बुलंदशहर में युवक की पीट-पीटकर हत्या: छतारी के भीमपुर गांव में लगाने गया था फेरी, तभी युवकों ने कर दिया हमला
यह घटना गांव में कानून व्यवस्था और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। हालांकि पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई है। इस घटना से परिजन दहशत में हैं।
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बुलंदशहर के डिबाई के भीमपुर गांव में पिटाई से घायल हुए फेरी लगाने वाले शख्स की सोमवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। मृतक की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
छतारी क्षेत्र के नगला बंजारा मोहल्ला निवासी शकीला ने बताया कि उनके पति युसूफ (39) गांव-गांव जाकर आर्टिफिशियल ज्वैलरी बेचते थे और परिवार का पालन-पोषण करते थे। रविवार सुबह को युसूफ डिबाई के भीमपुर गांव में फेरी लगाने गए थे। भीमपुर दोराहे पर कुछ ग्रामीणों से सामान बेचने को लेकर उनका विवाद हो गया।
आरोप है कि दो-तीन लोगों ने गाली-गलौज कर युसूफ की बेरहमी से पिटाई की। ग्रामीणों ने पहुंच कर बीच-बचाव कराया, जिसके बाद उनको दानपुर पीएचसी पहुंचाया गया। युसूफ ने परिजनों को घटना की जानकारी दी। सूचना मिलते ही परिजन पीएचसी पहुंच गए। जहां से चिकित्सकों ने युसूफ को हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजनों ने युसूफ को अलीगढ़ के मन्नत अस्पताल में भर्ती कराया।
इसके बाद पत्नी शकीला ने डिबाई थाने में तहरीर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के प्रयास, मारपीट व धमकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। सोमवार सुबह युसूफ ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। दोपहर को परिजन अस्पताल से युसूफ का शव लेकर गांव पहुंचे, जिसको देख परिवार के लोग और रिश्तेदार बिलख उठे। मोहल्ले में मातम पसर गया।
पहले शकीला की तहरीर पर गैर इरादतन हत्या के प्रयास पर मुकदमा दर्ज किया गया। घटना में आरोपी चौगानपुर निवासी राजेंद्र वर्मा और भीमपुर निवासी भरत को गिरफ्तार किया गया। सोमवार को आरोपियों को जेल भेज दिया गया। युसूफ की मौत की सूचना मिली है। अब दर्ज मुकदमे में गैर इरादतन हत्या की धारा तरमीम की जाएगी। - प्रखर पांडेय, सीओ डिबाई।
छह बच्चों और पत्नी की जिम्मेदारी थी युसूफ पर
शकीला ने बताया कि उनके और युसूफ के चार बेटी और दो बेटे हैं। छह बच्चों और पत्नी के पालन पोषण की जिम्मेदारी अकेले युसूफ पर थी। घर में उनके अलावा कोई और सदस्य नहीं था, जो कमाता हो। परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी, जिसके चलते वह कच्चे मकान में रहते थे। शकीला पर ही सभी बच्चों के पालन पोषण और घर की जिम्मेदारी आ गई है।