बरेली में 1.23 करोड़ की ठगी: जिंदा को मृत दिखाकर हड़पी विधवा पेंशन, जनसेवा केंद्र संचालक समेत चार गिरफ्तार
बरेली में पुलिस ने जनसेवा केंद्र संचालक समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर फर्जी दस्तावेजों से विधवा पेंशन लेने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। ये गिरोह अब तक 1.23 करोड़ रुपये की धनराशि हड़प चुका है। पुलिस जांच में इसका खुलासा हुआ है।
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बरेली में पुलिस ने ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जीवित लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण व दस्तावेज तैयार कर विधवा पेंशन की धनराशि हड़प रहा था। पुलिस ने गिरोह के चार जालसाजों को गिरफ्तार किया। इसके बाद एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने बुधवार को इस मामले का खुलासा किया। एसपी दक्षिणी के मुताबिक इस गिरोह ने फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। जनसेवा केंद्र संचालक गिरोह का सरगना है।
शहर के आकांक्षा एन्क्लेव निवासी नारी शक्ति नारी सम्मान सेवा समिति अध्यक्ष यासमीन जहां के शिकायती पत्र के आधार पर आंवला थाना पुलिस ने हरीश कुमार समेत नौ नामजद व अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया था। एसपी दक्षिणी ने बताया कि विवेचना से पाया गया कि फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के गांव अगरास निवासी धर्मेंद्र लाल ने समृद्धि सक्षम जीवन निधि लिमिटेड कंपनी खोली थी। उसकी कंपनी में प्रमोद समेत कई अन्य व्यक्ति शामिल थे। ये आरोपी जीवित लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर विधवा पेंशन की धनराशि को अपने व परिचित के खातों में ले रहे थे।
आरोपियों ने अब तक 1.23 करोड़ रुपये हड़पे
धर्मेंद्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर सात खातों में कुल 1,23,22,647 रुपये का घोटाला किया गया है। आरोपी साल 2021 से विधवा पेंशन हड़प रहे थे। जांच के बाद आंवला थाना पुलिस ने मंगलवार रात करीब 10 बजे बिजलीघर के पास से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में हरीश कुमार, शांतिस्वरूप, मुनीष और प्रमोद शामिल हैं।
ऐसे करते थे जालसाजी
एसपी दक्षिणी के मुताबिक जांच में पता लगा कि आरोपी प्रमोद बरेली समृद्धि सक्षम जीवन निधि लिमिटेड कंपनी में ज्वांइट डायरेक्टर था। धर्मेंद्र कंपनी का डायरेक्टर था। उसका आंवला के गांव बिलौरी में जनसेवा केंद्र भी है। प्रमोद, शांति स्वरूप और मनीष इलाके में सीधे-साधे लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में बताकर गुमराह करते हुए उनके आधार, पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज प्राप्त कर लेते थे। हरीश जनसेवा केंद्र पर फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। आरोपियों के कब्जे से छह फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र मिले हैं। गिरोह के अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
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