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Budaun News: कम हुआ गंगा का जलस्तर, बाढ़ खंड ने ली राहत की सांस
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उसहैत के मल्लाह नगला में कटान करता बाढ़ का पानी। संवाद

बदायूं। नरौरा से छोड़ा गया 1.16 लाख क्यूसेक पानी अभी बदायूं की सीमा में ही चल रहा है। गंगा में पानी कम होने से बाढ़ खंड ने राहत की सांस ली है। फिलहाल संवेदनशील क्षेत्र उसहैत से मंगलवार को छोड़ा गया पानी गुजर रहा है। यहां अटैना पुल पर 167.4 मीटर पानी है।
बुधवार शाम नरौरा से 86,606 क्यूसेक, बिजनौर से 43,972 और हरिद्वार से 54, 434 क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया है। मंगलवार को छोड़े गए पानी की तुलना में यह कम है। इससे गंगा किनारे बसे लोग भी भयमुक्त हुए हैं।
उसहैत। पहाड़ों पर हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर बुधवार लगातार तीसरे दिन बढ़ा है। सरेली से अटैना तक बने लगभग आठ किलोमीटर दूरी के तटबंध के किनारे पानी काफी ऊपर तक आ चुका है। अटैना पुल पर लगे मीटरगेज पर बुधवार को वॉटर लेवल 167.4 दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से तीन सेमी ऊपर है। बाढ़ के हिसाब से उसहैत अतिसंवेदनशील की श्रेणी में आता है। बाढ़ खंड के जेई राधेश्याम ने बताया अभी खतरे की कोई बात नहीं है। बृहस्पतिवार शाम से गंगा के जलस्तर में कमी आना शुरू होने की उम्मीद है।
ऊपरी डैम से पानी कम होने से राहत महसूस कर रहे अधिकारी
सहसवान। बुधवार को नरौरा बैराज से छोड़ा गया पानी जो मंगलवार के मुकाबले कम है। इससे गंगा के जलस्तर में आंशिक गिरावट आई और कछला में मीटर गेज तीन सेमी घट कर 162.43 मीटर पर आ गया। हालांकि यह अब भी खतरे के निशान से तीन सेमी ऊपर है। जलस्तर में कमी आने के बावजूद डूब क्षेत्र में जलभराव की स्थिति यथावत बनी हुई है। महावा बांध के उस पार बसे वीर सहाय नगला, खागी नगला, भमरौलिया आदि गांवों के चारों ओर बाढ़ का पानी भरा हुआ है। फसलें जलमग्न बनी हुई हैं। जलस्तर में उतार चढ़ाव बने रहने से एक दो स्थानों पर खेतों में हल्का कटान शुरू हो गया है। तहसील प्रशासन व बाढ़ खंड कर्मचारी क्षेत्र में कैंप कर हालात पर निगाह रखे हुए हैं। बाढ़ खंड के जेई रामौतार आर्य ने बताया कि स्थिति सामान्य है। कई स्थानों पर अभी बाढ़ का पानी बांध तक भी नहीं पहुंचा है। बिजनौर का डिस्चार्ज कम होने से अगले दिन बृहस्पतिवार से हालात सामान्य होने की संभावना जताई जा रही है।
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बुधवार शाम नरौरा से 86,606 क्यूसेक, बिजनौर से 43,972 और हरिद्वार से 54, 434 क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया है। मंगलवार को छोड़े गए पानी की तुलना में यह कम है। इससे गंगा किनारे बसे लोग भी भयमुक्त हुए हैं।
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उसहैत। पहाड़ों पर हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर बुधवार लगातार तीसरे दिन बढ़ा है। सरेली से अटैना तक बने लगभग आठ किलोमीटर दूरी के तटबंध के किनारे पानी काफी ऊपर तक आ चुका है। अटैना पुल पर लगे मीटरगेज पर बुधवार को वॉटर लेवल 167.4 दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से तीन सेमी ऊपर है। बाढ़ के हिसाब से उसहैत अतिसंवेदनशील की श्रेणी में आता है। बाढ़ खंड के जेई राधेश्याम ने बताया अभी खतरे की कोई बात नहीं है। बृहस्पतिवार शाम से गंगा के जलस्तर में कमी आना शुरू होने की उम्मीद है।
ऊपरी डैम से पानी कम होने से राहत महसूस कर रहे अधिकारी
सहसवान। बुधवार को नरौरा बैराज से छोड़ा गया पानी जो मंगलवार के मुकाबले कम है। इससे गंगा के जलस्तर में आंशिक गिरावट आई और कछला में मीटर गेज तीन सेमी घट कर 162.43 मीटर पर आ गया। हालांकि यह अब भी खतरे के निशान से तीन सेमी ऊपर है। जलस्तर में कमी आने के बावजूद डूब क्षेत्र में जलभराव की स्थिति यथावत बनी हुई है। महावा बांध के उस पार बसे वीर सहाय नगला, खागी नगला, भमरौलिया आदि गांवों के चारों ओर बाढ़ का पानी भरा हुआ है। फसलें जलमग्न बनी हुई हैं। जलस्तर में उतार चढ़ाव बने रहने से एक दो स्थानों पर खेतों में हल्का कटान शुरू हो गया है। तहसील प्रशासन व बाढ़ खंड कर्मचारी क्षेत्र में कैंप कर हालात पर निगाह रखे हुए हैं। बाढ़ खंड के जेई रामौतार आर्य ने बताया कि स्थिति सामान्य है। कई स्थानों पर अभी बाढ़ का पानी बांध तक भी नहीं पहुंचा है। बिजनौर का डिस्चार्ज कम होने से अगले दिन बृहस्पतिवार से हालात सामान्य होने की संभावना जताई जा रही है।