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Chandauli News: महिला थाने में एक वर्ष में दर्ज हुई मात्र आठ प्राथमिकी
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-वर्ष 2024 में महिला थाने में दर्ज हुई थी 10 प्राथमिकी
संवाद न्यूज एजेंसी
पीडीडीयू नगर। पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों पर बिखर रहे रिश्ते तलाक तक पहुंच रहे हैं। ऐसे बिखरते रिश्तों की डोर पुलिस काउंसलिंग के जरिये बांधने की कोशिश कर रही है। इसके चलते दहेज उत्पीड़न जैसे मामले महिला थाने में कम दर्ज हो रहे हैं। वर्ष 2025 में जनवरी से अब तक सिर्फ आठ प्राथमिकी दर्ज हुई है। जबकि वर्ष 2024 में 10 प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
जिले के महिला थाने में हर महीने 120 से अधिक प्रार्थना पत्र आ रहे हैं। इसमें छोटी-छोटी बात पर पति-पत्नी के बीच मन मुटाव के अलावा दहेज उत्पीड़न के आरोप होते हैं। इसके अलावा पुलिस अधीक्षक और संबंधित थानों पर भी ऐसे प्रार्थना पत्र आते हैं। जिन्हें कई बार महिला थाने को रेफर कर दिया जाता है। महिला थाने पर दोनों पक्षों को बुलाकर पति और पत्नी का काउंसलिंग की जाती है। दोनों की समस्याओं को सुनकर समस्या का समझदारी पूर्वक निदान का प्रयास किया जा रहा है। इसके चलते महिला थाने में दर्ज होने वाली प्राथमिकी की संख्या काफी कम है। वर्ष 2025 में जनवरी से लेकर अब तक दहेज उत्पीड़न से जुड़े आठ प्राथमिकी दर्ज हुई है। इसमें जनवरी, मार्च, मई में एक-एक प्राथमिकी, जून महीन में दो, इसके अलावा जुलाई, सितंबर और नवंबर में एक-एक प्राथमिकी दर्ज हुई है। यानी अब तक कुल 8 प्राथमिकी दर्ज हुई है। वहीं दर्ज हुई आठ प्राथमिकी दहेज उत्पीड़न के हैं।
कोट-- -
महिला उत्पीड़न से जुड़े प्रार्थना पत्र आते हैं। सबसे पहले दोनों पक्षों की काउंसलिंग करते सुलह-समझौते का प्रयास किया जाता कि ताकि कानूनी कार्रवाई के चक्कर में रिश्ता खराब ना हो जाएं। काउंसलिंग के बाद भी बात नहीं बनने पर महिला के प्रार्थना पत्र के आधार प्राथमिकी दर्ज की जाती है।
-पूजा कौर, प्रभारी, महिला थाना
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संवाद न्यूज एजेंसी
पीडीडीयू नगर। पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों पर बिखर रहे रिश्ते तलाक तक पहुंच रहे हैं। ऐसे बिखरते रिश्तों की डोर पुलिस काउंसलिंग के जरिये बांधने की कोशिश कर रही है। इसके चलते दहेज उत्पीड़न जैसे मामले महिला थाने में कम दर्ज हो रहे हैं। वर्ष 2025 में जनवरी से अब तक सिर्फ आठ प्राथमिकी दर्ज हुई है। जबकि वर्ष 2024 में 10 प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
जिले के महिला थाने में हर महीने 120 से अधिक प्रार्थना पत्र आ रहे हैं। इसमें छोटी-छोटी बात पर पति-पत्नी के बीच मन मुटाव के अलावा दहेज उत्पीड़न के आरोप होते हैं। इसके अलावा पुलिस अधीक्षक और संबंधित थानों पर भी ऐसे प्रार्थना पत्र आते हैं। जिन्हें कई बार महिला थाने को रेफर कर दिया जाता है। महिला थाने पर दोनों पक्षों को बुलाकर पति और पत्नी का काउंसलिंग की जाती है। दोनों की समस्याओं को सुनकर समस्या का समझदारी पूर्वक निदान का प्रयास किया जा रहा है। इसके चलते महिला थाने में दर्ज होने वाली प्राथमिकी की संख्या काफी कम है। वर्ष 2025 में जनवरी से लेकर अब तक दहेज उत्पीड़न से जुड़े आठ प्राथमिकी दर्ज हुई है। इसमें जनवरी, मार्च, मई में एक-एक प्राथमिकी, जून महीन में दो, इसके अलावा जुलाई, सितंबर और नवंबर में एक-एक प्राथमिकी दर्ज हुई है। यानी अब तक कुल 8 प्राथमिकी दर्ज हुई है। वहीं दर्ज हुई आठ प्राथमिकी दहेज उत्पीड़न के हैं।
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कोट
महिला उत्पीड़न से जुड़े प्रार्थना पत्र आते हैं। सबसे पहले दोनों पक्षों की काउंसलिंग करते सुलह-समझौते का प्रयास किया जाता कि ताकि कानूनी कार्रवाई के चक्कर में रिश्ता खराब ना हो जाएं। काउंसलिंग के बाद भी बात नहीं बनने पर महिला के प्रार्थना पत्र के आधार प्राथमिकी दर्ज की जाती है।
-पूजा कौर, प्रभारी, महिला थाना
