{"_id":"69371a10ad202c45fe0af0ae","slug":"after-questioning-the-sit-can-take-the-ato-and-accountant-on-remand-chitrakoot-news-c-215-1-sknp1043-124192-2025-12-09","type":"story","status":"publish","title_hn":"Chitrakoot News: पूछताछ के बाद एटीओ व अकाउंटेंट को रिमांड पर ले सकती है एसआईटी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Chitrakoot News: पूछताछ के बाद एटीओ व अकाउंटेंट को रिमांड पर ले सकती है एसआईटी
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Tue, 09 Dec 2025 12:03 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
चित्रकूट। 43.13 करोड़ के कोषागार घोटाले में विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों से लंबी पूछताछ के बाद भी एसआईटी को पूरी तह तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। अभी तक की जांच में कई पेंशनरों के अलावा विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों ने मामले में नामजद आरोपियों पर ही पूरा दोष मढ़ने का प्रयास किया है। ऐसे में अब एसआईटी जेल में बंद एटीओ व अकाउंटेंट को रिमांड में लेकर पूछताछ कर सकती है।
घोटाले की धनराशि व पेंशनरों के खाते से लेकर ऑनलाइन ट्रांजक्शन, डिजिटल हस्ताक्षर के मिलान को लगातार एसआईटी जांच कर रही है। विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों से भी कई बार पूछताछ की। ज्यादातर मामले में विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने इस मामले में नामजद हुए एटीओ व एकाउंटेंट को ही दोषी ठहराया है। ऐसे में एसआईटी के सामने समस्या है कि जेल में एटीओ विकास व अकाउंटेंट अशोक बंद हैं तो इन पर लगे आरोपों की कैसे तस्दीक करें। इसलिए अब एसआईटी इन दोनों से पूछताछ के लिए रिमांड लेने की तैयारी कर रही है। इसके लिए जल्द ही अदालत में याचिका डाली जाएगी। एसआईटी ने रविवार व सोमवार को भी विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारियों से बैंक खाते के संचालन, ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया व पटल से फाइल के आगे बढ़ाने में कई संदेह होने पर पूछताछ की है। जिसका संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाया है।
-- -- -- -- -- -- -- -- -- -
पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि जांच के लिए हर स्तर पर पूछताछ व कागजातों का मिलान चल रहा है। कोषागार विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारियों से पूछताछ के बाद जो तथ्य मिले हैं उनका मिलान भी जरूरी है। ऐसे में कई जगह जेल भेजे एटीओ व अकाउंटेंट से भी पूछताछ जरूरी है। इसके लिए एसआईटी जरूरत के हिसाब से अदालत से रिमांड की याचिका डाल सकती है।
-- -- -- -- -- -- -- -- -- -- -- -- -- -- -
मिला 15 खातों का ऑनलाइन रिकार्ड लगभग 10 करोड़ का मामला
संवाद न्यूज एजेंसी
चित्रकूट। कोषागार घोटाले में आरोपी 93 पेंशनरों के बैंक खाते में भेजी गई 15 खाते की धनराशि का ब्यौरा एसआईटी व कोषागार विभाग ने लखनऊ के सेंट्रल सर्वर से प्राप्त कर लिया है। जानकारी के अनुसार इन 15 खातों में लगभग दस करोड़ का भुगतान भेजा गया है। सबसे प्रमुख नाम जेल में बंद बिचौलिए दीपक पांडेय का नाम आया है। इसके बदले खाता नंबर में एक करोड़ से अधिक का भुगतान आया है। इसके अलावा जांच टीम ने कोषागार विभाग से इन्हीं 15 खातों के रिकार्ड को फिर से खंगाला है। इसके लिए डाक बही व डिस्पैच रजिस्टर से इन खातों की जांच की गई है।
93 पेंशनरों के बैंक खाते में भेजी गई 15 खातों की धनराशि का ब्योरा नहीं मिल रही थी। इसमें बैंक अधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध मिलने पर जांच टीम ने कोषागार विभाग के साथ मिलकर लखनऊ के सेंट्रल सर्वर कार्यालय टीम पहुंची थी। जांच टीम ने सेंट्रल सर्वर से इन 15 खातोंं का पूरा रिकार्ड प्राप्त कर लिया है। बताया गया है कि इन्हीं खातों में सबसे ज्यादा धनराशि भेजी गई है।
Trending Videos
घोटाले की धनराशि व पेंशनरों के खाते से लेकर ऑनलाइन ट्रांजक्शन, डिजिटल हस्ताक्षर के मिलान को लगातार एसआईटी जांच कर रही है। विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों से भी कई बार पूछताछ की। ज्यादातर मामले में विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने इस मामले में नामजद हुए एटीओ व एकाउंटेंट को ही दोषी ठहराया है। ऐसे में एसआईटी के सामने समस्या है कि जेल में एटीओ विकास व अकाउंटेंट अशोक बंद हैं तो इन पर लगे आरोपों की कैसे तस्दीक करें। इसलिए अब एसआईटी इन दोनों से पूछताछ के लिए रिमांड लेने की तैयारी कर रही है। इसके लिए जल्द ही अदालत में याचिका डाली जाएगी। एसआईटी ने रविवार व सोमवार को भी विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारियों से बैंक खाते के संचालन, ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया व पटल से फाइल के आगे बढ़ाने में कई संदेह होने पर पूछताछ की है। जिसका संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि जांच के लिए हर स्तर पर पूछताछ व कागजातों का मिलान चल रहा है। कोषागार विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारियों से पूछताछ के बाद जो तथ्य मिले हैं उनका मिलान भी जरूरी है। ऐसे में कई जगह जेल भेजे एटीओ व अकाउंटेंट से भी पूछताछ जरूरी है। इसके लिए एसआईटी जरूरत के हिसाब से अदालत से रिमांड की याचिका डाल सकती है।
मिला 15 खातों का ऑनलाइन रिकार्ड लगभग 10 करोड़ का मामला
संवाद न्यूज एजेंसी
चित्रकूट। कोषागार घोटाले में आरोपी 93 पेंशनरों के बैंक खाते में भेजी गई 15 खाते की धनराशि का ब्यौरा एसआईटी व कोषागार विभाग ने लखनऊ के सेंट्रल सर्वर से प्राप्त कर लिया है। जानकारी के अनुसार इन 15 खातों में लगभग दस करोड़ का भुगतान भेजा गया है। सबसे प्रमुख नाम जेल में बंद बिचौलिए दीपक पांडेय का नाम आया है। इसके बदले खाता नंबर में एक करोड़ से अधिक का भुगतान आया है। इसके अलावा जांच टीम ने कोषागार विभाग से इन्हीं 15 खातों के रिकार्ड को फिर से खंगाला है। इसके लिए डाक बही व डिस्पैच रजिस्टर से इन खातों की जांच की गई है।
93 पेंशनरों के बैंक खाते में भेजी गई 15 खातों की धनराशि का ब्योरा नहीं मिल रही थी। इसमें बैंक अधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध मिलने पर जांच टीम ने कोषागार विभाग के साथ मिलकर लखनऊ के सेंट्रल सर्वर कार्यालय टीम पहुंची थी। जांच टीम ने सेंट्रल सर्वर से इन 15 खातोंं का पूरा रिकार्ड प्राप्त कर लिया है। बताया गया है कि इन्हीं खातों में सबसे ज्यादा धनराशि भेजी गई है।
