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Budaun News: शीतलहर ने दिल और दमा के रोगियों की बढ़ाईं मुश्किलें
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जिला अस्पताल में डॉक्टर कक्ष के बाहर दवा लेने को बैठे सांस संबंधी मरीज। संवाद
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बदायूं। सर्दी में इजाफा होने के साथ ही बीते तीन दिन से हृदय और अस्थमा के रोगियों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। इससे पहले इमरजेंसी में एक-दो मरीज ही पहुंचते थे, लेकिन शीतलहर के चलते संख्या बढ़कर 25 से 30 हो गई है। जिला अस्पताल की ओपीडी के साथ निजी अस्पतालों में भी रोगियों की कतार लग रही है। मंगलवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में सांस से संबंधित सौ से अधिक रोगी पहुंचे।
हृदय रोग विशेषज्ञ न होने की वजह से मरीजों को प्रथम उपचार के बाद विशेषज्ञ को दिखाने की सलाह दी जा रही है। डॉ.गजेंद्र वर्मा का कहना है कि सर्दी में अस्थमा और हृदय के रोगियों को एहतियात बरतनी चाहिए। जिला अस्पताल में दिल का कोई विशेषज्ञ नहीं है। यहां प्रथम उपचार ही दिया जा सकता है। हां, सांस के रोगियों का भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
बोले, इन दिनों सांस लेने में दिक्कत वाले मरीज अचानक बढ़ गए हैं। इसके लिए इमरजेंसी में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध कराई गईं हैं। ताकि मरीजों का सही से उपचार हो सके। सर्दियों के सीजन में सांस संबंधी समस्या वाले रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इन दिनों गर्म पानी के सेवन के साथ पूरे शरीर को गर्म कपड़ों से ढककर रखना चाहिए।
इमरजेंसी में आई महिला मरीज रेखा ने बताया कि सुबह से ही सांस लेने में दिक्कत होने लगी। बेचैनी हुई तो अस्पताल आए हैं। इंजेक्शन व दवा लगाई है तब कुछ लाभ हुआ है। वहीं राजकुमार ने बताया कि सर्दी में हर बार उनको सांस की दिक्कत होने लगती है। अधिक परेशानी हुई तो अस्पताल आना पड़ा है।
सिर ढककर निकलें, बीपी रखें नियंत्रित
ठंड में ब्लड प्रेशर के मरीजों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। डाॅ. अलंकार सिंह सोलंकी ने बताया कि शरीर का तापमान सामान्य रखें। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें। नियमित चेक कराते रहें। चिकित्सक द्वारा जो दवा लिखी गई हैं उस दवा की डोज को संशोधित करा लें। इसके अलावा जब सुबह को सोकर उठें तो तुरंत बाहर न निकलें
ऐसे करें बचाव
अस्थमा, हृदय के मरीज ठंड के साथ ही धुएं से दूरी बनाएं, सोने से दो से ढाई घंटे पहले पौष्टिक सुपाच्य भोजन कर लें, पानी हल्का गुनगुना करके पिएं, शरीर में पानी की कमी न होने दें, हरी सब्जियों के साथ फलों का भी करें सेवन।
यह बरतें सावधानियां
- नियमित रूप से घर की सफाई करें। बिस्तर और गद्दों की चादरों को नियमित धोएं।
- नम हवा वायुमार्ग को बेहतर रखने में मदद कर सकती है इसलिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें।
- अगर संभव हो तो घर के अंदर ही व्यायाम करें ताकि ठंडी हवा में जाने से बचा जा सके।
- धूम्रपान और सिगरेट, अंगीठी, स्टोव के धुएं से दूर रहें।
- पालतू जानवरों को शयनकक्ष से दूर रखें।
- हीटिंग सिस्टम के फिल्टर को नियमित रूप से साफ करें या बदलें।
घर से बाहर जाते समय ये सावधानियां बरतें
- बाहर जाते समय स्कार्फ या मास्क पहनें।
- जब प्रदूषण का स्तर अधिक हो तो घर के अंदर ही रहें, जरूरी होने पर ही बाहर निकलें।
- ठंडी हवा के साथ-साथ ठंडे पेय या खाद्य पदार्थों से भी बचें।
- डॉक्टर की बताई गई दवाएं और इनहेलर हमेशा साथ रखें, समय पर इसका इस्तेमाल करें।
सामान्य उपाय
- पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें ताकि बलगम पतला रहे और शरीर से आसानी से निकल जाए।
- फ्लू और निमोनिया के टीके लगवाने से सांस संबंधी संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है।
- कीटाणुओं से बचाव के लिए हाथों को बार-बार धोएं और सेनेटाइज करते रहें।
- अस्थमा और सांस रोगी बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचने की कोशिश करें।
