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वजन खोलेगा बच्चों की सेहत का राज
Etawah
Updated Sat, 22 Nov 2014 05:30 AM IST
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इटावा। गरीब तबके के कुपोषित बच्चों की सेहत का राज शासन अब उनके वजन से जानेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों के कुपोषित बच्चाें के स्वास्थ्य और खानपान का लेखाजोखा रखा जाएगा। उम्र के हिसाब से बच्चे का वजन बढ़ रहा है या नहीं, इसे चेक करने के लिए केंद्रों को वजन तौलने वाली मशीन दी गई है। फिलहाल जिले को 488 मशीनें दी गई हैं। 1564 आंगनबाड़ी केंद्रों को देखते हुए मशीनें कम हैं। ऐसे में फिलहाल यह मशीनें ग्राम पंचायत कार्यालय पर रहेगी। जिले में कुल 420 ग्राम पंचायतें हैं।
राज्य पोषण मिशन की शुरुआत एक नवंबर से हुई है। सरकार ने इस योजना में कुपोषण के शिकार बच्चों के इलाज और आहार पर ध्यान केंद्रित किया है। आंगनबाड़ी केंद्रों में गरीब तबके की गर्भवती व धात्री महिलाओं के अलावा शून्य से छह वर्ष के बच्चों की देखरेख की जाती है। इन्हें हॉट कुक्ड के साथ साथ पंजीरी और मॉर्निंग स्नेक्स आदि पोषाहार दिए जाते हैं। बाल विकास पुष्टाहार विभाग अभी तक गरीब बच्चों को महज घेर कर रखने तक सीमित था। अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर ऐसे बच्चों का नियमित वजन भी कराया जाएगा। उनके खानपान और उपचार की असलियत उनके वजन से देखी जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए तौल मशीन दी गई है। कुपोषण के शिकार बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, आशा और एएनएम की एक कमेटी बनाई गई है। माना जाता है कि आमतौर पर कुपोषण के शिकार गरीब परिवारों के बच्चे होते हैं। गरीब के कारण उन्हें बेहतर इलाज नहीं मिल पाता, न ही उनकी डाइट पर ध्यान दिया जाता है। अब आंगनबाड़ी केंद्रों की जिम्मेदारी बढ़ाई गई है। कार्यकत्री कुपोषित बच्चों को चिह्नित करेगी। उनका नियमित अंतराल पर वजन कराएगी। अति कुपोषित बच्चों को पोषक पुनर्वास केंद्र पर रखा जाएगा। जहां उनका उपचार होगा। टीकाकरण किया जाएगा। दोगुनी मात्रा में पंजीरी दी जाएगी।
नए जरूरतमंदों के लिए चल रहा सर्वे
जिले में कुल 1564 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। 342 अति कुपोषित बच्चे पहले से चिह्नित हैं। नया सर्वे चल रहा है। शासन ने जिले को 488 वजन तौलने वाली मशीनें दी हैं। इन मशीनों को सभी 420 ग्राम पंचायतों पर रखा जाएगा। जिला मुख्यालय स्तर से महेवा ब्लाक स्थित सीडीपीओ को 100 और शहर सीडीपीओ को 30 मशीनों के साथ साथ अन्य सात ब्लाकों को 50-50 मशीनें उपलब्ध करा दी गई हैं।
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सर्वे के बाद कुपोषित बच्चों की संख्या स्पष्ट हो जाएगी। जो बच्चे अति कुपोषण के शिकार होंगे, उन पर विशेष नजर रहेगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का ग्रोथ चार्ट उपलब्ध रहेगा। कार्यकत्री को मालूम होगा कि कितनी उम्र के बच्चे का कितना वजन होना चाहिए। वजन तौलने के मशीन दी गई है। जिले में 1564 केंद्र हैं और 488 मशीनें मिली हैं। फिलहाल इन्हें ग्राम पंचायत स्तर पर रखा जाएगा। शेष केंद्रों के लिए भी मशीनों की मांग की जा चुकी है। मांग के अनुसार आपूर्ति होने पर हर केंद्र पर वजन तौलने वाली मशीन मुहैया करा दी जाएगी।-अजीत कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, इटावा
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राज्य पोषण मिशन की शुरुआत एक नवंबर से हुई है। सरकार ने इस योजना में कुपोषण के शिकार बच्चों के इलाज और आहार पर ध्यान केंद्रित किया है। आंगनबाड़ी केंद्रों में गरीब तबके की गर्भवती व धात्री महिलाओं के अलावा शून्य से छह वर्ष के बच्चों की देखरेख की जाती है। इन्हें हॉट कुक्ड के साथ साथ पंजीरी और मॉर्निंग स्नेक्स आदि पोषाहार दिए जाते हैं। बाल विकास पुष्टाहार विभाग अभी तक गरीब बच्चों को महज घेर कर रखने तक सीमित था। अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर ऐसे बच्चों का नियमित वजन भी कराया जाएगा। उनके खानपान और उपचार की असलियत उनके वजन से देखी जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए तौल मशीन दी गई है। कुपोषण के शिकार बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, आशा और एएनएम की एक कमेटी बनाई गई है। माना जाता है कि आमतौर पर कुपोषण के शिकार गरीब परिवारों के बच्चे होते हैं। गरीब के कारण उन्हें बेहतर इलाज नहीं मिल पाता, न ही उनकी डाइट पर ध्यान दिया जाता है। अब आंगनबाड़ी केंद्रों की जिम्मेदारी बढ़ाई गई है। कार्यकत्री कुपोषित बच्चों को चिह्नित करेगी। उनका नियमित अंतराल पर वजन कराएगी। अति कुपोषित बच्चों को पोषक पुनर्वास केंद्र पर रखा जाएगा। जहां उनका उपचार होगा। टीकाकरण किया जाएगा। दोगुनी मात्रा में पंजीरी दी जाएगी।
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जिले में कुल 1564 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। 342 अति कुपोषित बच्चे पहले से चिह्नित हैं। नया सर्वे चल रहा है। शासन ने जिले को 488 वजन तौलने वाली मशीनें दी हैं। इन मशीनों को सभी 420 ग्राम पंचायतों पर रखा जाएगा। जिला मुख्यालय स्तर से महेवा ब्लाक स्थित सीडीपीओ को 100 और शहर सीडीपीओ को 30 मशीनों के साथ साथ अन्य सात ब्लाकों को 50-50 मशीनें उपलब्ध करा दी गई हैं।
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सर्वे के बाद कुपोषित बच्चों की संख्या स्पष्ट हो जाएगी। जो बच्चे अति कुपोषण के शिकार होंगे, उन पर विशेष नजर रहेगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का ग्रोथ चार्ट उपलब्ध रहेगा। कार्यकत्री को मालूम होगा कि कितनी उम्र के बच्चे का कितना वजन होना चाहिए। वजन तौलने के मशीन दी गई है। जिले में 1564 केंद्र हैं और 488 मशीनें मिली हैं। फिलहाल इन्हें ग्राम पंचायत स्तर पर रखा जाएगा। शेष केंद्रों के लिए भी मशीनों की मांग की जा चुकी है। मांग के अनुसार आपूर्ति होने पर हर केंद्र पर वजन तौलने वाली मशीन मुहैया करा दी जाएगी।-अजीत कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, इटावा