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Chandauli News: राजघाट पुल का मरम्मत कार्य एक घंटे में ही बंद हुआ, भीषण जाम से हटा प्रतिबंध
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मालवीय पुल पर प्रतिबंध के बाद पड़ाव पर वाहन न मिलने से भारी सामान लेकर पैदल ही गंतव्य तक जाते ल
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पड़ाव, चंदौली। राजघाट पुल की मरम्मत का कार्य एक घंटे में ही बंद करना पड़ा। चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगने के बाद रामनगर, सामनेघाट और लंका पर इतना भीषण जाम लगा कि मरम्मत कार्य को बंद कर डायवर्जन और प्रतिबंध को स्थगित करना पड़ा। इसके बाद सुबह नौ बजे से शुरू हुआ प्रतिबंध दोपहर 12 बजे सभी वाहनों के लिए शुरू करा दिया गया। पूर्व में जारी यातायात डायवर्जन आदेश अग्रिम आदेश तक के लिए निरस्त कर दिया गया।
वाराणसी के मालवीय पुल को राजघाट पुल के नाम से भी जाना जाता है। पुल के ड्रेनेज स्पाउट एक्सपेंशन जॉइंट की मरम्मत कार्य के लिए दस दिन पहले ही वाराणसी और चंदौली के जिला प्रशासन ने घोषणा की थी कि 20 से 13 जनवरी तक यानि 25 दिनों तक मरम्मत का कार्य चलेगा। इस अवधि में पुल पर कोई भी चार पहिया वाहन नहीं जा सकेगा। केवल स्कूल बसों को सुबह एक घंटे जाने की अनुमति थी। इसको लेकर शुक्रवार को ट्रायल भी किया गया जिसके बाद भी प्रशासन को इससे होने वाली दिक्कतों का अंदाजा नहीं हो सकी। शनिवार सुबह 9 बजे पड़ाव चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर चार पहिया वाहनों को रोक दिया गया।
वाहन रामनगर, सामनेघाट पुल, विश्वसुंदरी पुल या फिर रिंग रोड से वाराणसी जाने लगे। वहीं ऑटो और सवारी वाहन दूरी ज्यादा होने की वजह से दोगुना से ज्यादा किराये की मांग करने लगे। जहां यात्रियों को वाराणसी जाने के लिए रोज 20-25 रुपये खर्च होते थे वहीं अब 60-70 रुपये किराया मांगा जा रहा था। इससे यात्री परेशान रहे। वहीं राजघाट पुल पर इतने बाइक सवार पहुंचे कि वह भी जाम हो गया। 11 बजे पुल पर पूजा के बाद मरम्मत का कार्य शुरू हुआ लेकिन रामनगर, सामनेघाट, लंका और पड़ाव पर भीषण जाम लगने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई और मरम्मत कार्य स्थगित करने का निर्णय हुआ। इसके बाद 12 बजे दोपहर में प्रतिबंध को हटा दिया गया और यातायात सुचारू रूप से शुरू हो सका।
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घंटों वाहन के इंतजार मेें खड़े रहे यात्री
मरम्मत कार्य की सूचना 10 दिन पहले से प्रसारित की जा रही थी लेकिन ज्यादातर लोगों को जानकारी न होने से वे पड़ाव चौराहे पर वाराणसी जाने के लिए पहुुंचे लेकिन पुल पर आवागमन बंद होने से परेशान होना पड़ा। भीड़ से वाहन भी नहीं मिल पा रहे थे। ऐसे में ज्यादातर लोग दो से चार घंटे तक खड़े रहे या फिर पीडीडीयू नगर और रामनगर की तरफ पैदल ही जाते दिखे।
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प्रशासन के ट्रायल पर सवाल
राजघाट मालवीय पुल वाराणसी और चंदौली को ही नहीं बल्कि पूर्वी और पश्चिमी छोर को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण पुल है। इस पर हजारों वाहनों का और एक लाख से ज्यादा लोगों का आवागमन रोजाना होता है। इसपर वाहनों को प्रतिबंधित करने से पहले प्रशासन की ओर से ट्रायल भी किया गया लेकिन ट्रायल में अंदाजा नहीं लगाया जा सका। भले ही प्रशासन ने मरम्मत कार्य शुरू कराया और बंद करा दिया हो पर जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
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कब क्या हुआ?
