Bareilly News: बांग्लादेशी तीन बहनों और झोलाछाप के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, अगस्त में हुई थी गिरफ्तारी
बरेली में पुलिस ने दो महीने तक अभियान चलाकर अवैध प्रवासियों को चिह्नित किया था। इस दौरान चार बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए थे। इनमें तीन सगी बहनें हैं। एक झोलाछाप डॉक्टर है। चारों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।
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बरेली में रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को चिह्नित कर उनको वापस भेजने के लिए शासन के आदेश पर कार्रवाई होनी है। बरेली में पुलिस ने जून में ही दो महीने का अभियान चलाकर अवैध प्रवासियों को चिह्नित कर लिया था। इनमें दस से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिकों के यहां होने की पुष्टि हुई थी। दो रिपोर्ट दर्ज कर तीन सगी बहनों व एक झोलाछाप को जेल भेजा गया था। अब दोनों मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।
एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर पुलिस व एलआईयू ने जून में अभियान की शुरुआत की थी। इस दौरान झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे व घुमंतू परिवारों के करीब सात हजार संदिग्ध लोगों को चिह्नित किया गया। इनमें से ज्यादातर ने खुद को भारत के ही दूसरे प्रदेशों का निवासी बताया, लेकिन उनके पास अपनी नागरिकता को लेकर अपुष्ट दस्तावेज थे।
तीन बहनों को कोर्ट ने भेजा था जेल, जमानत अर्जी भी खारिज
22 अगस्त को प्रेमनगर थाने में बांग्लादेशी मूल की बुजुर्ग महिला मुनारा बी, उसकी दो बहनें सायरा बानो व तस्लीमा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की गई थी। तीनों बचपन से ही यहां रह रही थीं। मुनारा तो बहन की आईडी पर फर्जी पासपोर्ट बनवाकर नौ बार विदेश यात्रा कर चुकी थी। अब तीनों बहनों के खिलाफ प्रेमनगर थाना पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। स्थानीय अदालत से जमानत खारिज होने के बाद इनके परिजनों ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है।
इसी तरह, चार सितंबर को बांग्लादेशी मूल का राजू मंडल गिरफ्तार किया गया था। वह फतेहगंज पश्चिमी में साबिर हुसैन नाम के कागजातों से बनाई पहचान से रह रहा था और झोलाछाप के तौर पर लोगों का इलाज करता था। उसके मामले में भी फतेहगंज पश्चिमी पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।
ज्यादातर महिलाएं कार्रवाई की जद से बाहर
अभियान के दौरान जिले में चिह्नित संदिग्ध लोगों की सही पहचान उनके मूल राज्यों व जिलों से आ चुकी है, जबकि करीब 17 लोगों की पहचान स्पष्ट नहीं हो सकी है। इन्हें बांग्लादेशी माना जा रहा है, पर इनमें ज्यादातर हिंदू महिलाएं हैं। उन्हें शादी करके यहां लाया गया है। केंद्र सरकार के नागरिकता कानून के नवीनतम संशोधन के मुताबिक, इन्हें कार्रवाई के दायरे से बाहर माना जा रहा है। इन्हें भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि जून में किए गए सर्वे में स्थिति काफी हद तक स्पष्ट हो गई थी। कुछ लोगों को रिपोर्ट लिखकर जेल भेजा गया था। कुछ संदिग्धों का बांग्लादेश दूतावास के जरिये सत्यापन कराया जा रहा है। वहां से रिपोर्ट मिलने पर आगे कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर पुलिस दोबारा यही काम करेगी।