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Chitrakoot News: बैंक के 15 खातों में भेजी धनराशि का नहीं मिला ब्योरा
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Mon, 08 Dec 2025 12:18 AM IST
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चित्रकूट। कोषागार घोटाला मामले में 15 खाते की धनराशि का ब्योरा नहीं मिल रहा है। इसके लिए जांच टीम ने बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ की। यह धनराशि खातों में न मिलने पर बैंक के अफसर भी संदेह के घेरे में हैं। इसे लेकर विशेषज्ञ से इन खातों का पूरा विवरण ऑनलाइन शो करने के लिए मदद मांगीं है।
एसआईटी ने रविवार को भी पेंशनरोंं के कागजात, बैंक खाते, भुगतान व निकाली धनराशि का मिलान किया। इसमें बैंक से मिले रिकार्ड के आधार पर जब पूरा मामला सामने आया तो पता चला कि 15 ऐसे खाते हैं, जिसमें कोषागार से भेजी गई धनराशि का विवरण दिख नहीं रहा है। इन खातों के स्टेटमेंट नहीं निकले हैं। जांच टीम ने अवकाश के बाद भी बैंक में जाकर इन खातों की जांच कराई लेकिन जब रिकार्ड नहीं मिला तो एक्सपर्ट बुलाए गए।
चार घंटे की पड़ताल के बाद 78 खातों का विवरण तो पूरा मिल गया लेकिन 15 खातों का विवरण नहीं मिला। इस पर एसआईटी ने भुगतान के समय व धनराशि का विवरण कोषागार विभाग से मंगाया। यह विवरण ऑनलाइन खाते में नहीं दिख रहा था। इसे लेकर इस कार्यावधि में बैंक में कार्यरत कर्मचारियों से भी बातचीत की गई।
जब एसआईटी को विभाग के 15 खातों में भुगतान की गई धनराशि का ब्योरा नहीं मिला तो कोषागार विभाग के अधिकारी भी परेशान हुए। उनके पटल व विभाग की वेबसाइट पर भेजी गई धनराशि दिख रही थी। यह धनराशि लगभग आठ से 10 करोड़ के बीच की है। मिलाने के लिए दो अन्य एक्सपर्ट भी बुलाए गए हैं। जो रातभर खाते में भेजी गई धनराशि का विवरण न मिलने की जानकारी करेंगे।
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डाक बही व डिस्पैच रजिस्टर से मिलान
चित्रकूट। कोषागार घोटाले में लगभग दो माह से जांच जारी है। जांच टीम ने शुक्रवार को विभाग के सभी डाक बही व डिस्पैच रजिस्टर को मंगाया है। देखा जा रहा है कि 2018 से लेकर 2025 तक के बीच आरोपी पेंशनर के जीवित व मृत प्रमाणपत्र के कागज की इंट्री की गई है या नहीं। इसमें कितने पेंशनरों को विभाग की ओर से जीवित प्रमाणपत्र मांगने के लिए नोटिस भेजी गई है। (संवाद)
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रिटायर्ड वरिष्ठ कोषाधिकारी से पूछताछ
चित्रकूट। जिले में 2014 से लेकर 2019 तक तैनात रहे रिटायर्ड वरिष्ठ कोषाधिकारी कमलेश कुमार से भी पूछताछ की गई है। जानकारी के अनुसार उनसे दो दिन पूर्व एसआईटी ने कोषागार विभाग में ही भुगतान प्रक्रिया और उनके कार्यकाल में सन 2018 के रिकार्ड को खंगाला। इस सन में पेंशनर के खाते में भेजी गई धनराशि, डिजिटल हस्ताक्षर व कुछ के बदले जाने वाले खाता नंबर का विवरण इनके सामने रखा गया। जांच टीम ने फिलहाल उनके बयान व उनके कार्यकाल में हुए भुगतान को रिकार्ड में रखा है।-- -- -- -- -- --
