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Budaun News: प्लाट दिखाकर ठगे 75 लाख,फर्जीवाड़े की खुली पोल तो दर्ज हुआ मुकदमा
संवाद न्यूज एजेंसी, बदायूं
Updated Mon, 17 Nov 2025 12:56 AM IST
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बदायूं। प्लाट दिखाकर 75 लाख रुपये ठग लिए गए। जब बैनामा नहीं हुआ और रुपये भी वापस नहीं मिले तो पीड़ित ने एसएसपी को पूरे मामले की जानकारी दी। उनके आदेश के बाद सिविल लाइंस पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा में रिपोर्ट दर्ज की है।
कुंवरगांव थाना क्षेत्र के मोंगर गांव के रहने वाले मुनीश कुमार ने बताया कि सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला शहवाजपुर निवासी महेश चंद्र वर्मा, ओमकार सिंह, राजीव कुमार, प्रेम भाई और सजीव कुमार से 485.83 वर्गमीटर भूखंड खरीदने का सौदा तय किया था।
यह भूमि गांव चुंगी बाहर और चुंगी अंदर में स्थित बताई गई। सौदा तीन करोड़ 36 लाख 46 हजार रुपये में तय किया गया था। बतौर बयाने के उनसे 75 लाख रुपये ले लिए। रुपये चेक के माध्यम से दिए गए। 26 सितंबर 2023 को इकरारनामा इस आश्वासन के साथ किया कि सड़क वाले हिस्से में उनके नाम राजस्व अभिलेखों में त्रुटिवश छूटे हैं, जिन्हें वे 11 माह में दर्ज कराके बैनामा करा देंगे।
विक्रेता ने अभिलेख संशोधन कराने का प्रयास किया, लेकिन नायब तहसीलदार न्यायालय में उनका दावा असत्य पाया गया और न्यायालय ने चार मार्च 2025 को उनके खिलाफ आदेश पारित कर दिया। इस आदेश से स्पष्ट हुआ कि चारों विक्रेताओं के पिता का नाम भी बाहर चुंगी गाटों में दर्ज नहीं था।
मुनीश ने बताया कि विक्रेताओं को वारिसाना अधिकार केवल अंदर चुंगी वाले गाटों पर था, इसके बावजूद उन्होंने बाहर चुंगी की भूमि का भी फर्जी इकरारनामा कर दिया और 75 लाख रुपये हड़प लिए। रुपये वापस करने पर साफ मना कर दिया और न ही बैनामा किया, न नाम दर्ज कराया। इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की है।
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कुंवरगांव थाना क्षेत्र के मोंगर गांव के रहने वाले मुनीश कुमार ने बताया कि सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला शहवाजपुर निवासी महेश चंद्र वर्मा, ओमकार सिंह, राजीव कुमार, प्रेम भाई और सजीव कुमार से 485.83 वर्गमीटर भूखंड खरीदने का सौदा तय किया था।
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यह भूमि गांव चुंगी बाहर और चुंगी अंदर में स्थित बताई गई। सौदा तीन करोड़ 36 लाख 46 हजार रुपये में तय किया गया था। बतौर बयाने के उनसे 75 लाख रुपये ले लिए। रुपये चेक के माध्यम से दिए गए। 26 सितंबर 2023 को इकरारनामा इस आश्वासन के साथ किया कि सड़क वाले हिस्से में उनके नाम राजस्व अभिलेखों में त्रुटिवश छूटे हैं, जिन्हें वे 11 माह में दर्ज कराके बैनामा करा देंगे।
विक्रेता ने अभिलेख संशोधन कराने का प्रयास किया, लेकिन नायब तहसीलदार न्यायालय में उनका दावा असत्य पाया गया और न्यायालय ने चार मार्च 2025 को उनके खिलाफ आदेश पारित कर दिया। इस आदेश से स्पष्ट हुआ कि चारों विक्रेताओं के पिता का नाम भी बाहर चुंगी गाटों में दर्ज नहीं था।
मुनीश ने बताया कि विक्रेताओं को वारिसाना अधिकार केवल अंदर चुंगी वाले गाटों पर था, इसके बावजूद उन्होंने बाहर चुंगी की भूमि का भी फर्जी इकरारनामा कर दिया और 75 लाख रुपये हड़प लिए। रुपये वापस करने पर साफ मना कर दिया और न ही बैनामा किया, न नाम दर्ज कराया। इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की है।