सांस व अस्थमा के मरीजों को शीतलहर में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। दिक्कत होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें। मरीजों की संख्या सर्दी, जुकाम के साथ ही सांस में दिक्कत वालों की बढ़ी है। हृदय संबंधी मरीजों को प्रथम उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है, जबकि सांस के मरीजों के इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है। उनका इलाज किया जा रहा है। -डॉ. अमित वार्ष्णेय, सीएमएस, जिला अस्पताल
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हृदय रोग विशेषज्ञ न होने की वजह से मरीजों को प्रथम उपचार के बाद विशेषज्ञ को दिखाने की सलाह दी जा रही है। डॉ.गजेंद्र वर्मा का कहना है कि सर्दी में अस्थमा और हृदय के रोगियों को एहतियात बरतनी चाहिए। जिला अस्पताल में दिल का कोई विशेषज्ञ नहीं है। यहां प्रथम उपचार ही दिया जा सकता है। हां, सांस के रोगियों का भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
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बोले, इन दिनों सांस लेने में दिक्कत वाले मरीज अचानक बढ़ गए हैं। इसके लिए इमरजेंसी में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध कराई गईं हैं। ताकि मरीजों का सही से उपचार हो सके। सर्दियों के सीजन में सांस संबंधी समस्या वाले रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इन दिनों गर्म पानी के सेवन के साथ पूरे शरीर को गर्म कपड़ों से ढककर रखना चाहिए।
इमरजेंसी में आई महिला मरीज रेखा ने बताया कि सुबह से ही सांस लेने में दिक्कत होने लगी। बेचैनी हुई तो अस्पताल आए हैं। इंजेक्शन व दवा लगाई है तब कुछ लाभ हुआ है। वहीं राजकुमार ने बताया कि सर्दी में हर बार उनको सांस की दिक्कत होने लगती है। अधिक परेशानी हुई तो अस्पताल आना पड़ा है।
सिर ढककर निकलें, बीपी रखें नियंत्रित
ठंड में ब्लड प्रेशर के मरीजों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। डाॅ. अलंकार सिंह सोलंकी ने बताया कि शरीर का तापमान सामान्य रखें। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें। नियमित चेक कराते रहें। चिकित्सक द्वारा जो दवा लिखी गई हैं उस दवा की डोज को संशोधित करा लें। इसके अलावा जब सुबह को सोकर उठें तो तुरंत बाहर न निकलें
ऐसे करें बचाव
अस्थमा, हृदय के मरीज ठंड के साथ ही धुएं से दूरी बनाएं, सोने से दो से ढाई घंटे पहले पौष्टिक सुपाच्य भोजन कर लें, पानी हल्का गुनगुना करके पिएं, शरीर में पानी की कमी न होने दें, हरी सब्जियों के साथ फलों का भी करें सेवन।
यह बरतें सावधानियां
- नियमित रूप से घर की सफाई करें। बिस्तर और गद्दों की चादरों को नियमित धोएं।
- नम हवा वायुमार्ग को बेहतर रखने में मदद कर सकती है इसलिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें।
- अगर संभव हो तो घर के अंदर ही व्यायाम करें ताकि ठंडी हवा में जाने से बचा जा सके।
- धूम्रपान और सिगरेट, अंगीठी, स्टोव के धुएं से दूर रहें।
- पालतू जानवरों को शयनकक्ष से दूर रखें।
- हीटिंग सिस्टम के फिल्टर को नियमित रूप से साफ करें या बदलें।
घर से बाहर जाते समय ये सावधानियां बरतें
- बाहर जाते समय स्कार्फ या मास्क पहनें।
- जब प्रदूषण का स्तर अधिक हो तो घर के अंदर ही रहें, जरूरी होने पर ही बाहर निकलें।
- ठंडी हवा के साथ-साथ ठंडे पेय या खाद्य पदार्थों से भी बचें।
- डॉक्टर की बताई गई दवाएं और इनहेलर हमेशा साथ रखें, समय पर इसका इस्तेमाल करें।
सामान्य उपाय
- पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें ताकि बलगम पतला रहे और शरीर से आसानी से निकल जाए।
- फ्लू और निमोनिया के टीके लगवाने से सांस संबंधी संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है।
- कीटाणुओं से बचाव के लिए हाथों को बार-बार धोएं और सेनेटाइज करते रहें।
- अस्थमा और सांस रोगी बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचने की कोशिश करें।
सांस व अस्थमा के मरीजों को शीतलहर में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। दिक्कत होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें। मरीजों की संख्या सर्दी, जुकाम के साथ ही सांस में दिक्कत वालों की बढ़ी है। हृदय संबंधी मरीजों को प्रथम उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है, जबकि सांस के मरीजों के इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है। उनका इलाज किया जा रहा है। -डॉ. अमित वार्ष्णेय, सीएमएस, जिला अस्पताल

जिला अस्पताल में डॉक्टर कक्ष के बाहर दवा लेने को बैठे सांस संबंधी मरीज। संवाद
