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Bijnor News: जांच के बाद होगी जलालाबाद फ्लाईओवर की मरम्मत
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संवाद न्यूज एजेंसी
जलालाबाद/नजीबाबाद। जलालाबाद फ्लाईओवर मार्ग बदहाल है। फ्लाईओवर के एक्सपेंशन ज्वाइंट में गैप बढ़ गया है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है। उधर, क्षेत्रवासियों की शिकायत पर सेतु निगम और एनएचएआई एक-दूसरे का अधिकार क्षेत्र बताकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सेतु निगम की ओर से जलालाबाद के रेलवे क्रॉसिंग संख्या-484 पर फ्लाईओवर बनाया गया था। फ्लाईओवर मार्ग समय के साथ बदहाल हो गया। वर्तमान में फ्लाईओवर के एक्सपेंशन ज्वाइंट में गैप बढ़ गया है। कई जगहों पर एक्सपेंशन ज्वाइंट क्षतिग्रस्त हो गए हैं। फ्लाईओवर और उसके मार्ग को दुरुस्त कराने के लिए आदर्शनगर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता मनोज शर्मा ने उत्तर प्रदेश सेतु निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजा था। पत्र में फ्लाईओवर के एक्सपेंशन ज्वाइंट व मार्ग पर गड्ढे होने और उन गड्ढों से आए दिन दुर्घटनाएं होने की बात कही गई थी। मामले में राष्ट्रीय राजमार्ग को भी पत्र भेजा गया। पत्र के जवाब में दोनों विभागों के अधिकारियों ने एक-दूसरे के अधिकार क्षेत्र का मामला बताकर फ्लाईओवर और मार्ग को दुरुस्त कराने की जिम्मेदारी से मुंह फेर लिया।
राष्ट्रीय राजमार्ग का कहना था कि फ्लाईओवर अभी तक हमें स्थानांतरित नहीं हुआ है। उप परियोजना प्रबंधक सेतु निर्माण इकाई मुरादाबाद ने पत्र के जवाब में कहा था कि फ्लाईओवर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना इकाई नजीबाबाद के अधीन आता है और इस संबंध में सभी दस्तावेज राष्ट्रीय राजमार्ग को उपलब्ध करा दिए गए हैं। दोनों विभागों की लड़ाई में राहगीर मार्ग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।
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जलालाबाद/नजीबाबाद। जलालाबाद फ्लाईओवर मार्ग बदहाल है। फ्लाईओवर के एक्सपेंशन ज्वाइंट में गैप बढ़ गया है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है। उधर, क्षेत्रवासियों की शिकायत पर सेतु निगम और एनएचएआई एक-दूसरे का अधिकार क्षेत्र बताकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सेतु निगम की ओर से जलालाबाद के रेलवे क्रॉसिंग संख्या-484 पर फ्लाईओवर बनाया गया था। फ्लाईओवर मार्ग समय के साथ बदहाल हो गया। वर्तमान में फ्लाईओवर के एक्सपेंशन ज्वाइंट में गैप बढ़ गया है। कई जगहों पर एक्सपेंशन ज्वाइंट क्षतिग्रस्त हो गए हैं। फ्लाईओवर और उसके मार्ग को दुरुस्त कराने के लिए आदर्शनगर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता मनोज शर्मा ने उत्तर प्रदेश सेतु निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजा था। पत्र में फ्लाईओवर के एक्सपेंशन ज्वाइंट व मार्ग पर गड्ढे होने और उन गड्ढों से आए दिन दुर्घटनाएं होने की बात कही गई थी। मामले में राष्ट्रीय राजमार्ग को भी पत्र भेजा गया। पत्र के जवाब में दोनों विभागों के अधिकारियों ने एक-दूसरे के अधिकार क्षेत्र का मामला बताकर फ्लाईओवर और मार्ग को दुरुस्त कराने की जिम्मेदारी से मुंह फेर लिया।
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राष्ट्रीय राजमार्ग का कहना था कि फ्लाईओवर अभी तक हमें स्थानांतरित नहीं हुआ है। उप परियोजना प्रबंधक सेतु निर्माण इकाई मुरादाबाद ने पत्र के जवाब में कहा था कि फ्लाईओवर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना इकाई नजीबाबाद के अधीन आता है और इस संबंध में सभी दस्तावेज राष्ट्रीय राजमार्ग को उपलब्ध करा दिए गए हैं। दोनों विभागों की लड़ाई में राहगीर मार्ग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।