UP: बीएड परीक्षा के मूल्यांकन में बरती लापरवाही, रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने चार शिक्षकों को किया प्रतिबंधित
बीएड पाठ्यक्रम की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले चार शिक्षकों को विश्वविद्यालय ने प्रतिबंधित कर दिया है। ये शिक्षक अगले पांच सत्रों तक विश्वविद्यालय की किसी भी परीक्षा से संबंधित कार्य नहीं कर पाएंगे।

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बरेली के रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने बीएड पाठ्यक्रम की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप में चार शिक्षकों पर कार्रवाई की है। इन शिक्षकों को वर्तमान सत्र 2025-26 से लेकर अगले पांच सत्रों (2030-31) तक विश्वविद्यालय की किसी भी परीक्षा से संबंधित कार्य से वंचित कर दिया गया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, परीक्षा और मूल्यांकन में तत्परता, निष्पक्षता और शुचिता बनाए रखना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हालांकि, सत्र 2025-26 में बीएड मूल्यांकन के दौरान कुछ शिक्षकों के खिलाफ लापरवाही की शिकायतें मिली थीं। कुलपति प्रो. केपी सिंह ने तत्काल इसका संज्ञान लेते हुए एक आंतरिक समिति का गठन किया।
इन शिक्षकों पर हुई कार्रवाई
जांच में पाया गया कि इन शिक्षकों ने मूल्यांकन जैसे संवेदनशील कार्य को अत्यंत लापरवाही से किया। इस रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए चार शिक्षकों को दोषी ठहराया। इनमें बिजनौर के विवेकानंद महाविद्यालय दरबाड़ा के खलील उर रहमान, अमरोहा के अब्दुल रज्जाक डिग्री कॉलेज जोया की मोनिका सैनी, बरेली के ज्योति कालेज ऑफ मैनेजमेंट सांइस एंड टेक्नोलॉजी के अजय कुमार और शाहजहांपुर के स्वामी शुकदेवानंद स्नातकोत्तर महाविद्याल के संजय कुमार शामिल हैं।
परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार ने स्पष्ट किया कि यह शिक्षक अब महाविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर पर होने वाली किसी भी परीक्षा में किसी भी तरह का कार्य नहीं कर पाएंगे।
मूल्यांकन में बरती लापरवाही
रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि कॉलेज की जो भी शिकायत आती हैं, उसकी समीक्षा करते रहते हैं। परीक्षा में किसी भी विद्यार्थी को परेशानी नहीं होनी चाहिए, यह रुहेलखंड विश्वविद्यालय की प्राथमिकता हमेशा से रही है। जांच में चार शिक्षकों ने मूल्यांकन जैसे संवेदनशील कार्य में लापरवाही सामने आई है। इसके चलते चार शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है।