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Etah News: सर्दी बढ़ने से हृदय व रक्तचाप की समस्या के मरीज बढ़े
संवाद न्यूज एजेंसी, एटा
Updated Thu, 18 Dec 2025 11:36 PM IST
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मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभाग में मरीजों को देखते चिकित्सक। संवाद
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एटा। कोहरा और सर्द हवा के साथ मौसम बदला तो ठिठुरन बढ़ गई है। इसकी वजह से हृदय और सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं। मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में प्रतिदिन लगभग 20 मरीज हृदय व रक्तचाप के समस्या से पीड़ित आ रहे हैं। वहीं ओपीडी में खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। रोजाना 2000 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं।
सर्दी का सितम बढ़ने से सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ रही है। मेडिकल कॉलेज में हृदय रोग विभाग न होने के कारण मरीजों को बाहर जाना पड़ रहा है। थोड़ी सी लापरवाही से जान जोखिम में पड़ रही है। इसके साथ ही सीएचसी-पीएचसी पर भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों को सलाह देकर मेडिकल कॉलेज रेफर कर रहे हैं। सीएमएस डॉ. एस चंद्रा ने बताया कि हार्टअटैक का मुख्य कारण हाई ब्लडप्रेशर है। इसकी वजह सर्दी के मौसम में शरीर की सक्रियता का कम होना है।
इससे रक्त का दबाव बढ़ जाता है और हार्ट अटैक की आशंका अधिक हो जाती है। ऐसे में मरीज सावधानी बरतें। बुजुर्गों में बीमारी से लड़ने की शारीरिक क्षमता कम होती है इसलिए उन्हें भोजन में अधिक तेल-मसाले वाले खाने की जगह हल्का व पौष्टिक खाना लेना चाहिए। हरी सब्जी, दाल व रोटी का अधिक इस्तेमाल करें। गर्म कपड़े पहनें व व्यायाम करें। इसके अलावा खांसी व बुखार से पीड़ित 2000 मरीज प्रतिदिन ओपीडी में दवा लेने आ रहे हैं।
सांस की बीमारी से पीड़ित किसान की मौत
अलीगंज। सांस की बीमारी से पीड़ित किसान की उपचार के दौरान मौत हो गई। गांव मेवड़ा थाना सिकंदरपुर वैश्य जिला कासगंज निवासी अंशुल कुमार ने बताया कि पिता कलेक्टर सिंह (50) को सांस की बीमारी थी। काफी समय से तबीयत खराब चल रही थी। बृहस्पतिवार को हालत ज्यादा खराब होने पर मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी लाए। यहां कुछ देर तक चले उपचार के बाद उनकी मौत हो गई। बताया कि पिता खेती करके परिवार का भरण-पोषण करते थे। संवाद
सर्दी में ये सावधानी बरतें
- मीठा, नमकीन, खट्टा कम खाएं।
- ठंड बढ़ने पर धूप में जरूर बैठें।
- उच्च रक्तचाप होने पर धूप में न निकलें।
- शराब के सेवन से बचें।
- शरीर का वजन न बढ़ने दें।
- तनाव को दिमाग पर हावी न होने दें।
- सांस के रोगी सुबह ठंड में बाहर निकलने से बचें।
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सर्दी का सितम बढ़ने से सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ रही है। मेडिकल कॉलेज में हृदय रोग विभाग न होने के कारण मरीजों को बाहर जाना पड़ रहा है। थोड़ी सी लापरवाही से जान जोखिम में पड़ रही है। इसके साथ ही सीएचसी-पीएचसी पर भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों को सलाह देकर मेडिकल कॉलेज रेफर कर रहे हैं। सीएमएस डॉ. एस चंद्रा ने बताया कि हार्टअटैक का मुख्य कारण हाई ब्लडप्रेशर है। इसकी वजह सर्दी के मौसम में शरीर की सक्रियता का कम होना है।
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इससे रक्त का दबाव बढ़ जाता है और हार्ट अटैक की आशंका अधिक हो जाती है। ऐसे में मरीज सावधानी बरतें। बुजुर्गों में बीमारी से लड़ने की शारीरिक क्षमता कम होती है इसलिए उन्हें भोजन में अधिक तेल-मसाले वाले खाने की जगह हल्का व पौष्टिक खाना लेना चाहिए। हरी सब्जी, दाल व रोटी का अधिक इस्तेमाल करें। गर्म कपड़े पहनें व व्यायाम करें। इसके अलावा खांसी व बुखार से पीड़ित 2000 मरीज प्रतिदिन ओपीडी में दवा लेने आ रहे हैं।
सांस की बीमारी से पीड़ित किसान की मौत
अलीगंज। सांस की बीमारी से पीड़ित किसान की उपचार के दौरान मौत हो गई। गांव मेवड़ा थाना सिकंदरपुर वैश्य जिला कासगंज निवासी अंशुल कुमार ने बताया कि पिता कलेक्टर सिंह (50) को सांस की बीमारी थी। काफी समय से तबीयत खराब चल रही थी। बृहस्पतिवार को हालत ज्यादा खराब होने पर मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी लाए। यहां कुछ देर तक चले उपचार के बाद उनकी मौत हो गई। बताया कि पिता खेती करके परिवार का भरण-पोषण करते थे। संवाद
सर्दी में ये सावधानी बरतें
- मीठा, नमकीन, खट्टा कम खाएं।
- ठंड बढ़ने पर धूप में जरूर बैठें।
- उच्च रक्तचाप होने पर धूप में न निकलें।
- शराब के सेवन से बचें।
- शरीर का वजन न बढ़ने दें।
- तनाव को दिमाग पर हावी न होने दें।
- सांस के रोगी सुबह ठंड में बाहर निकलने से बचें।