-- 9 बजे सुबह-- -पड़ाव चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर चारपहिया वाहनों को रोक दिया गया।
-- 9:30 बजे सुबह-- पड़ाव चौराहे पर लोगों की भीड़ जुटने लगी।
-- 10 बजे सुबह-- -चंदौली और वाराणसी पुलिस के अधिकारियों का चक्रमण।
-- -11 बजे सुबह-- -राजघाट पुल पर मरम्मत कार्य से पहले पूजन।
-- -- 11:15 बजे सुबह-- -मशीन से पुल की फर्श तोड़ने का कार्य शुरू।
-- -- 12 बजे दोपहर-- -- प्रशासन के आदेश के बाद मरम्मत कार्य बंद।
-- -- 12:15 बजे दोपहर-- -वाहनों का आवागमन फिर से हुआ शुरू।
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बनारस रोज काम के लिए जाते हैं। पहले से जानकारी नहीं थी। पड़ाव पहुंचे तो बनारस जाने के लिए ऑटो नहीं मिला। एक मिला भी तो वह 70 रुपये मांग रहा था। उतने पैसे नहीं हैं। आज काम पर नहीं जाने से भी नुकसान हुआ। अब घर जा रहा हूं।-- शिवकुमार गुप्ता, पीडीडीयू नगर
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बनारस जाने के लिए चौराहे पर दो घंटे तक खड़े रहे पर सवारी वाहन नहीं मिला। समझ नहीं आ रहा कि क्या करें, कुछ जरूरी कार्य था। प्रशासन को इसके बदले कोई अन्य व्यवस्था करानी चाहिए थी।-- मंगल यादव, बहादुरपुर
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बिना जनता के समस्याओं को समझे जल्दबाजी में लिया गया निर्णय था। सैकड़ों लोग घंटों परेशान रहे। मुझे परिजनों के साथ बनारस जाना था। मैदागिन पर काम था लेकिन ऑटो ही नहीं मिला। डेढ़ घंटे तक इंतजार करते रहे।-इशान खान, मढि़या
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चारपहिया वाहन बंद होने पर दोपहिया लेकर आए लेकिन जो लोग ऑटो और ई-रिक्शा से जाते हैं जिनके पास बाइक नहीं वे ज्यादा परेशान रहे। जितने पैसे ऑटो वाले मांग रहे थे उतने में तीन दिन बनारस आते-जाते थे।-लल्लू पटेल, डोमरी
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कोट--
राजघाट पर पुल पर मरम्मत का कार्य स्थगित कर दिया गया है। पुल पर शनिवार दोपहर से ही सभी वाहनों का आवागमन शुरू कर दिया गया है।-सत्यप्रकाश यादव, यातायात प्रभारी, चंदौली
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वाराणसी के मालवीय पुल को राजघाट पुल के नाम से भी जाना जाता है। पुल के ड्रेनेज स्पाउट एक्सपेंशन जॉइंट की मरम्मत कार्य के लिए दस दिन पहले ही वाराणसी और चंदौली के जिला प्रशासन ने घोषणा की थी कि 20 से 13 जनवरी तक यानि 25 दिनों तक मरम्मत का कार्य चलेगा। इस अवधि में पुल पर कोई भी चार पहिया वाहन नहीं जा सकेगा। केवल स्कूल बसों को सुबह एक घंटे जाने की अनुमति थी। इसको लेकर शुक्रवार को ट्रायल भी किया गया जिसके बाद भी प्रशासन को इससे होने वाली दिक्कतों का अंदाजा नहीं हो सकी। शनिवार सुबह 9 बजे पड़ाव चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर चार पहिया वाहनों को रोक दिया गया।
