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Budaun News: अब तक नहीं बन सकीं 3.65 लाख अपार आईडी
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बदायूं। शासन के निर्देश पर जिले भर के स्कूलों में विद्यार्थियों की अपार आईडी (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्र्री) बनाने का कार्य जारी है, लेकिन अब तक लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति संतोषजनक नहीं मानी जा रही है। जिले में अब तक कुल 3,65,656 अपार आईडी ही बनाई जा सकी हैं।
जिले में कुल 3,756 विद्यालय संचालित हैं, जिनमें परिषदीय के सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त के अलावा माध्यमिक विद्यालय और मदरसा शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक प्रगति परिषदीय विद्यालयों में दर्ज की गई है। जिले में कुल लक्ष्य 6,73,659 अपार आईडी बनाने का है, लेकिन अब तक 3,65,656 अपार आईडी ही बनाई जा सकी हैं, जबकि इसकी अंतिम तिथि 25 दिसंबर तय की गई है।
वहीं, परिषदीय विद्यालयाें की बात करें तो यहां कुल 2,89,942 विद्यार्थियों की आईडी बनाई जानी है, लेकिन परिषदीय विद्यालयों में अब तक 1,98,127 अपार आईडी बनाई जा चुकी हैं, जबकि परिषदीय स्कूलों में भी अभी लगभग एक लाख आईडी बनना बाकी हैं।
शिक्षा विभाग के अनुसार, अपार आईडी विद्यार्थियों की शैक्षणिक पहचान के लिए डिजिटल रूप से सुरक्षित करने के लिए बेहद जरूरी है। इसके माध्यम से छात्र की पूरी शैक्षणिक जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध रहेगी। इससे आगे की पढ़ाई, छात्रवृत्ति, प्रवेश और अन्य शैक्षणिक कार्यों में आसानी होगी।
हालांकि, कई स्कूलों में तकनीकी समस्याएं, इंटरनेट की धीमी गति और अभिभावकों की ओर से आवश्यक दस्तावेज समय पर उपलब्ध न कराए जाने के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में यह समस्या अधिक सामने आ रही है। शिक्षक और प्रधानाचार्य अभिभावकों से लगातार संपर्क कर आवश्यक जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।
सभी को निर्देश दिए गए हैं कि समयावधि के अंदर अपार आईडी बनाने का काम पूरा किया जाए, लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -वीरेंद्र कुमार सिंह, बीएसए
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जिले में कुल 3,756 विद्यालय संचालित हैं, जिनमें परिषदीय के सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त के अलावा माध्यमिक विद्यालय और मदरसा शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक प्रगति परिषदीय विद्यालयों में दर्ज की गई है। जिले में कुल लक्ष्य 6,73,659 अपार आईडी बनाने का है, लेकिन अब तक 3,65,656 अपार आईडी ही बनाई जा सकी हैं, जबकि इसकी अंतिम तिथि 25 दिसंबर तय की गई है।
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वहीं, परिषदीय विद्यालयाें की बात करें तो यहां कुल 2,89,942 विद्यार्थियों की आईडी बनाई जानी है, लेकिन परिषदीय विद्यालयों में अब तक 1,98,127 अपार आईडी बनाई जा चुकी हैं, जबकि परिषदीय स्कूलों में भी अभी लगभग एक लाख आईडी बनना बाकी हैं।
शिक्षा विभाग के अनुसार, अपार आईडी विद्यार्थियों की शैक्षणिक पहचान के लिए डिजिटल रूप से सुरक्षित करने के लिए बेहद जरूरी है। इसके माध्यम से छात्र की पूरी शैक्षणिक जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध रहेगी। इससे आगे की पढ़ाई, छात्रवृत्ति, प्रवेश और अन्य शैक्षणिक कार्यों में आसानी होगी।
हालांकि, कई स्कूलों में तकनीकी समस्याएं, इंटरनेट की धीमी गति और अभिभावकों की ओर से आवश्यक दस्तावेज समय पर उपलब्ध न कराए जाने के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में यह समस्या अधिक सामने आ रही है। शिक्षक और प्रधानाचार्य अभिभावकों से लगातार संपर्क कर आवश्यक जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।
सभी को निर्देश दिए गए हैं कि समयावधि के अंदर अपार आईडी बनाने का काम पूरा किया जाए, लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -वीरेंद्र कुमार सिंह, बीएसए
