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UP: महिलाएं तो समझ रहीं हैं परिवार नियोजन की अहमियत...पुरुष बेपरवाह, हैरान कर देंगे ये आंकड़े
संवाद न्यूज एजेंसी, एटा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 22 Dec 2025 01:28 PM IST
सार
उत्तर प्रदेश के एटा जिले में नसबंदी कराने में महिलाएं आगे रहीं। दो चरणों में चले नसबंदी पखवाड़े में महज 20 पुरुषों ने नसबंदी कराई है।
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परिवार नियोजन
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जिले में इस साल दो चरणों में परिवार नियोजन का पखवाड़ा आयोजित किया गया। उसके बाद भी पुरुषों में नसबंदी कराने के मामले बहुत कम आए। सिर्फ 20 पुरुषों ने ही नसबंदी कराई जबकि महिलाएं इस मामले में इस साल भी आगे रही हैं।
पुरुषों के लिए नसबंदी को सुरक्षित, प्रभावी और स्थायी परिवार नियोजन के विकल्प के रूप में बढ़ावा देने के लिए 21 से 27 नवंबर तक नसबंदी पखवाड़ा चलाया गया। इसमें लाभार्थियों को चिह्नित किया गया। वहीं 28 से 4 दिसंबर तक दूसरे चरण में पुरुष नसबंदी सेवाएं दी गईं। इस दौरान सिर्फ 20 पुरुषों ने ही नसबंदी कराई। वहीं 763 महिलाओं ने नसबंदी कराई। सबसे अधिक अवागढ़ सीएचसी पर 139 महिलाओं ने नसबंदी कराई। इसके साथ ही अलीगंज सीएचसी में 86, जैथरा में 79, जलेसर में 78, मारहरा में 73, निधौली कलां में 74, सकीट में 92, शीतलपुर में 132 महिलाओं ने नसंबदी कराई।
शासन से मिलती है प्रोत्साहन राशि
पुरुष नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को शासन की ओर से तीन हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। वहीं महिलाओं द्वारा नसबंदी कराने पर 1500 रुपये दिए जाते हैं। इसके बावजूद पुुरुष परिवार नियोजन के मामले में आगे नहीं आ रहे हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष के आंकड़े देखें तो अप्रैल से अब तक कुल 20 पुरुषों ने नसबंदी कराई है जबकि महिलाओं की संख्या 763 पर पहुंच चुकी है।
ये बोले सीएमओ
सीएमओ डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि परिवार नियोजन को लेकर पुरुषों में भ्रांति रहती है कि वह नसबंदी कराएंगे तो शारीरिक रूप से कमजोर हो जाएंगे। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दो चरणों में चले नसबंदी पखवाड़ा में 763 महिलाओं एवं 20 पुरुषों ने नसबंदी कराई है।
किस वर्ष में कितनों ने कराई नसबंदी
वर्ष- पुरुष- महिलाएं
2023-24 - 48-1654
2024-25 - 56-1981
2025- 20 - 763
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पुरुषों के लिए नसबंदी को सुरक्षित, प्रभावी और स्थायी परिवार नियोजन के विकल्प के रूप में बढ़ावा देने के लिए 21 से 27 नवंबर तक नसबंदी पखवाड़ा चलाया गया। इसमें लाभार्थियों को चिह्नित किया गया। वहीं 28 से 4 दिसंबर तक दूसरे चरण में पुरुष नसबंदी सेवाएं दी गईं। इस दौरान सिर्फ 20 पुरुषों ने ही नसबंदी कराई। वहीं 763 महिलाओं ने नसबंदी कराई। सबसे अधिक अवागढ़ सीएचसी पर 139 महिलाओं ने नसबंदी कराई। इसके साथ ही अलीगंज सीएचसी में 86, जैथरा में 79, जलेसर में 78, मारहरा में 73, निधौली कलां में 74, सकीट में 92, शीतलपुर में 132 महिलाओं ने नसंबदी कराई।
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शासन से मिलती है प्रोत्साहन राशि
पुरुष नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को शासन की ओर से तीन हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। वहीं महिलाओं द्वारा नसबंदी कराने पर 1500 रुपये दिए जाते हैं। इसके बावजूद पुुरुष परिवार नियोजन के मामले में आगे नहीं आ रहे हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष के आंकड़े देखें तो अप्रैल से अब तक कुल 20 पुरुषों ने नसबंदी कराई है जबकि महिलाओं की संख्या 763 पर पहुंच चुकी है।
ये बोले सीएमओ
सीएमओ डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि परिवार नियोजन को लेकर पुरुषों में भ्रांति रहती है कि वह नसबंदी कराएंगे तो शारीरिक रूप से कमजोर हो जाएंगे। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दो चरणों में चले नसबंदी पखवाड़ा में 763 महिलाओं एवं 20 पुरुषों ने नसबंदी कराई है।
किस वर्ष में कितनों ने कराई नसबंदी
वर्ष- पुरुष- महिलाएं
2023-24 - 48-1654
2024-25 - 56-1981
2025- 20 - 763
