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Jawahar Thermal Project: एटा में बिजली बनना हुई शुरू, पहले दिन 111 मेगावाट हुआ उत्पादन; मनाया गया जश्न
संवाद न्यूज एजेंसी, एटा
Updated Sat, 23 Sep 2023 11:12 PM IST
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सार
एटा की जवाहर तापीय परियोजना में 111 मेगावाट तक बिजली उत्पादन पहुंचाया गया। दोपहर के समय यहां कुछ तकनीकी समस्या भी आई। जिसके चलते इकाई में कुछ समय के लिए काम बंद करना पड़ा।

जवाहर तापीय परियोजना
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
उत्तर प्रदेश के एटा जिले में जवाहर तापीय परियोजना स्थल में शुक्रवार रात से बिजली उत्पादन शुरू हो गया। दूसरे दिन इसे 46 से बढ़ाकर 111 मेगावाट तक पहुंचाया गया। सफलतापूर्वक बिजली उत्पादन शुरू होने पर परियोजना में जश्न भी मनाया गया।
मलावन में 660 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता की दो इकाइयों की परियोजना का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसमें से एक इकाई को संचालित कर लिया गया है। जबकि दूसरी में कुछ समय है। संचालित की गई इकाई में तीन दिन से लगातार ट्रायल चल रहे थे। शुक्रवार की रात यहां बिजली बनना शुरू हो गई। 46 मेगावाट बिजली बनाकर ग्रिड को आपूर्ति की गई। इसके बाद शनिवार सुबह से फिर कार्य शुरू कर दिया गया। शनिवार को यहां 111 मेगावाट तक बिजली उत्पादन पहुंचाया गया। दोपहर के समय यहां कुछ तकनीकी समस्या भी आई। जिसके चलते इकाई में कुछ समय के लिए काम बंद करना पड़ा। जिसके चलते क्षमता प्रभावित हुई। बिजली उत्पादन शुरू होने पर परियोजना के अधिकारियों ने केक काटकर जश्न मनाया। एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी गईं।
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जल्द ही पूरी क्षमता तक पहुंचेगा उत्पादन
नई परियोजना में बिजली उत्पादन शुरू करने की प्रक्रिया चरणबद्ध ढंग से शुरू की जा रही है। धीमे-धीमे कर इसकी क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। पहले दिन 46, दूसरे दिन 111 मेगावाट उत्पादन किया गया। अब तीसरे दिन रविवार को उत्पादन 300 मेगावाट पर ले जाने की तैयारी है। इसके बाद जल्द ही पूरी क्षमता यानी 660 मेगावाट बिजली प्रतिदिन बनेगी। जवाहर विद्युत तापीय परियोजना के एक्सईएन मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि परियोजना में बिजली उत्पादन शुरू हो चुका है और लगातार इसकी क्षमता बढ़ाई जा रही है। छोटी-मोटी कमियां आ रही हैं, जिन्हें दूर कर काम किया जा रहा है। रविवार को उत्पादन 300 मेगावाट तक ले जाने की तैयारी है।
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मलावन में 660 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता की दो इकाइयों की परियोजना का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसमें से एक इकाई को संचालित कर लिया गया है। जबकि दूसरी में कुछ समय है। संचालित की गई इकाई में तीन दिन से लगातार ट्रायल चल रहे थे। शुक्रवार की रात यहां बिजली बनना शुरू हो गई। 46 मेगावाट बिजली बनाकर ग्रिड को आपूर्ति की गई। इसके बाद शनिवार सुबह से फिर कार्य शुरू कर दिया गया। शनिवार को यहां 111 मेगावाट तक बिजली उत्पादन पहुंचाया गया। दोपहर के समय यहां कुछ तकनीकी समस्या भी आई। जिसके चलते इकाई में कुछ समय के लिए काम बंद करना पड़ा। जिसके चलते क्षमता प्रभावित हुई। बिजली उत्पादन शुरू होने पर परियोजना के अधिकारियों ने केक काटकर जश्न मनाया। एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी गईं।
