Bareilly News: ग्रेटर बरेली के लिए 656 किसानों का जमीन देने से इन्कार, बीडीए का दावा हवा-हवाई
किसानों का कहना है कि वह किसी भी कीमत पर बीडीए को जमीन नहीं देंगे। वहीं बीडीए ने ग्रेटर बरेली आवासीय योजना को 12 सेक्टरों में विभाजित कर विक्रय योग्य अधिकांश भूमि का विक्रय/आवंटित करने का दावा किया है।

विस्तार
बरेली में सात गांवों के 656 किसानों ने ग्रेटर बरेली आवासीय योजना के लिए बीडीए (बरेली विकास प्राधिकरण) को जमीन देने से इन्कार कर दिया है। वैसे, बीडीए का दावा है कि उसने ग्रेटर बरेली आवासीय योजना को 12 सेक्टरों में विभाजित कर विक्रय योग्य अधिकांश भूमि का विक्रय/आवंटित कर दिया है। विशेष अध्याप्ति अधिकारी (एसएलएओ) ने ऐसे किसानों को नोटिस जारी कर तीन अक्तूबर को कलक्टेट में तलब किया है।

उधर, एसएलएओ का नोटिस मिलने के बाद संबंधित किसानों का कहना है कि वह किसी भी कीमत पर बीडीए को जमीन नहीं देंगे। ऐसे ही वालीपुर अहमदपुर के मनोज कुमार अपनी 16 गाटों पर मौजूद 0.5940 हेक्टेयर जमीन देने को तैयार नहीं हैं। इनकी जमीन बरेली-बीसलपुर मार्ग से सटी है, जिससे यह जमीन बेशकीमती है, लेकिन बीडीए ने जिला प्रशासन को तर्क दिया है कि इनकी जमीन सेक्टर-तीन में है। इस सेक्टर में नवदिया झादा और वालीपुर अहमदपुर की कुल 15.6444 हेक्टेयर जमीन निहित है, जिसमें उसने 14.3648 हेक्टेयर जमीन आपसी सहमति पर खरीद ली है।
सेक्टर-तीन को नियोजित व विकसित कर उसमें से 250 प्लाटों का आवंटन भी कर दिया है। ऐसे में मनोज की जमीन को अधिग्रहण से मुक्त करना संभव नहीं है। फिलहाल, जिन किसानों को नोटिस मिला है, उनकी जमीन का कुल क्षेत्रफल 32.7918 हेक्टेयर है। नोटिस मिलने से नाराज किसान तीन अक्तूबर को कलक्ट्रेट पहुंचकर अपनी बात रखेंगे।
हॉस्पिटल बनाने का पास किया नक्शा, अब बीडीए छीन रहा जमीन
अहरोला में गाटा-55 पर स्थित 0.4055 हेक्टेयर जमीन देने को राजेंद्र नगर की रितु भूटानी राजी नहीं हैं। उनकी इस जमीन पर ग्लेन कैंसर सेंटर एंड मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल बनाने की योजना है। इस बाबत बीडीए 26 अगस्त 2021 को नक्शा भी पास कर रखा है, लेकिन बीडीए का तर्क है कि ग्रेटर बरेली योजना के लिए आपसी सहमति के आधार पर भू-स्वामियों से उनकी जमीन खरीदने के लिए शुरुआती सूचना प्रकाशन होने के 11 महीने पूर्व हॉस्पिटल बनाने को नक्शा स्वीकृत किया गया था।
फिलहाल, जिला प्रशासन इनकी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है। उसने रितु भूटानी को नोटिस जारी कर तीन अक्तूबर को अपनी आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए कलक्ट्रेट तलब किया है। वहीं, दूसरी तरफ देवीनरायन गौटिया रामनगर के राम सिंह का कहना है कि बीडीए ने उनकी गाटा-575 और 558 की कुल साढ़े सात बीघा खेती साल भर पहले अधिग्रहीत कर ली। अब न जमीन जोतने दे रहे हैं और न ही मुआवजा दे रहे हैं। डीएम से लेकर बीडीए के अधिकारियों तक कोई कई बार प्रार्थना पत्र दे चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई है।
पहली टाउनशिप मांग रही नागरिक सुविधाएं
21-22 साल पहले की रामगंगानगर आवासीय योजना में लोगों को बसा नहीं पाया है। कई सेक्टर वीरान पड़े हैं, जिनमें आबादी है मकान बने हैं, वह नागरिक सुविधाएं नहीं हैं और न ही काफी संख्या में किसानों को मुआवजा अदा कर पाया है। रामगंगानगर में सुविधाएं जुटाने के बजाए वह अन्य नई टाउनशिप बसाने में जुटा है। इस मामले में बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. मनिकंडन ए. और सचिव वंदिता श्रीवास्तव का पक्ष जानने को प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है।
गांव ----- भूमि (हेक्टेयर में)
वालीपुर अहमदपुर -- 13.3167
मोहनपुर उर्फ रामनगर - 6.7085
अहरोला ------ 6.3377
नवदिया झादा -- 2.8122
इटौआ - -- 2.0284
किचौली -- 1.4593
कन्थरी -- 0.1390
कुल भूमि- 32.7918
विशेष अध्याप्ति अधिकारी देश दीपक सिंह ने बताया कि किसान बीडीए को जमीन क्यों नहीं दे रहे हैं, यह जानने के लिए ही सभी लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। यह लोग जो आपत्ति दाखिल करेंगे, उसका निस्तारण करेंगे और जमीन बीडीए को उपलब्ध कराएंगे।