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Digital Arrest: 'आप पर मनी लॉड्रिंग केस...' कहकर रिटायर्ड सूबेदार को डराया, ट्रांसफर करा लिए 12.30 लाख रुपये

संवाद न्यूज एजेंसी, बदायूं Published by: मुकेश कुमार Updated Wed, 10 Sep 2025 04:50 PM IST
सार

बदायूं में 12.30 लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने पुलिस और सीबीआई अफसर बनकर रिटायर्ड सूबेदार को कॉल किया। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस और गिरफ्तारी का डरा दिखाकर अपने जाल में फंसा लिया। फिर उनसे रकम ट्रांसफर करा ली। 

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Cyber fraudsters digital arrest the retired subedar and then forced him to transfer money in Budaun
Cyber crime - फोटो : Freepik
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विस्तार
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बदायूं में रिटायर्ड सूबेदार को डिजिटल अरेस्ट कर 12.30 लाख रुपये ठग लिए गए। साइबर ठगों ने उनको इस कदर से धमकाया कि 15 दिनों तक वह ठगों के चंगुल से बाहर ही नहीं निकल सके। इस दौरान ठगों ने उनसे रकम ट्रांसफर करा ली। मंगलवार को उन्हें ठगी का एहसास हुआ तो साइबर क्राइम थाना पहुंचकर तहरीर दी। जिसके आधार पर इंस्पेक्टर विनोद वर्धन ने मुकदमा दर्ज कर उस खाते को होल्ड कराया, जिसमें रुपये भेजे गए।

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बिनावर थाना क्षेत्र के गांव खुनक निवासी मनोज कुमार ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। बताया है कि वह सेना से सूबेदार के पद से सेवानिवृत हुए है। 26 अगस्त की शाम उनके नंबर पर एक कॉल आई। कॉलर ने बताया कि वह मुंबई से सब इंस्पेक्टर बात कर रहा है। आपके फोन नंबर हैं, गलत आधार आईडी पर प्रयोग हो रहे हैं और उनका गलत इस्तेमाल हुआ है। आपके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बाद में उसने एक और व्यक्ति से बात कराई, जिसने खुद को राजेश मिश्रा सीबीआई से बताया। 
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उसने कहा कि आप पर मनी लॉड्रिंग और धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। आपकी आईडी पर एटीएम कार्ड भी है, जो केनरा बैंक में चल रहा है। यह एटीएम कार्ड निर्दोष गोयल के घर से बरामद हुआ है। उसने दो मोबाइल नंबर भी बताए थे। उनसे कहा था कि आपको अरेस्ट वारंट भेजा जा रहा है। अगर आप पुलिस और सीबीआई की जांच में सहयोग करेंगे और गोपनीयता बनाए रखेंगे, तो आपकी गिरफ्तारी नहीं होगी। 

डरा-धमकाकर ट्रांसफर कराई रकम 
27 अगस्त की दोपहर ठगों ने फिर से कॉल की और उन्हें बताया कि आपको डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है। कहीं गए या किसी को कुछ बताया तो आपको तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसलिए जो जानकारी मांगी जा रही है, उसको सही-सही बताएं। उन्होंने मनोज कुमार से उनके खातों की पूरी जानकारी ली। बाद में उन्होंने 12.30 लाख रुपये जमा करने को कहा। परेशान होकर उन्होंने साइबर ठगों के कहने पर रुपये उनके खाते में ट्रांसफर कर दिए। लेकिन बाद में उन्हें ठगी एहसास हुआ। उन्होंने साइबर थाने जाकर इसकी शिकायत की। 

ठगों ने अधिकांश रकम निकाली 
साइबर थाने के इंस्पेक्टर विनोद वर्धन ने बताया कि मामले की जांच की गई तो सामने आया है कि उनको डिजिटल अरेस्ट की बात कहकर धमकाकर 12.30 लाख रुपये की ठगी कर ली गई है। मुकदमा दर्ज किया गया है। ठगों ने अधिकांश रुपये खाते से निकाल लिए हैं। जो बचा हुआ पैसा था उसको खाते में ही होल्ड करा दिया गया है। 

इंस्पेक्टर ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि डिजिटल अरेस्ट कुछ नहीं है। अगर कोई यह कहता है कि आप डिजिटल अरेस्ट हो गए हो तो समझों कि आप किसी ठगी के शिकार होने वाले हो। ऐसे में अपनी कोई भी जानकारी फोन करने वाले को न दें। साइबर थाने को जितनी जल्द हो सके सूचना दें।

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