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Gonda News: आरपीएफ ने बताया अस्पताल में भर्ती है संजय, पहुंचे तो पता चला कि शव लेकर आए थे
संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा
Updated Wed, 05 Nov 2025 11:08 PM IST
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पिता की मौत की खबर पर रोती मासूम।
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गोंडा। आरपीएफ की हिरासत में हुई संजय सोनकर की मौत के मामले में बड़ा खेल हुआ है। संजय की पत्नी गीता ने बताया कि बुधवार सुबह वह लोग आरपीएफ थाना पहुंचे। वहां बताया गया कि संजय बीमार हो गए हैं। उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। मेडिकल कॉलेज में पता चला कि आरपीएफ के तीन जवान मंगलवार रात संजय का शव लेकर आए थे। शव को मॉर्च्युरी में रखवाया गया है। यह सुनते ही चीख-पुकार मच गई।
पत्नी के अनुसार मंगलवार सुबह संजय बाइक से ट्रैक्टर बुलाने जा रहे थे, तभी उन्हें आरपीएफ ने पकड़ लिया। दरोगा सुरेंद्र कुमार घर पर जाकर उत्पीड़न कर रहे थे। वीडियो रिकॉर्डिंग की तो मोबाइल भी छीन लिया। आरोप है कि वे महिलाओं को भी परेशान करते थे।
बिलखती मासूम...मेरे पापा को मार डाला
मेडिकल कॉलेज के मॉर्च्युरी के बाहर 10 साल की मानसी को रोते देखकर हर किसी की आंख नम हो गई। वह चीखते हुए कह रही थी कि मेरे पापा को घर से ले जाकर आरपीएफ वालों ने मार डाला। अब क्या होगा। परिजन उसे समझाते रहे। उसके साथ छोटी बहन रिया (6) भी रोती रही।
रोते-रोते बेहोश हुईं गीता
पति संजय की मौत पर मेडिकल कॉलेज में पत्नी गीता के साथ ही अन्य परिजन रोकर बेहाल थे। परिवार की महिलाएं गीता को संभाल रही थीं। रह-रहकर वह बेहोश हो जातीं। पानी की छींटे मुंह पर डालकर होश में लाया जाता। दोपहर करीब 12 बजे वह अचानक बदहवास हो गईं। पानी की छींटे मारने पर भी नहीं उठीं तो परिवार के लोग गोद में उठाकर इमरजेंसी की ओर दौड़ पड़े। इमरजेंसी में चिकित्सकों ने गीता का इलाज किया। इसके बाद उन्हें होश आया।
दबिश में लगा समय, इसलिए देर से पहुंची आरपीएफ
गोंडा। संजय की मौत ने आरपीएफ की कारगुजारी की पोल खोलकर रख दी। गोंडा रेलवे स्टेशन के आरपीएफ पोस्ट से महज दस किलोमीटर की दूरी से संजय सोनकर को पकड़ने के बाद भी उसे पोस्ट तक नहीं लाया गया।
बरुआचक रेलवे स्टेशन के पास 28 सितंबर को मालगाड़ी के वैगन का लॉक तोड़कर सरसों तेल चोरी की वारदात के बाद से आरपीएफ की टीम केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही थी। टीम कई बार बरुआ और किनकी गांव में पहुंचकर लोगों से पूछताछ करती रही। मृतक के भाई राजू का आरोप है कि चोरी में शामिल लोगों की जानकारी के लिए आरपीएफ अक्सर गांव के लोगों को धमकाती। इससे ग्रामीण दहशत में रहे। मंगलवार को आरपीएफ ने उनके भाई को घर से उठा लिया। बुधवार सुबह भाई की मौत की खबर आई।
