Weather Update: बरेली में छाए बादल... सर्दी ने दी दस्तक; बदलता मौसम सेहत पर पड़ रहा भारी
बरेली में सर्दी ने दस्तक दे दी है। सोमवार को सुबह बादल छाने और हवा चलने से अचानक ठंड बढ़ गई। मौसम विशेषज्ञ ने अगले चार दिन तापमान में गिरावट के आसार जताए हैं। वहीं बदलता मौसम लोगों की सेहत पर भी भारी पड़ रहा है। सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं।
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बरेली में हवा ने मौसम का रुख बदल दिया है। गुलाबी ठंड का अहसास होने लगा है। सोमवार को सुबह से ही बादल छा गए, जिससे ठंड बढ़ गई। मौसम विशेषज्ञ ने अगले चार दिन तापमान में तीन डिग्री गिरावट होने से ठंड बढ़ने का अनुमान जताया है। वहीं बदलता मौसम सेहत पर भारी पड़ रहा है। तापमान के उतार-चढ़ाव से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट रही है।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ अतुल कुमार के मुताबिक, रुहेलखंड क्षेत्र में पुरवा हवा की नमी और पहाड़ों की हवा के प्रवेश से हल्का कोहरा भी सुबह होने लगा है। अगले तीन दिनों में तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म हो गया है। पहाड़ों से आ रही पछुआ हवा फिर से सक्रिय हो रही हैं, जिससे दिन के तापमान में मामूली गिरावट जबकि रातें ठंडी महसूस होंगी।
अतुल कुमार के मुताबिक मध्य क्षोभमंडल तक विस्तृत चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से सप्ताह के आखिर में निम्न वायुदाब क्षेत्र बनने से बारिश के आसार हैं। रविवार को सुबह धूप के साथ हुई। दिन में अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 30.7 डिग्री और न्यूनतम 15.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नमी का स्तर 90 फीसदी रहा।
बदलते मौसम में घट रही प्रतिरोधक क्षमता
तापमान के उतार-चढ़ाव से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट रही है। वायरस और बैक्टीरिया उनको बीमार बना रहे हैं। रविवार को आरोग्य मेले में 4,254 मरीजों का इलाज हुआ। इनमें सर्वाधिक बुखार, सर्दी, जुकाम, खांसी समेत त्वचा रोगों से पीड़ित रहे। डॉक्टर ने दवाओं के साथ ही संक्रमण से बचाव का सुझाव भी दिया है।
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. आरके गुप्ता के मुताबिक मौसम बदलने पर शरीर को नए तापमान और वातावरण के अनुसार ढलने में समय लगता है। इस समय का मौसम राइनो और इन्फ्लुएंजा वायरस के अनुकूल है। तापमान औसत से कम होने पर वायरस तेजी से बढ़ते हैं। नसें सिकुड़ती हैं। सूरज की रोशनी कम मिलने से विटामिन डी भी कम मिलता है। इससे इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन तेजी से फैलता है।
लोग बुखार, सर्दी, खांसी, फ्लू, एलर्जी, गले, त्वचा आदि से संबंधित रोगों की चपेट में आते हैं। इसके अलावा हवा में धूल के कण, प्रदूषण, फफूंद, परागकण भी एलर्जी की वजह बनते हैं। नाक बहना, बार-बार छींक आना, खांसी और आंखों में जलन आदि की समस्या होती है। इसलिए सतर्कता बेहद जरूरी है।