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Budaun News: पीड़ित पर फैसले का दबाव बना रहा महिला अस्पताल का स्टाफ, नहीं हुई कोई कार्रवाई
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बदायूं। जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू में रुपये लेकर नवजात को भर्ती करने का मामला शासन तक पहुंच गया है। एलआईयू ने इसकी रिपोर्ट भेजी है। स्थानीय तौर पर विभाग के अधिकारियों ने न कोई जांच की और न ही कार्रवाई।
शनिवार को पीड़ित महिला से फैसला करने में विभाग के लोग लगे रहे। शनिवार को महिला पर दबाव बनाया गया कि वह कह दे कि उससे रुपये तो मांगे गए थे, लेकिन उसने दिए नहीं थे। वहीं महिला रो-रोकर अपनी पूरी बात मीडिया को शुक्रवार को ही बता चुकी है। इसके बाद भी दोषी कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। इसको लेकर दिन भर चर्चा का बाजार गर्म रहा।
मुजरिया थाना क्षेत्र के गांव समसपुर निवासी हरवीर की पत्नी रिया ने नौ दिसंबर की शाम दूसरे बच्चे को एक प्राइवेट नर्सिंग होम में जन्म दिया था। हालत खराब होने पर वह 10 दिसंबर की शाम नवजात को लेकर महिला अस्पताल के एसएनसीयू में पहुंचे।
बच्चे की नानी कादरचौक थाना क्षेत्र के गांव सिसौरा निवासी मुन्नी देवी ने बताया था कि भर्ती करने के नाम पर दो हजार रुपये स्टाफ ने मांगे। उनके पास रुपये नहीं थे। वह स्टाफ के सामने गिड़गिड़ाती रहीं, लेकिन स्टाफ नहीं पसीजा। सिर्फ इतना ही कहा अभी बच्चे को भर्ती कर दो, अगले दिन 1500 रुपये लाकर दे देना। 11 दिसंबर को बेटी के गहने गिरवी रखकर सुबह में ही 1500 रुपये लाकर स्टाफ को दे दिए।
इस मामले में देर शाम तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो सकी है। पीड़ित महिला ने बताया कि अब स्टाफ उनसे फैसले का दबाव बना रहा है। हालांकि उनका बच्चा अभी भर्ती है। यही वजह है कि वह अभी शांत हैं। इलाज में लापरवाही की गई तो वह प्रशासन से भी इसकी शिकायत करेंगी।
पीड़ित महिला से मामले की जानकारी ली तो उसने बताया कि रुपये मांगे थे, लेकिन उसने दिए नहीं हैं। मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। -शोभा अग्रवाल, सीएमएस, महिला अस्पताल
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शनिवार को पीड़ित महिला से फैसला करने में विभाग के लोग लगे रहे। शनिवार को महिला पर दबाव बनाया गया कि वह कह दे कि उससे रुपये तो मांगे गए थे, लेकिन उसने दिए नहीं थे। वहीं महिला रो-रोकर अपनी पूरी बात मीडिया को शुक्रवार को ही बता चुकी है। इसके बाद भी दोषी कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। इसको लेकर दिन भर चर्चा का बाजार गर्म रहा।
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मुजरिया थाना क्षेत्र के गांव समसपुर निवासी हरवीर की पत्नी रिया ने नौ दिसंबर की शाम दूसरे बच्चे को एक प्राइवेट नर्सिंग होम में जन्म दिया था। हालत खराब होने पर वह 10 दिसंबर की शाम नवजात को लेकर महिला अस्पताल के एसएनसीयू में पहुंचे।
बच्चे की नानी कादरचौक थाना क्षेत्र के गांव सिसौरा निवासी मुन्नी देवी ने बताया था कि भर्ती करने के नाम पर दो हजार रुपये स्टाफ ने मांगे। उनके पास रुपये नहीं थे। वह स्टाफ के सामने गिड़गिड़ाती रहीं, लेकिन स्टाफ नहीं पसीजा। सिर्फ इतना ही कहा अभी बच्चे को भर्ती कर दो, अगले दिन 1500 रुपये लाकर दे देना। 11 दिसंबर को बेटी के गहने गिरवी रखकर सुबह में ही 1500 रुपये लाकर स्टाफ को दे दिए।
इस मामले में देर शाम तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो सकी है। पीड़ित महिला ने बताया कि अब स्टाफ उनसे फैसले का दबाव बना रहा है। हालांकि उनका बच्चा अभी भर्ती है। यही वजह है कि वह अभी शांत हैं। इलाज में लापरवाही की गई तो वह प्रशासन से भी इसकी शिकायत करेंगी।
पीड़ित महिला से मामले की जानकारी ली तो उसने बताया कि रुपये मांगे थे, लेकिन उसने दिए नहीं हैं। मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। -शोभा अग्रवाल, सीएमएस, महिला अस्पताल
