60 लाख का घोटाला: दो बाबुओं पर गिरी गाज, निदेशक ने किया निलंबित, फर्जी स्टेटमेंट से करते थे गुमराह
60 लाख रुपये के घोटाले के मामले में दो बाबुओं पर गाज गिरी है। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने दोनों के निलंबित कर दिया है। जानिए पूरा मामला क्या है।

विस्तार
बिजनौर में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) इस्माइलपुर में 60 लाख रुपये का घोटाला हुआ है। बाबुओं ने अपने खाते में डायट के खाते से रकम को ट्रांसफर कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त शिक्षा निदेशक ने तत्कालीन दोनों बाबुओं को निलंबित करते हुए जांच बैठा दी है। डायट की चेकबुक के अंतिम पांच चेक भी गायब हैं।

बुधवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक मनोज कुमार द्विवेदी ने निलंबन पत्र जारी किया। जिसमें धन गबन के दोषी डायट के कनिष्ठ सहायक वत्सल भंडारी को निलंबित करते हुए डीआईओएस कार्यालय बिजनौर से संबद्ध कर दिया। वहीं, तत्कालीन बाबू राहुल कुमार को अमरोहा के बीएसए कार्यालय से अटैच कर दिया है। संयुक्त शिक्षा निदेशक की ओर से जारी किए गए पत्र में बताया गया कि राहुल कुमार तबादला होकर अमरोहा के गजरौला चले गए थे। इन दोनों बाबुओं ने साल 2020 में गबन का तानाबाना बुना था। तभी चेक के माध्यम से डायट के खाते से रकम को ट्रांसफर करते रहे। कुल 72 चेक के माध्यम से फर्जी हस्ताक्षर बनाते हुए रकम को बाबू वत्सल भंडारी के खाते में भेजा गया। दोनों ही आरोपी मामले में गुमराह भी कर रहे थे। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने प्राचार्य के फर्जी हस्ताक्षर किए। करीब 60 लाख रुपये का गबन किया गया। जांच हुई तो गबन की गई 60 लाख की धनराशि वत्सल भंडारी के वेतन वाले बैंक खाते में ही जमा मिली।
फर्जी स्टेटमेंट से करते रहे गुमराह
इस्माइलपुर डायट के प्राचार्य बिजेंद्र कुमार ने बताया कि जब उन्होंने यहां पर तैनाती के दौरान पटल सहायक राहुल कुमार से चेक और खाते की स्टेटमेंट मांगी तो उन्होंने फर्जी स्टेटमेंट दिखाए। उसमें कहीं भी इन चेक और केश विड्रॉल का जिक्र नहीं था। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद नए पटल सहायक को उन्होंने बैंक और चेक की स्टेटमेंट का मिलान करने के लिए कहा तो वह असली स्टेटमेंट निकाल लाए। इसी से पूरे घोटाले का खुलासा हो गया। इसके बाद जांच कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी गई थी।
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बैंक पर भी उठ रहे सवाल
प्राचार्य बिजेंद्र कुमार ने बताया कि चेक पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। वह कैसे हुए, चेक की जांच के बाद इसका तो पता चल ही जाएगा। यह भी समझ में नहीं आ रहा कि बैंक ने दो कैश विड्रॉल कैसे कर दिए। बैंक ने बिना हस्ताक्षर मिलान किए या उनके वहां बिना जाए नकद भुगतान कैसे किया, यह बैंक पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
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वत्सल भंडारी और राहुल कुमार के निलंबन के आदेश प्राप्त हो चुका है। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने यह आदेश जारी किया है। इस मामले की अभी विस्तृत जांच की जरूरत है। तभी फर्जी हस्ताक्षर और बैंक की भूमिका का पता चल पाएगा। - बिजेंद्र कुमार, डायट प्राचार्य