कोषागार घोटाला मामले में जांच टीम के सामने प्रतिदिन एक नया सवाल आता है। जांच धीमी पर सही दिशा में हो रही है। बैंक खाते में कुछ के स्टेटमेंट नहीं मिले तो अब एक्सपर्ट व बड़े बैंक अधिकारियों से संपर्क किया गया है।
-- - अरुण कुमार सिंह- पुलिस अधीक्षक चित्रकूट
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एसआईटी ने रविवार को भी पेंशनरोंं के कागजात, बैंक खाते, भुगतान व निकाली धनराशि का मिलान किया। इसमें बैंक से मिले रिकार्ड के आधार पर जब पूरा मामला सामने आया तो पता चला कि 15 ऐसे खाते हैं, जिसमें कोषागार से भेजी गई धनराशि का विवरण दिख नहीं रहा है। इन खातों के स्टेटमेंट नहीं निकले हैं। जांच टीम ने अवकाश के बाद भी बैंक में जाकर इन खातों की जांच कराई लेकिन जब रिकार्ड नहीं मिला तो एक्सपर्ट बुलाए गए।
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चार घंटे की पड़ताल के बाद 78 खातों का विवरण तो पूरा मिल गया लेकिन 15 खातों का विवरण नहीं मिला। इस पर एसआईटी ने भुगतान के समय व धनराशि का विवरण कोषागार विभाग से मंगाया। यह विवरण ऑनलाइन खाते में नहीं दिख रहा था। इसे लेकर इस कार्यावधि में बैंक में कार्यरत कर्मचारियों से भी बातचीत की गई।
जब एसआईटी को विभाग के 15 खातों में भुगतान की गई धनराशि का ब्योरा नहीं मिला तो कोषागार विभाग के अधिकारी भी परेशान हुए। उनके पटल व विभाग की वेबसाइट पर भेजी गई धनराशि दिख रही थी। यह धनराशि लगभग आठ से 10 करोड़ के बीच की है। मिलाने के लिए दो अन्य एक्सपर्ट भी बुलाए गए हैं। जो रातभर खाते में भेजी गई धनराशि का विवरण न मिलने की जानकारी करेंगे।
डाक बही व डिस्पैच रजिस्टर से मिलान
चित्रकूट। कोषागार घोटाले में लगभग दो माह से जांच जारी है। जांच टीम ने शुक्रवार को विभाग के सभी डाक बही व डिस्पैच रजिस्टर को मंगाया है। देखा जा रहा है कि 2018 से लेकर 2025 तक के बीच आरोपी पेंशनर के जीवित व मृत प्रमाणपत्र के कागज की इंट्री की गई है या नहीं। इसमें कितने पेंशनरों को विभाग की ओर से जीवित प्रमाणपत्र मांगने के लिए नोटिस भेजी गई है। (संवाद)
रिटायर्ड वरिष्ठ कोषाधिकारी से पूछताछ
चित्रकूट। जिले में 2014 से लेकर 2019 तक तैनात रहे रिटायर्ड वरिष्ठ कोषाधिकारी कमलेश कुमार से भी पूछताछ की गई है। जानकारी के अनुसार उनसे दो दिन पूर्व एसआईटी ने कोषागार विभाग में ही भुगतान प्रक्रिया और उनके कार्यकाल में सन 2018 के रिकार्ड को खंगाला। इस सन में पेंशनर के खाते में भेजी गई धनराशि, डिजिटल हस्ताक्षर व कुछ के बदले जाने वाले खाता नंबर का विवरण इनके सामने रखा गया। जांच टीम ने फिलहाल उनके बयान व उनके कार्यकाल में हुए भुगतान को रिकार्ड में रखा है।
कोषागार घोटाला मामले में जांच टीम के सामने प्रतिदिन एक नया सवाल आता है। जांच धीमी पर सही दिशा में हो रही है। बैंक खाते में कुछ के स्टेटमेंट नहीं मिले तो अब एक्सपर्ट व बड़े बैंक अधिकारियों से संपर्क किया गया है।
