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Etah News: गंभीर बीमार बच्चों को अब मेडिकल कॉलेज में ही मिलेगा इलाज
संवाद न्यूज एजेंसी, एटा
Updated Tue, 09 Dec 2025 11:22 PM IST
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मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में नवजात को देखते बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. एबी सिंह। संवाद
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एटा। मेडिकल कॉलेज में नवजात से लेकर बड़े बच्चों की बीमारियों का बेहतर उपचार हो सकेगा। इसके लिए मेडिकल कॉलेज के नए भवन में एसएनसीयू, एनआईसीयू समेत आईसीयू केयर यूनिट का संचालन शुरू कर दिया गया है। इसमें अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं जिससे गंभीर रूप से बीमार बच्चों का भी उपचार हो सकेगा।
मेडिकल कॉलेज के चतुर्थ तल पर बाल रोग विभाग की ओर से यहां पर तीन वार्ड बनाए गए हैं। इसमें अलग- अलग उम्र के हिसाब से बच्चों को उपचार देने की व्यवस्था की गई है। एसएनसीयू वार्ड में कुल 15 बेड हैं। इसमें नवजात शिशुओं को रखा जाएगा। इसके साथ ही एनआईसीयू वार्ड बनाया गया है। इसमें 6 बेड हैं। इसमें उन नवजात को रखा जाएगा जिनका वजन 1 किलोग्राम या उससे कम है। उन्हें बेहतर उपचार देने के लिए इसमें सीपेप मशीनें भी लगाई है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवम ने बताया कि सीपेप मशीन नवजात शिशु की सांस को सामान्य करने के लिए लगाई जाती है। अगर किसी बच्चे की श्वसन प्रक्रिया सामान्य नहीं है तो इस मशीन का प्रयोग करते हैं। वार्ड में कुल 5 मशीनें लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि इस वार्ड में बच्चे को तब तक भर्ती रखा जाएगा जब तक उसका वजन 1.5 किलोग्राम तक नहीं हो जाता है। इसके लिए कम से कम 2 माह का समय लगता है।
ट्रांसपोर्ट इन्क्यूबेटर मशीन भी हुई उपलब्ध
डॉ. शिवम ने बताया कि ऑपरेशन थियेटर में 3 ट्रांसपोर्ट इन्क्यूबेटर मशीन रहेंगी। इससे नवजात शिशु को एसएनसीयू तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मशीन में नवजात शिशु को रखने से ठंड नहीं लगती है और न ही कोई संक्रमण का खतरा रहता है। यह मशीन उस तरह से काम करती है जिस तरह बच्चा गर्भ में रहता है। गर्भ में जितना तापमान होता है उतना ही इस मशीन में रहेगा।
16 नवजात हैं भर्ती
एसएनसीयू वार्ड में कुल 15 बेड हैं। इसमें 12 नवजात को भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। वहीं एनआईसीयू में कुल 6 बेड है जो पूरी तरह से खाली हैं। वहीं पीआईसीयू वार्ड में कुल 7 बेड है जिसमें 4 नवजात शिशु भर्ती हैं।
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मेडिकल कॉलेज के चतुर्थ तल पर बाल रोग विभाग की ओर से यहां पर तीन वार्ड बनाए गए हैं। इसमें अलग- अलग उम्र के हिसाब से बच्चों को उपचार देने की व्यवस्था की गई है। एसएनसीयू वार्ड में कुल 15 बेड हैं। इसमें नवजात शिशुओं को रखा जाएगा। इसके साथ ही एनआईसीयू वार्ड बनाया गया है। इसमें 6 बेड हैं। इसमें उन नवजात को रखा जाएगा जिनका वजन 1 किलोग्राम या उससे कम है। उन्हें बेहतर उपचार देने के लिए इसमें सीपेप मशीनें भी लगाई है।
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बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवम ने बताया कि सीपेप मशीन नवजात शिशु की सांस को सामान्य करने के लिए लगाई जाती है। अगर किसी बच्चे की श्वसन प्रक्रिया सामान्य नहीं है तो इस मशीन का प्रयोग करते हैं। वार्ड में कुल 5 मशीनें लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि इस वार्ड में बच्चे को तब तक भर्ती रखा जाएगा जब तक उसका वजन 1.5 किलोग्राम तक नहीं हो जाता है। इसके लिए कम से कम 2 माह का समय लगता है।
ट्रांसपोर्ट इन्क्यूबेटर मशीन भी हुई उपलब्ध
डॉ. शिवम ने बताया कि ऑपरेशन थियेटर में 3 ट्रांसपोर्ट इन्क्यूबेटर मशीन रहेंगी। इससे नवजात शिशु को एसएनसीयू तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मशीन में नवजात शिशु को रखने से ठंड नहीं लगती है और न ही कोई संक्रमण का खतरा रहता है। यह मशीन उस तरह से काम करती है जिस तरह बच्चा गर्भ में रहता है। गर्भ में जितना तापमान होता है उतना ही इस मशीन में रहेगा।
16 नवजात हैं भर्ती
एसएनसीयू वार्ड में कुल 15 बेड हैं। इसमें 12 नवजात को भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। वहीं एनआईसीयू में कुल 6 बेड है जो पूरी तरह से खाली हैं। वहीं पीआईसीयू वार्ड में कुल 7 बेड है जिसमें 4 नवजात शिशु भर्ती हैं।
