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Budaun News: किसी को अस्पताल पहुंचा रहे तो किसी को शादी में जाने के लिए दे रहे वाहन
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बदायूं। ग्राम पंचायत चुनाव के चलते इन दिनों गांवों में प्रत्याशियों का सेवाभाव चरम पर है। वोट पाने की कोशिश में प्रत्याशी मतदाताओं की हर जरूरत को पूरा करने के लिए आगे आ रहे हैं। कहीं किसी गरीब परिवार में अचानक कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रत्याशी तुरंत वाहन उपलब्ध करा रहे हैं। वहीं, किसी को शादी-विवाह या पारिवारिक कार्यक्रम में जाना हो, तो प्रत्याशी अपने निजी वाहन देने से भी पीछे नहीं हट रहे। बुजुर्गों का कहना है कि चुनाव खत्म होते ही दिखाने की यह मदद बंद हो जाएगी। लोगों को कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं।
विकासखंड आसफपुर में वृद्ध महिला सोहनवती की तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजनों के पास साधन न होने पर एक प्रधान पद के प्रत्याशी ने अपना निजी वाहन उपलब्ध कराकर महिला को अस्पताल भिजवाया और प्राथमिक इलाज में भी मदद कराई। इसी तरह बिनावर क्षेत्र में एक मजदूर परिवार के यहां बेटी की शादी थी। बरात ले जाने के लिए एक वाहन की व्यवस्था एक प्रत्याशी ने कराई।
उघैती निवासी मोहन सिंह को जरूरी काम से बाहर जाना था। जानकारी होने पर प्रधान पद के संभावित प्रत्याशी अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर गंतव्य तक उन्हें ले गए। वहीं, कटरा में एक गरीब परिवार के सदस्य राम निवास को इलाज के लिए निजी नर्सिंग अस्पताल ले जाने में भी प्रत्याशी ने अपने वाहन का सहारा दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय प्रत्याशी जनता के बीच अधिक नजर आते हैं और समस्याओं पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं। हालांकि, कुछ लोग इसे चुनावी मजबूरी और दिखावा भी मानते हैं। बुजुर्गों का कहना है कि चुनाव खत्म होते ही यह मदद अक्सर बंद हो जाती है। फिर लोगों को अपनी समस्याओं के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। वहीं, कुछ प्रत्याशियों ने अपने विजिटिंग कार्ड भी लोगों को देने शुरू कर दिए हैं।
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विकासखंड आसफपुर में वृद्ध महिला सोहनवती की तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजनों के पास साधन न होने पर एक प्रधान पद के प्रत्याशी ने अपना निजी वाहन उपलब्ध कराकर महिला को अस्पताल भिजवाया और प्राथमिक इलाज में भी मदद कराई। इसी तरह बिनावर क्षेत्र में एक मजदूर परिवार के यहां बेटी की शादी थी। बरात ले जाने के लिए एक वाहन की व्यवस्था एक प्रत्याशी ने कराई।
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उघैती निवासी मोहन सिंह को जरूरी काम से बाहर जाना था। जानकारी होने पर प्रधान पद के संभावित प्रत्याशी अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर गंतव्य तक उन्हें ले गए। वहीं, कटरा में एक गरीब परिवार के सदस्य राम निवास को इलाज के लिए निजी नर्सिंग अस्पताल ले जाने में भी प्रत्याशी ने अपने वाहन का सहारा दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय प्रत्याशी जनता के बीच अधिक नजर आते हैं और समस्याओं पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं। हालांकि, कुछ लोग इसे चुनावी मजबूरी और दिखावा भी मानते हैं। बुजुर्गों का कहना है कि चुनाव खत्म होते ही यह मदद अक्सर बंद हो जाती है। फिर लोगों को अपनी समस्याओं के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। वहीं, कुछ प्रत्याशियों ने अपने विजिटिंग कार्ड भी लोगों को देने शुरू कर दिए हैं।
