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Budaun News: राष्ट्रीय लोक अदालत में 49,071 वादों का निस्तारण
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लोक अदालत में मामलों के निस्तारण के बाद खड़े लोग। स्रोत- विभाग
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बदायूं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जनपद न्यायालय परिसर में प्रातः 10ः30 बजे से प्रारंभ हुई इस लोक अदालत में न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, बैंक प्रतिनिधियों एवं वादकारियों की सक्रिय सहभागिता देखने को मिली।इसमें कुल 49,071 वादों का निस्तारण किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विवेक संगल ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आमजन को आपसी समझौते के आधार पर सस्ता, सुलभ एवं त्वरित न्याय उपलब्ध कराने का प्रभावी माध्यम है और इसे लोक कल्याणकारी पर्व के रूप में मनाया जाना चाहिए।
जनपद न्यायाधीश ने बैंक अधिकारियों एवं न्यायिक अधिकारियों को अधिकाधिक वादों के निस्तारण के लिए बधाई देते हुए कहा कि लोक अदालत के माध्यम से वर्षों से लंबित विवादों का समाधान सहज रूप से संभव हो पाता है। कार्यक्रम के दौरान दिव्यांगजन विभाग के सहयोग से एक दिव्यांग लाभार्थी को ट्राई साइकिल का वितरण भी किया गया।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिव कुमारी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में आपराधिक शमनीय वाद, एनआई एक्ट की धारा 138 के मामले, मोटर दुर्घटना प्रतिकर, वैवाहिक व पारिवारिक विवाद, श्रम, भूमि अधिग्रहण, किरायेदारी, ट्रैफिक चालान, राजस्व एवं विद्युत बिल से संबंधित वादों का निस्तारण किया गया।
उन्होंने आयोजन को सफल बनाने में सहयोग देने वाले सभी विभागों का आभार व्यक्त किया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा 57 प्रतिकर याचिकाओं का निस्तारण करते हुए 3 करोड़ 49 लाख 34 हजार 600 रुपये की धनराशि पीड़ितों को दिलाई गई। उपभोक्ता फोरम में 10 में से 7 वादों का निस्तारण कर 46 लाख 51 हजार 791 रुपये की क्षतिपूर्ति प्रदान की गई, जबकि स्थायी लोक अदालत द्वारा 10 में से 4 वादों का निस्तारण कर 12 लाख 54 हजार रुपये की धनराशि दिलाई गई।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा प्री-लिटिगेशन स्तर पर विभिन्न बैंकों, बीएसएनएल, राजस्व, स्थानीय निकाय एवं अन्य मामलों सहित कुल 41,464 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। वहीं न्यायालयों में लंबित 7,607 फौजदारी एवं सिविल वादों का भी समाधान लोक अदालत के माध्यम से हुआ।
210 मामलों का निस्तारण, 33,080 रुपये अर्थदंड वसूला
बिसौली। मुंसिफ कोर्ट बिसौली परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें कुल 210 मामलों का निस्तारण किया गया, वहीं 33 हजार 80 रुपये के अर्थदंड की वसूली की गई।
राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ न्यायाधीश पंकज कुमार पांडेय ने किया। इस अवसर पर न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य न्यायालयों में वर्षों से लंबित मामलों का आपसी समझौते के आधार पर शीघ्र निस्तारण करना है। इससे पक्षकारों का समय और धन दोनों की बचत होती है तथा न्याय प्रणाली पर बढ़ते बोझ में भी कमी आती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाने के लिए लगभग 810 लोगों को पूर्व में नोटिस जारी किए गए थे। इनमें से 210 मामलों का आपसी सहमति से निस्तारण किया गया तथा विभिन्न प्रकरणों में 33,080 रुपये का अर्थदंड वसूला गया। संवाद
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राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विवेक संगल ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आमजन को आपसी समझौते के आधार पर सस्ता, सुलभ एवं त्वरित न्याय उपलब्ध कराने का प्रभावी माध्यम है और इसे लोक कल्याणकारी पर्व के रूप में मनाया जाना चाहिए।
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जनपद न्यायाधीश ने बैंक अधिकारियों एवं न्यायिक अधिकारियों को अधिकाधिक वादों के निस्तारण के लिए बधाई देते हुए कहा कि लोक अदालत के माध्यम से वर्षों से लंबित विवादों का समाधान सहज रूप से संभव हो पाता है। कार्यक्रम के दौरान दिव्यांगजन विभाग के सहयोग से एक दिव्यांग लाभार्थी को ट्राई साइकिल का वितरण भी किया गया।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिव कुमारी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में आपराधिक शमनीय वाद, एनआई एक्ट की धारा 138 के मामले, मोटर दुर्घटना प्रतिकर, वैवाहिक व पारिवारिक विवाद, श्रम, भूमि अधिग्रहण, किरायेदारी, ट्रैफिक चालान, राजस्व एवं विद्युत बिल से संबंधित वादों का निस्तारण किया गया।
उन्होंने आयोजन को सफल बनाने में सहयोग देने वाले सभी विभागों का आभार व्यक्त किया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा 57 प्रतिकर याचिकाओं का निस्तारण करते हुए 3 करोड़ 49 लाख 34 हजार 600 रुपये की धनराशि पीड़ितों को दिलाई गई। उपभोक्ता फोरम में 10 में से 7 वादों का निस्तारण कर 46 लाख 51 हजार 791 रुपये की क्षतिपूर्ति प्रदान की गई, जबकि स्थायी लोक अदालत द्वारा 10 में से 4 वादों का निस्तारण कर 12 लाख 54 हजार रुपये की धनराशि दिलाई गई।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा प्री-लिटिगेशन स्तर पर विभिन्न बैंकों, बीएसएनएल, राजस्व, स्थानीय निकाय एवं अन्य मामलों सहित कुल 41,464 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। वहीं न्यायालयों में लंबित 7,607 फौजदारी एवं सिविल वादों का भी समाधान लोक अदालत के माध्यम से हुआ।
210 मामलों का निस्तारण, 33,080 रुपये अर्थदंड वसूला
बिसौली। मुंसिफ कोर्ट बिसौली परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें कुल 210 मामलों का निस्तारण किया गया, वहीं 33 हजार 80 रुपये के अर्थदंड की वसूली की गई।
राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ न्यायाधीश पंकज कुमार पांडेय ने किया। इस अवसर पर न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य न्यायालयों में वर्षों से लंबित मामलों का आपसी समझौते के आधार पर शीघ्र निस्तारण करना है। इससे पक्षकारों का समय और धन दोनों की बचत होती है तथा न्याय प्रणाली पर बढ़ते बोझ में भी कमी आती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाने के लिए लगभग 810 लोगों को पूर्व में नोटिस जारी किए गए थे। इनमें से 210 मामलों का आपसी सहमति से निस्तारण किया गया तथा विभिन्न प्रकरणों में 33,080 रुपये का अर्थदंड वसूला गया। संवाद

लोक अदालत में मामलों के निस्तारण के बाद खड़े लोग। स्रोत- विभाग