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जल्द ही पूरी क्षमता तक पहुंचेगा उत्पादन
नई परियोजना में बिजली उत्पादन शुरू करने की प्रक्रिया चरणबद्ध ढंग से शुरू की जा रही है। धीमे-धीमे कर इसकी क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। पहले दिन 46, दूसरे दिन 111 मेगावाट उत्पादन किया गया। अब तीसरे दिन रविवार को उत्पादन 300 मेगावाट पर ले जाने की तैयारी है। इसके बाद जल्द ही पूरी क्षमता यानी 660 मेगावाट बिजली प्रतिदिन बनेगी। जवाहर विद्युत तापीय परियोजना के एक्सईएन मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि परियोजना में बिजली उत्पादन शुरू हो चुका है और लगातार इसकी क्षमता बढ़ाई जा रही है। छोटी-मोटी कमियां आ रही हैं, जिन्हें दूर कर काम किया जा रहा है। रविवार को उत्पादन 300 मेगावाट तक ले जाने की तैयारी है।
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52 से 60 किलो में बदली जा रही रेल पटरी
रेलवे स्टेशन पर पुरानी 52 किलो वजनी रेल लाइन पटरी को 60 किलो में बदला जा रहा है, जिससे कि यहां से जवाहर तापीय परियोजना स्थल तक आसानी से कोयला लेकर मालगाड़ी पहुंच सके। जिले में बरहन से एटा रेलवे स्टेशन तक 52 किलो की पटरी को 60 किलो में बदलने का काम पूरा कर लिया गया है। वहीं एटा रेलवे स्टेशन से जवाहर तापीय परियोजना स्थल मलावन तक तो 60 किलो की ही रेल पटरी पड़ी है। कुछ हिस्सा एटा रेलवे स्टेशन पर रह गया है। जिसको 52 किलो से 60 किलो में बदलने का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है। वरिष्ठ अनुभाग अभियंता धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि बरहन से एटा तक लगभग 60 किलोमीटर लंबी रेल लाइन की पटरी को 52 किलो से 60 किलो में बदल दिया गया है। वहीं रेलवे स्टेशन के यार्ड में ही कुछ हिस्सा शेष है। उसको भी तेजी के साथ बदला जा रहा है।
क्या है 52 किलो और 60 किलो लाइन
किसी भी रेल लाइन की मजबूती तथा भार सहन करने की क्षमता के लिए रेल पटरी का वजन निर्धारित किया जाता है। यह वजन किलो प्रति मीटर में दर्शाया जाता है। इसके तहत एटा की रेल लाइन जो कि पहले 52 किलोग्राम प्रति मीटर की थी। उसको अब 60 किलोग्राम प्रति मीटर किया जा रहा है। जिससे कि उसकी भार सहन करने की क्षमता और बढ़ जाए।
रेलवे स्टेशन पर पुरानी 52 किलो वजनी रेल लाइन पटरी को 60 किलो में बदला जा रहा है, जिससे कि यहां से जवाहर तापीय परियोजना स्थल तक आसानी से कोयला लेकर मालगाड़ी पहुंच सके। जिले में बरहन से एटा रेलवे स्टेशन तक 52 किलो की पटरी को 60 किलो में बदलने का काम पूरा कर लिया गया है। वहीं एटा रेलवे स्टेशन से जवाहर तापीय परियोजना स्थल मलावन तक तो 60 किलो की ही रेल पटरी पड़ी है। कुछ हिस्सा एटा रेलवे स्टेशन पर रह गया है। जिसको 52 किलो से 60 किलो में बदलने का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है। वरिष्ठ अनुभाग अभियंता धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि बरहन से एटा तक लगभग 60 किलोमीटर लंबी रेल लाइन की पटरी को 52 किलो से 60 किलो में बदल दिया गया है। वहीं रेलवे स्टेशन के यार्ड में ही कुछ हिस्सा शेष है। उसको भी तेजी के साथ बदला जा रहा है।
क्या है 52 किलो और 60 किलो लाइन
किसी भी रेल लाइन की मजबूती तथा भार सहन करने की क्षमता के लिए रेल पटरी का वजन निर्धारित किया जाता है। यह वजन किलो प्रति मीटर में दर्शाया जाता है। इसके तहत एटा की रेल लाइन जो कि पहले 52 किलोग्राम प्रति मीटर की थी। उसको अब 60 किलोग्राम प्रति मीटर किया जा रहा है। जिससे कि उसकी भार सहन करने की क्षमता और बढ़ जाए।