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फफक-फफक कर रो पड़ी मां: 81 दिन बाद घर पहुंचा मंजीत, गांव वालों ने मनाया उत्सव; आरती उतारकर किया स्वागत
अमर उजाला नेटवर्क, लखीमपुर खीरी
Published by: श्याम जी.
Updated Fri, 01 Dec 2023 10:28 PM IST
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सार
बेटे के स्वागत में सजी-संवरी मां चौधराइन भी खुद को काबू न कर सकीं और फफककर रो पड़ीं। इसके बाद मंजीत ने सबसे पहले मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। वहीं, मां ने भी सबसे पहले हल्दी-चंदन का तिलक किया।

मां के गले से लिपटकर रोया मंजीत
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
10 सितंबर को रोजी-रोटी कमाने उत्तरकाशी गया भैरमपुर गांव का मंजीत 81 दिन बाद शुक्रवार को घर की दहलीज पर लौट आया। शाम को सरकारी गाड़ी से घर पहुंचते ही मंजीत ने जहां सबसे पहले मां के पैरों को छूकर आशीर्वाद लिया। वहीं, 18 दिन से आंसुओं में डूबी रही मां चौधराइन ने मंगलगान के साथ मंजीत के माथे पर तिलक और आरती उतारकर स्वागत किया। इससे पहले दोपहर को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी के हाथों सम्मानित होने के बाद दोनों का कलक्ट्रेट में भी भव्य स्वागत हुआ।
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17 दिन सुरंग में फंसे रहने के बाद 20वें दिन शनिवार की शाम छह बजे जब मंजीत भैरमपुर गांव स्थित अपने घर पहुंचा तो आंसुओं की धार फूट पड़ी। माहौल इतना भावुक हो उठा कि बेटे के स्वागत में सजी-संवरी मां चौधराइन भी खुद को काबू न कर सकीं और फफककर रो पड़ीं। इसके बाद मंजीत ने सबसे पहले मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। वहीं, मां ने भी सबसे पहले हल्दी-चंदन का तिलक किया। बाद में आरती उतारी और फिर फूल माला पहनाकर स्वागत किया।
इस दौरान फौलादी इरादों वाली मंजीत की मां चौधराइन ने कहा कि क्या हुआ जो उनके पास राजपाट नहीं है, मां की ममता का कोई मोल नहीं है। डेढ़ साल पहले बड़े बेटे दीपू की मौत के बाद अब मंजीत ही उसका सहारा है। इस दौरान तमाम परिजन, रिश्तेदार व ग्रामीणों से मंजीत का घर गुलजार रहा।
सीडीओ और एसपी समेत अफसरों ने भेंट किए उपहार
शुक्रवार की देर शाम घर पहुंचने से पहले शाम चार बजे मंजीत और उनके पिता लखनऊ से सीधे कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे, जहां सभागार में प्रभारी डीएम और सीडीओ अनिल सिंह और एसपी गणेश प्रसाद साहा समेत जिला स्तरीय अफसरों ने मंजीत और उनके पिता का भव्य स्वागत करते हुए मिठाई, फल और उपहार आदि भेंट किए। इस दौरान सीडीओ ने श्रम विभाग में मंजीत का पंजीकृत प्रमाणपत्र भी दिया।
मंजीत के गांव में उत्सव सा माहौल
मंजीत के आने की खबर सुनकर मां और अन्य परिजनों ने भी भैरमपुर गांव में अपने पति व बेटे के स्वागत की पूरी तैयारी कर रखी थी। एक दिन पहले तक जहां घर वालों के पास स्वागत सत्कार के लिए मिठाई खरीदने तक की व्यवस्था नहीं थी। वहीं, अगले दिन ही गांव और अन्य घर वालों के सहयोग से वहां पर उत्सव सा माहौल नजर आया। मंजीत की मां और दोनों बहनों ने पूरे घर को सजाया, दीये जलाए और दिवाली मनाई।
मंजीत की दोनों बहनों ने जहां घर को गोबर से लीपकर आंगन पर रंगोली सजाई, वहीं मंजीत के एक दोस्त ने घर के बाहर टेंट लगवाया और कुर्सी आदि की व्यवस्था की। मंजीत की मां चौधराइन ने बताया कि सुबह घर पर चावल सब्जी बनाए जाने का इंतजाम था, लेकिन बाद में सभी के सहयोग से पूड़ी-सब्जी और दाल-चावल बना है। फोन पर मां चौधराइन ने बताया कि सब आप लोगन का आशीर्वाद है, सब व्यवस्था हुई है।
यूपी के थे आठ मजदूर
बता दें कि उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में सुरंग से निकाले जाने के बाद मंजीत समेत समेत सभी 41 मजदूरों की स्वास्थ्य जांच के बाद बृहस्पतिवार को निजी बस से लखनऊ भेजा गया था। इन 41 मजदूरों में आठ मजदूर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों के थे, जिनमें खीरी के मंजीत भी शामिल थे। शनिवार की दोपहर में सभी आठों मजदूर लखनऊ पहुंचे, जहां पर सीएम योगी ने सभी की जीवटता का सम्मान करते हुए हौसला अफजाई की। इसके बाद सरकारी गाड़ी से सभी को उनके गृह जनपदों में भेजा गया।