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Bijnor News: कीचड़ के तालाब का अमृत मंथन, सोनी को मिला चांदी का पदक
संवाद न्यूज एजेंसी, बिजनौर
Updated Wed, 17 Dec 2025 12:03 AM IST
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कैनोइंग प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने पर सोनी को मिठाई खिलाते परिजन। स्रोत खेल विभाग
- फोटो : गोलाघाट पुल के रास्ते में मौजूद खंभा, ट्रांसफार्मर व पेड़।
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बिजनौर। तीन साल पहले अम्हेड़ा के जिस तालाब में कीचड़ था, अमृत सरोवर योजना में इसका सुंदरीकरण हुआ। इस तालाब को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पहला कयाकिंग कैनोइंग प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया। इसी गांव की 15 वर्षीय सोनी ने इसमें कैनोइंग का प्रशिक्षण लिया। एक साल की मेहनत के बाद अब प्रयागराज में हुई कैनोइंग प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल कर जिले और गांव का नाम रोशन किया है। अम्हेड़ा में साल 2023 तक जिस तालाब में कीचड़ था। उसे अमृत सरोवर बनाया गया। अब इसी अमृत सरोवर में पश्चिमी यूपी का पहला कयाकिंग कैनोइंग प्रशिक्षण केंद्र संचालित हैं। साल 2023 में इसकी शुरूआत हुई। कोच फिरोज खान के नेतृत्व में खिलाड़ी धीरे-धीरे अपनी प्रतिभा निखार रहे हैं।
इन्हीं में से एक खिलाड़ी सोनी मलिक पुत्री तसलीम मलिक है। जिसने 13 दिसंबर को प्रयागराज में आयोजित अस्मिता लीग खेलो इंडिया चैंपियनशिप में प्रतिभाग किया। इस प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर सोनी ने रजत पदक जीता। कैनोइंग में पदक जीतकर सोनी ने साबित कर दिया कि अगर, ठान लिया जाए तो मंजिल पा सकते हैं। पदक जीतकर लौटने पर परिवार में खुशी का माहौल है।
एक साल में सीखी खेल की बारीकी : सोनी : कैनोइंग खिलाड़ी सोनी मलिक ने बताया कि वह पिछले एक साल से कैनोइंग खेल का प्रशिक्षण ले रही थी। गांव में केंद्र खुला होने से इसे सीखने की इच्छा थी। एक साल में ही कोच फिरोज ने खेल की बारीकी सिखाईं। सीखने की लगन ने ही उसे इस मुकाम तक पहुंचाया है। आगे प्रयास रहेगा कि स्वर्ण पदक जीतकर जिले का नाम रोशन करे।
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इन्हीं में से एक खिलाड़ी सोनी मलिक पुत्री तसलीम मलिक है। जिसने 13 दिसंबर को प्रयागराज में आयोजित अस्मिता लीग खेलो इंडिया चैंपियनशिप में प्रतिभाग किया। इस प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर सोनी ने रजत पदक जीता। कैनोइंग में पदक जीतकर सोनी ने साबित कर दिया कि अगर, ठान लिया जाए तो मंजिल पा सकते हैं। पदक जीतकर लौटने पर परिवार में खुशी का माहौल है।
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एक साल में सीखी खेल की बारीकी : सोनी : कैनोइंग खिलाड़ी सोनी मलिक ने बताया कि वह पिछले एक साल से कैनोइंग खेल का प्रशिक्षण ले रही थी। गांव में केंद्र खुला होने से इसे सीखने की इच्छा थी। एक साल में ही कोच फिरोज ने खेल की बारीकी सिखाईं। सीखने की लगन ने ही उसे इस मुकाम तक पहुंचाया है। आगे प्रयास रहेगा कि स्वर्ण पदक जीतकर जिले का नाम रोशन करे।

कैनोइंग प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने पर सोनी को मिठाई खिलाते परिजन। स्रोत खेल विभाग- फोटो : गोलाघाट पुल के रास्ते में मौजूद खंभा, ट्रांसफार्मर व पेड़।
