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Chitrakoot News: ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसों का संचालन नहीं, यात्री परेशान
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Sun, 14 Sep 2025 12:46 AM IST
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फोटो05सीकेटीपी-5- परिचय- मुख्यालय से गुजरती चित्रकूट डिपो की बस । संवाद
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चित्रकूट। ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसों का संचालन न होने से यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है। लोगों की लगातार मांग के बाद बस स्टैंड का निर्माण तो कई साल पहले हो गया था, लेकिन बसें न हाेने से सही से संचालन नहीं हो रहा था। शासन ने जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में 48 बसें चलाने के लिए घोषणा की है। इससे यात्रियों को आने जाने की समस्या से निजात मिलेगी।
जनपद के देवांगना रोड, रामघाट, मारकुंडी, बहिलपुरवा, दरसेड़ा, गनीवां सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसें नहीं चल रहीं हैं। साथ ही मानिकपुर नगर पंचायत के लिए भी एक-दो बसें ही चलती हैं। इससे यहां से आने जाने वाले यात्रियों को प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ता है। लोगों की मांग के बाद बेड़ी पुलिया के पास बस स्टैंड का निर्माण पूरा हो गया और संचालन भी शुरु हो गया। इसके बाद भी डिपो में पर्याप्त मात्रा में बसें नहीं दी गईं।
इससे यात्रियों को परेशानियां उठानी पड़ रही है। नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता, सपा के सदर विधायक अनिल प्रधान सहित कई नेताओं ने बसों के संचालन के लिए शासन को पत्र भी लिखा था। तब जाकर परिवहन विभाग ने जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालन के 48 बसें देने की घोषणा की है। जो जल्द ही जनपद में पहुंचेगी।
नगर पालिका अध्यक्ष ने बताया कि धर्मनगरी होने की वजह से यहां देश के अन्य राज्यों के लोग भगवान कामतानाथ के दर्शन के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की मांग की गई थी। जिस पर विभाग ने चार्जिंग प्वांइट न होने की बात कहकर मना कर दिया और रोडवेज बसों के संचालन कराने की जानकारी दी है।
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मानक विहीन बसों के संचालन पर नहीं लगी लगाम
चित्रकूट। जनपद में चलने वाली अधिकांश प्राइवेट बसें मानक विहीन चल रही हैं। किसी का परमिट समाप्त हो गया है। किसी का बीमा नहीं है। शायद ही एक दो चालकों के पास ड्राईविंग लाइसेंस हो। कई बसें तो जर्जर हैं। इसके बाद भी प्राइवेट बसें दिनभर सड़कों पर फर्राटा से चलती हैं। प्रशासन इन पर कोई रोक नहीं लगा पा रहा है। इससे अक्सर सड़क दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं।
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डिपो में डीजल टैंक की व्यवस्था नहीं है।नई बसें मिल रही हैं तो इनमें डीजल भरवाने की समस्या आ सकती है। अभी इन बसों को किस रुट पर चलाया जाएगा इसकी योजना जल्द बनाई जाएगी। अभी चालक व परिचालक की भर्ती कराई जा रही है।
- राकेश पांडेय, एआरएम

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जनपद के देवांगना रोड, रामघाट, मारकुंडी, बहिलपुरवा, दरसेड़ा, गनीवां सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसें नहीं चल रहीं हैं। साथ ही मानिकपुर नगर पंचायत के लिए भी एक-दो बसें ही चलती हैं। इससे यहां से आने जाने वाले यात्रियों को प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ता है। लोगों की मांग के बाद बेड़ी पुलिया के पास बस स्टैंड का निर्माण पूरा हो गया और संचालन भी शुरु हो गया। इसके बाद भी डिपो में पर्याप्त मात्रा में बसें नहीं दी गईं।
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इससे यात्रियों को परेशानियां उठानी पड़ रही है। नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता, सपा के सदर विधायक अनिल प्रधान सहित कई नेताओं ने बसों के संचालन के लिए शासन को पत्र भी लिखा था। तब जाकर परिवहन विभाग ने जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालन के 48 बसें देने की घोषणा की है। जो जल्द ही जनपद में पहुंचेगी।
नगर पालिका अध्यक्ष ने बताया कि धर्मनगरी होने की वजह से यहां देश के अन्य राज्यों के लोग भगवान कामतानाथ के दर्शन के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की मांग की गई थी। जिस पर विभाग ने चार्जिंग प्वांइट न होने की बात कहकर मना कर दिया और रोडवेज बसों के संचालन कराने की जानकारी दी है।
मानक विहीन बसों के संचालन पर नहीं लगी लगाम
चित्रकूट। जनपद में चलने वाली अधिकांश प्राइवेट बसें मानक विहीन चल रही हैं। किसी का परमिट समाप्त हो गया है। किसी का बीमा नहीं है। शायद ही एक दो चालकों के पास ड्राईविंग लाइसेंस हो। कई बसें तो जर्जर हैं। इसके बाद भी प्राइवेट बसें दिनभर सड़कों पर फर्राटा से चलती हैं। प्रशासन इन पर कोई रोक नहीं लगा पा रहा है। इससे अक्सर सड़क दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं।
डिपो में डीजल टैंक की व्यवस्था नहीं है।नई बसें मिल रही हैं तो इनमें डीजल भरवाने की समस्या आ सकती है। अभी इन बसों को किस रुट पर चलाया जाएगा इसकी योजना जल्द बनाई जाएगी। अभी चालक व परिचालक की भर्ती कराई जा रही है।
- राकेश पांडेय, एआरएम