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Budaun News: अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में लापरवाही का आरोप, सीएमओ से कार्रवाई की मांग
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बदायूं। दातागंज क्षेत्र के एक निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर की रिपोर्ट को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई है। एक व्यक्ति ने डॉक्टर पर गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देने का आरोप लगाया है। आरोप है कि गर्भावस्था के दौरान की गई जांचों में भ्रूण के अंगों को सामान्य बताया गया, जबकि जन्म के समय शिशु में गंभीर शारीरिक विकृतियां पाई गईं। सीएमओ से इसमें कार्रवाई करने की मांग की है।
दातागंज तहसील व थाना क्षेत्र के ग्राम रोहरी निवासी ओमेंद्र ने बताया कि उनकी पत्नी गर्भवती थी। गर्भावस्था के दौरान एक अल्ट्रसाउंड सेंटर पर तीन बार अल्ट्रासाउंड कराया गया। प्रत्येक बार दी गई रिपोर्ट में गर्भस्थ शिशु का विकास सामान्य बताया गया। यह भी बताया गया कि गर्भस्थ शिशु की स्थिति उल्की है, लेकिन किसी भी प्रकार की असामान्यता नहीं है।
ओमेंद्र के अनुसार, 10 दिसंबर 2025 को पत्नी को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां जांच के बाद डाॅक्टराें ने बताया कि शिशु की स्थिति सीधी है और सामान्य प्रसव कराया जाएगा। उसी दिन सामान्य प्रसव के दौरान पुत्र का जन्म हुआ, लेकिन नवजात शिशु के एक हाथ में कोहनी के आगे का हिस्सा नहीं था, दूसरे हाथ में केवल चार उंगलियां थीं। इसके अलावा सिर के पीछे गांठ और रीढ़ में भी समस्या पाई गई।
परिजनों का कहना है कि यदि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में भ्रूण के अंगों की स्थिति सही ढंग से बताई जाती, तो समय रहते उचित चिकित्सकीय सलाह या वैकल्पिक उपचार पर विचार किया जा सकता था। आरोप लगाया कि गर्भावस्था के 6 से 12 सप्ताह और 13 से 28 सप्ताह के बीच किए जाने वाले अल्ट्रासाउंड में बच्चे के अंगों, दिमाग, दिल, रीढ़, किडनी और अन्य विकास संबंधी जानकारियां स्पष्ट रूप से सामने आ जाती हैं, लेकिन संबंधित रिपोर्ट में इनका विस्तृत जानकारी नहीं दी।
एक व्यक्ति ने निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर की शिकायत की है। अब उसकी जांच शुरू कराई जाएगी। शिकायत सही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. रामेश्वर मिश्रा, सीएमओ
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दातागंज तहसील व थाना क्षेत्र के ग्राम रोहरी निवासी ओमेंद्र ने बताया कि उनकी पत्नी गर्भवती थी। गर्भावस्था के दौरान एक अल्ट्रसाउंड सेंटर पर तीन बार अल्ट्रासाउंड कराया गया। प्रत्येक बार दी गई रिपोर्ट में गर्भस्थ शिशु का विकास सामान्य बताया गया। यह भी बताया गया कि गर्भस्थ शिशु की स्थिति उल्की है, लेकिन किसी भी प्रकार की असामान्यता नहीं है।
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ओमेंद्र के अनुसार, 10 दिसंबर 2025 को पत्नी को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां जांच के बाद डाॅक्टराें ने बताया कि शिशु की स्थिति सीधी है और सामान्य प्रसव कराया जाएगा। उसी दिन सामान्य प्रसव के दौरान पुत्र का जन्म हुआ, लेकिन नवजात शिशु के एक हाथ में कोहनी के आगे का हिस्सा नहीं था, दूसरे हाथ में केवल चार उंगलियां थीं। इसके अलावा सिर के पीछे गांठ और रीढ़ में भी समस्या पाई गई।
परिजनों का कहना है कि यदि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में भ्रूण के अंगों की स्थिति सही ढंग से बताई जाती, तो समय रहते उचित चिकित्सकीय सलाह या वैकल्पिक उपचार पर विचार किया जा सकता था। आरोप लगाया कि गर्भावस्था के 6 से 12 सप्ताह और 13 से 28 सप्ताह के बीच किए जाने वाले अल्ट्रासाउंड में बच्चे के अंगों, दिमाग, दिल, रीढ़, किडनी और अन्य विकास संबंधी जानकारियां स्पष्ट रूप से सामने आ जाती हैं, लेकिन संबंधित रिपोर्ट में इनका विस्तृत जानकारी नहीं दी।
एक व्यक्ति ने निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर की शिकायत की है। अब उसकी जांच शुरू कराई जाएगी। शिकायत सही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. रामेश्वर मिश्रा, सीएमओ
