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Budaun News: महिला अस्पताल में जेवर गिरवी रखकर देने पड़े डेढ़ हजार रुपये, तब भर्ती किया नवजात; जांच शुरू
संवाद न्यूज एजेंसी, बदायूं
Published by: बरेली ब्यूरो
Updated Sat, 13 Dec 2025 02:51 PM IST
सार
बदायूं के महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में नवजात को भर्ती करने के नाम पर स्टाफ ने 1500 रुपये लिए। यह आरोप नवजात की नानी ने लगाया। इस पर सीएमओ ने जांच कराने की बात कही है।
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महिला अस्पताल का एसएनसीयू वार्ड
- फोटो : संवाद
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विस्तार
बदायूं के महिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं लंबे समय से बेपटरी हैं। एसएनसीयू (सघन नवजात चिकित्सा उपचार इकाई) के हालात तो और भी ज्यादा खराब हैं। यहां भर्ती होने वाले नवजात को स्टाफ के सहारे छोड़ दिया जाता है। आरोप है कि भर्ती करने की एवज में दो हजार से 15 सौ रुपये तक वसूले जा रहे हैं।
मुजरिया थाना क्षेत्र के गांव समसपुर निवासी हरवीर ने अपने नवजात को नौ दिसंबर को एसएनसीयू में भर्ती कराया था। उन्होंने बताया कि पत्नी रिया ने दूसरे बच्चे को प्राइवेट नर्सिंग होम में जन्म दिया था। हालत खराब होने पर वह महिला अस्पताल में बच्चे को लेकर आए।
बच्चे की नानी कादरचौक क्षेत्र के गांव सिसौरा निवासी मुन्नी देवी ने बताया कि भर्ती करने के नाम पर पहले स्टाफ ने दो हजार रुपये मांगे। जब रुपये न होने की बात कही तो स्टाफ 15 सौ रुपये देने की बात पड़ अड़ गया। बच्चे की जान की दुहाई देकर वह स्टाफ के सामने गिड़गिड़ाती रहीं, लेकिन स्टाफ नहीं पसीजा। शुक्रवार को उन्होंने बेटी के गहने गिरवी रखकर 1500 रुपये स्टाफ को दिए।
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मुजरिया थाना क्षेत्र के गांव समसपुर निवासी हरवीर ने अपने नवजात को नौ दिसंबर को एसएनसीयू में भर्ती कराया था। उन्होंने बताया कि पत्नी रिया ने दूसरे बच्चे को प्राइवेट नर्सिंग होम में जन्म दिया था। हालत खराब होने पर वह महिला अस्पताल में बच्चे को लेकर आए।
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बच्चे की नानी कादरचौक क्षेत्र के गांव सिसौरा निवासी मुन्नी देवी ने बताया कि भर्ती करने के नाम पर पहले स्टाफ ने दो हजार रुपये मांगे। जब रुपये न होने की बात कही तो स्टाफ 15 सौ रुपये देने की बात पड़ अड़ गया। बच्चे की जान की दुहाई देकर वह स्टाफ के सामने गिड़गिड़ाती रहीं, लेकिन स्टाफ नहीं पसीजा। शुक्रवार को उन्होंने बेटी के गहने गिरवी रखकर 1500 रुपये स्टाफ को दिए।
रात में भगवान भरोसे रहती है मासूमों की जान
एसएनसीयू एक ऐसा केंद्र है, जहां जन्म के तुरंत बाद नवजात को गंभीर हालत में भर्ती किया जाता है। केंद्र महिला अस्पताल की दूसरी मंजिल पर है। सीएमओ कार्यालय भी इसी के बराबर में है। महिला अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजात के लिए यहां वॉर्न यूनिट बनी है। कोई भी यूनिट में प्रवेश नहीं कर सकता। इनकी देखभाल के लिए तीनों शिफ्ट में एक-एक वार्ड आया तैनात हैं, जबकि उपचार के लिए तीन-तीन स्टाफ नर्स। यहां कमी है तो सिर्फ डॉक्टरों की। यहां वह डॉक्टर तैनात हैं, जिन्हें ओपीडी से फुर्सत नहीं मिल पाती। समय मिलता है तो वह एसएनसीयू पहुंचते हैं। बाकी रात के समय मासूमों की जान भगवान भरोसे रहती है।
वॉर्न यूनिट में 12 के बजाय भर्ती किए जा रहे 18 बच्चे
एसएनसीयू में बने इन वॉर्न यूनिट में 12 बच्चों को भर्ती किया जा सकता है। लेकिन यहां रुपये के लालच में 15 से 18 बच्चे भर्ती कर लिए जाते हैं। शुक्रवार को यहां 14 बच्चे भर्ती मिले।
एसएनसीयू एक ऐसा केंद्र है, जहां जन्म के तुरंत बाद नवजात को गंभीर हालत में भर्ती किया जाता है। केंद्र महिला अस्पताल की दूसरी मंजिल पर है। सीएमओ कार्यालय भी इसी के बराबर में है। महिला अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजात के लिए यहां वॉर्न यूनिट बनी है। कोई भी यूनिट में प्रवेश नहीं कर सकता। इनकी देखभाल के लिए तीनों शिफ्ट में एक-एक वार्ड आया तैनात हैं, जबकि उपचार के लिए तीन-तीन स्टाफ नर्स। यहां कमी है तो सिर्फ डॉक्टरों की। यहां वह डॉक्टर तैनात हैं, जिन्हें ओपीडी से फुर्सत नहीं मिल पाती। समय मिलता है तो वह एसएनसीयू पहुंचते हैं। बाकी रात के समय मासूमों की जान भगवान भरोसे रहती है।
वॉर्न यूनिट में 12 के बजाय भर्ती किए जा रहे 18 बच्चे
एसएनसीयू में बने इन वॉर्न यूनिट में 12 बच्चों को भर्ती किया जा सकता है। लेकिन यहां रुपये के लालच में 15 से 18 बच्चे भर्ती कर लिए जाते हैं। शुक्रवार को यहां 14 बच्चे भर्ती मिले।
अफसर बोले-एसएनसीयू में भर्ती करने का कोई शुल्क नहीं
सीएमओ डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने बताया कि एसएनसीयू में नियमित रूप से डॉक्टरों की तैनाती की गई है। महिला अस्पताल की सीएमएस इसकी देखभाल कर रहीं हैं। अगर रुपये के लेनदेन से संंबंधित कोई मामला है तो मामले की जांच कराके दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। एसएनसीयू में भर्ती पूरी तौर से निशुल्क है।
महिला अस्पताल की सीएमएस शोभा अग्रवाल ने बताया कि एसएनसीयू में नवजात को फ्री में भर्ती किया जाता है। अगर कोई रुपये ले रहा है तो बहुत ही गलत है। इस मामले की जांच कराके दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित ने शिकायती पत्र दिया है जांच की जा रही है।
सीएमओ डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने बताया कि एसएनसीयू में नियमित रूप से डॉक्टरों की तैनाती की गई है। महिला अस्पताल की सीएमएस इसकी देखभाल कर रहीं हैं। अगर रुपये के लेनदेन से संंबंधित कोई मामला है तो मामले की जांच कराके दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। एसएनसीयू में भर्ती पूरी तौर से निशुल्क है।
महिला अस्पताल की सीएमएस शोभा अग्रवाल ने बताया कि एसएनसीयू में नवजात को फ्री में भर्ती किया जाता है। अगर कोई रुपये ले रहा है तो बहुत ही गलत है। इस मामले की जांच कराके दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित ने शिकायती पत्र दिया है जांच की जा रही है।