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वाहन रामनगर, सामनेघाट पुल, विश्वसुंदरी पुल या फिर रिंग रोड से वाराणसी जाने लगे। वहीं ऑटो और सवारी वाहन दूरी ज्यादा होने की वजह से दोगुना से ज्यादा किराये की मांग करने लगे। जहां यात्रियों को वाराणसी जाने के लिए रोज 20-25 रुपये खर्च होते थे वहीं अब 60-70 रुपये किराया मांगा जा रहा था। इससे यात्री परेशान रहे। वहीं राजघाट पुल पर इतने बाइक सवार पहुंचे कि वह भी जाम हो गया। 11 बजे पुल पर पूजा के बाद मरम्मत का कार्य शुरू हुआ लेकिन रामनगर, सामनेघाट, लंका और पड़ाव पर भीषण जाम लगने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई और मरम्मत कार्य स्थगित करने का निर्णय हुआ। इसके बाद 12 बजे दोपहर में प्रतिबंध को हटा दिया गया और यातायात सुचारू रूप से शुरू हो सका।
घंटों वाहन के इंतजार मेें खड़े रहे यात्री
मरम्मत कार्य की सूचना 10 दिन पहले से प्रसारित की जा रही थी लेकिन ज्यादातर लोगों को जानकारी न होने से वे पड़ाव चौराहे पर वाराणसी जाने के लिए पहुुंचे लेकिन पुल पर आवागमन बंद होने से परेशान होना पड़ा। भीड़ से वाहन भी नहीं मिल पा रहे थे। ऐसे में ज्यादातर लोग दो से चार घंटे तक खड़े रहे या फिर पीडीडीयू नगर और रामनगर की तरफ पैदल ही जाते दिखे।
प्रशासन के ट्रायल पर सवाल
राजघाट मालवीय पुल वाराणसी और चंदौली को ही नहीं बल्कि पूर्वी और पश्चिमी छोर को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण पुल है। इस पर हजारों वाहनों का और एक लाख से ज्यादा लोगों का आवागमन रोजाना होता है। इसपर वाहनों को प्रतिबंधित करने से पहले प्रशासन की ओर से ट्रायल भी किया गया लेकिन ट्रायल में अंदाजा नहीं लगाया जा सका। भले ही प्रशासन ने मरम्मत कार्य शुरू कराया और बंद करा दिया हो पर जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
कब क्या हुआ?
बनारस रोज काम के लिए जाते हैं। पहले से जानकारी नहीं थी। पड़ाव पहुंचे तो बनारस जाने के लिए ऑटो नहीं मिला। एक मिला भी तो वह 70 रुपये मांग रहा था। उतने पैसे नहीं हैं। आज काम पर नहीं जाने से भी नुकसान हुआ। अब घर जा रहा हूं।
बनारस जाने के लिए चौराहे पर दो घंटे तक खड़े रहे पर सवारी वाहन नहीं मिला। समझ नहीं आ रहा कि क्या करें, कुछ जरूरी कार्य था। प्रशासन को इसके बदले कोई अन्य व्यवस्था करानी चाहिए थी।
बिना जनता के समस्याओं को समझे जल्दबाजी में लिया गया निर्णय था। सैकड़ों लोग घंटों परेशान रहे। मुझे परिजनों के साथ बनारस जाना था। मैदागिन पर काम था लेकिन ऑटो ही नहीं मिला। डेढ़ घंटे तक इंतजार करते रहे।-इशान खान, मढि़या
चारपहिया वाहन बंद होने पर दोपहिया लेकर आए लेकिन जो लोग ऑटो और ई-रिक्शा से जाते हैं जिनके पास बाइक नहीं वे ज्यादा परेशान रहे। जितने पैसे ऑटो वाले मांग रहे थे उतने में तीन दिन बनारस आते-जाते थे।-लल्लू पटेल, डोमरी
कोट
राजघाट पर पुल पर मरम्मत का कार्य स्थगित कर दिया गया है। पुल पर शनिवार दोपहर से ही सभी वाहनों का आवागमन शुरू कर दिया गया है।-सत्यप्रकाश यादव, यातायात प्रभारी, चंदौली

मालवीय पुल पर प्रतिबंध के बाद पड़ाव पर वाहन न मिलने से भारी सामान लेकर पैदल ही गंतव्य तक जाते ल
