींव खोदवाकर निर्माण भी शुरू कर दिया है।
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लोगों का मानना है कि मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में लोधेश्वर कॉरिडोर की चर्चा करके इसके निर्माण कार्य में चल रही सुस्ती को दूर करने का काम किया है। अब कार्यदायी संस्था के काम में गति आना तय है। मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में कॉरिडोर का निर्माण शामिल है, इसका अहसास जिले की जनता को मुख्यमंत्री के संबोधन से हुआ है। जिससे लोग हर्षित हैं और उनके प्रति आभार जता रहे हैं।
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अधिवक्ता सूर्य प्रकाश मिश्रा का कहना है कि मुख्यमंत्री ने महादेव में कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दिलाने के साथ ही धनराशि जारी कर करोड़ों श्रद्धालुओं के मन को प्रसन्न किया है। मुख्यमंत्री की नजर इस पर निरंतर बनी है, इसलिए काम गुणवत्तापूर्ण और गतिशीलता से होगा। रामनगर कस्बा निवासी राजेश शुक्ला का कहना है कि कॉरिडोर बनने से सभी को लाभ मिलेगा और स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे। अधिवक्ता शिव प्रकाश अवस्थी ने कहा कि कॉरिडोर से लोधेश्वर महादेवा को विश्व पटल पर पहचान मिलेगी। अधिवक्ता सतीश चंद्र शुक्ला ने बताया कि कॉरिडोर को लेकर मुख्यमंत्री की पूरे क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है, जो सनातनियों के लिए हर्ष और गौरव का विषय है।
काशी विश्वनाथ की तर्ज पर बनेगा कॉरिडोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महादेवा को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने के लिए करीब दो सौ करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। करीब 48 करोड़ 50 लाख रुपये जमीन खरीदने के लिए प्रथम किस्त के रूप में दिए गए। इसके बाद निर्माण के लिए करीब 49 करोड़ रुपये जारी किए गए। शेष धनराशि निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार जारी की जाएगी।
14.7 एकड़ जमीन की हुई व्यवस्था
कॉरिडोर के लिए 14.7 एकड़ जमीन की व्यवस्था की गई है। 147 भवन इस परिधि में आए। पर्यटन विभाग के पक्ष में रजिस्ट्री होने के बाद 88 भवनों का ध्वस्तीकरण किया जा चुका है। अवैध निर्माण भी ढहाए गए। शासन से कॉरिडोर निर्माण के लिए नामित संस्था सीडीसी ने मुख्य गेट के लिए नींव खोदवाकर निर्माण भी शुरू कर दिया है।