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Bijnor News: शाम तक हुई सुनवाई, घिसे दांतों ने दी गवाही, गुलदार को उम्रकैद की सजा
संवाद न्यूज एजेंसी, बिजनौर
Updated Wed, 17 Sep 2025 12:26 AM IST
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नजीबाबाद क्षेत्र में पिंजरे में कैद हुआ गुलदार स्रोत वन विभाग
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बिजनौर। गांव इस्सेपुर में दो दिन पहले जहां महिला को मारा था, मंगलवार तड़के उसी जगह पर गुलदार पिंजरे में फंस गया। मंगलवार की सुबह कौड़िया रेंज में उसका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। चिकित्सक और वन अफसरों के घंटों मंथन के बाद गुलदार को उम्रभर के लिए कानपुर चिड़ियाघर भेजने का फैसला लिया गया। गुलदार बूढ़ा हो चुका था और उसके दांत घिस चुके थे, जिससे उसके द्वारा ही इंसानों पर हमला होना माना गया।
नजीबाबाद क्षेत्र के गांव इस्सेपुर में 14 सितंबर को जंगल में अपने पति और पुत्री के साथ घास काटने गई महिला 35 वर्षीय मीरा देवी को गुलदार ने मार डाला था। इसके बाद यहां पर पिंजरा लगाया गया और 250 सदस्यों की टीमें गुलदार की तलाश कर रही थी। मंगलवार को तड़के गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। वन सरंक्षक रमेश चंद्रा, डीएफओ अभिनव राज मौके पर पहुंचे। इसके बाद वन विभाग ने गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण कराया। उप प्रभागीय वनाधिकारी ज्ञान सिंह ने बताया कि पकड़ा गया गुलदार नर है। यह उसी जगह से पकड़ा गया है, जहां पर महिला को मारा गया। माना गया है कि इसी गुलदार ने महिला को मारा था। अब गुलदार को कानपुर चिड़ियाघर भेजा जाएगा।
कनाइन न होने पर प्राकृतिक शिकार नहीं कर पाता गुलदार : वन्य जीव विशेषज्ञ जोएल लायल कहते हैं कि जानवर की चमड़ी मजबूत होती है। गुलदार अपने कनाइन से ही जानवर की गर्दन पकड़कर उसे मार डालता है। ऐसे में किसी हादसे या उम्र के साथ कनाइन टूटते हैं कि वह इंसानों का शिकार करने लगता है। जिम कार्बेट ने जितने नरभक्षी गुलदार मारे, उनमें ऐसे कई मामले थे।

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नजीबाबाद क्षेत्र के गांव इस्सेपुर में 14 सितंबर को जंगल में अपने पति और पुत्री के साथ घास काटने गई महिला 35 वर्षीय मीरा देवी को गुलदार ने मार डाला था। इसके बाद यहां पर पिंजरा लगाया गया और 250 सदस्यों की टीमें गुलदार की तलाश कर रही थी। मंगलवार को तड़के गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। वन सरंक्षक रमेश चंद्रा, डीएफओ अभिनव राज मौके पर पहुंचे। इसके बाद वन विभाग ने गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण कराया। उप प्रभागीय वनाधिकारी ज्ञान सिंह ने बताया कि पकड़ा गया गुलदार नर है। यह उसी जगह से पकड़ा गया है, जहां पर महिला को मारा गया। माना गया है कि इसी गुलदार ने महिला को मारा था। अब गुलदार को कानपुर चिड़ियाघर भेजा जाएगा।
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कनाइन न होने पर प्राकृतिक शिकार नहीं कर पाता गुलदार : वन्य जीव विशेषज्ञ जोएल लायल कहते हैं कि जानवर की चमड़ी मजबूत होती है। गुलदार अपने कनाइन से ही जानवर की गर्दन पकड़कर उसे मार डालता है। ऐसे में किसी हादसे या उम्र के साथ कनाइन टूटते हैं कि वह इंसानों का शिकार करने लगता है। जिम कार्बेट ने जितने नरभक्षी गुलदार मारे, उनमें ऐसे कई मामले थे।
नजीबाबाद क्षेत्र में पिंजरे में कैद हुआ गुलदार स्रोत वन विभाग