मामले में आरपीएफ इंस्पेक्टर अनिरुद्ध राय का कहना है कि संजय को गिरफ्तार करने के बाद टीम ने उससे एक अन्य आरोपी रामफेर के बारे में पूछताछ की। उसने बताया कि वह मनकापुर अपने ससुराल में है। इसपर टीम उसकी तलाश में संजय को लेकर मनकापुर दबिश देने चली गई। वहां पहुंचने पर पता चला कि वह निकल गया है। इसलिए टीम उसके दूसरे ठिकाने पर दबिश दी। इसी में समय लगा। वहां से लौटते समय संजय की हालत बिगड़ने पर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
एक माह से लापता है रामफेर
किनकी गांव निवासी रामफेर एक माह से लापता है। बेटी खुशबू ने बताया कि आरपीएफ के लोग एक माह से उसके घर आ रहे हैं। इससे पिता रामफेर गायब हैं। उनका कुछ पता नहीं चल रहा है।
विधायक ने डीआईजी से की बात
बलरामपुर के सदर विधायक पल्टूराम ने मामले को लेकर आरपीएफ के डीआईजी से बात की। डीआईजी ने कार्रवाई का भरोसा दिया। अवध केसरी सेना के नीरज सिंह, नील ठाकुर ने भी मृतक के परिजनों से मुलाकात कर न्याय की मांग की।
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पत्नी के अनुसार मंगलवार सुबह संजय बाइक से ट्रैक्टर बुलाने जा रहे थे, तभी उन्हें आरपीएफ ने पकड़ लिया। दरोगा सुरेंद्र कुमार घर पर जाकर उत्पीड़न कर रहे थे। वीडियो रिकॉर्डिंग की तो मोबाइल भी छीन लिया। आरोप है कि वे महिलाओं को भी परेशान करते थे।
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बिलखती मासूम...मेरे पापा को मार डाला
मेडिकल कॉलेज के मॉर्च्युरी के बाहर 10 साल की मानसी को रोते देखकर हर किसी की आंख नम हो गई। वह चीखते हुए कह रही थी कि मेरे पापा को घर से ले जाकर आरपीएफ वालों ने मार डाला। अब क्या होगा। परिजन उसे समझाते रहे। उसके साथ छोटी बहन रिया (6) भी रोती रही।
रोते-रोते बेहोश हुईं गीता
पति संजय की मौत पर मेडिकल कॉलेज में पत्नी गीता के साथ ही अन्य परिजन रोकर बेहाल थे। परिवार की महिलाएं गीता को संभाल रही थीं। रह-रहकर वह बेहोश हो जातीं। पानी की छींटे मुंह पर डालकर होश में लाया जाता। दोपहर करीब 12 बजे वह अचानक बदहवास हो गईं। पानी की छींटे मारने पर भी नहीं उठीं तो परिवार के लोग गोद में उठाकर इमरजेंसी की ओर दौड़ पड़े। इमरजेंसी में चिकित्सकों ने गीता का इलाज किया। इसके बाद उन्हें होश आया।
दबिश में लगा समय, इसलिए देर से पहुंची आरपीएफ
गोंडा। संजय की मौत ने आरपीएफ की कारगुजारी की पोल खोलकर रख दी। गोंडा रेलवे स्टेशन के आरपीएफ पोस्ट से महज दस किलोमीटर की दूरी से संजय सोनकर को पकड़ने के बाद भी उसे पोस्ट तक नहीं लाया गया।
बरुआचक रेलवे स्टेशन के पास 28 सितंबर को मालगाड़ी के वैगन का लॉक तोड़कर सरसों तेल चोरी की वारदात के बाद से आरपीएफ की टीम केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही थी। टीम कई बार बरुआ और किनकी गांव में पहुंचकर लोगों से पूछताछ करती रही। मृतक के भाई राजू का आरोप है कि चोरी में शामिल लोगों की जानकारी के लिए आरपीएफ अक्सर गांव के लोगों को धमकाती। इससे ग्रामीण दहशत में रहे। मंगलवार को आरपीएफ ने उनके भाई को घर से उठा लिया। बुधवार सुबह भाई की मौत की खबर आई।
मामले में आरपीएफ इंस्पेक्टर अनिरुद्ध राय का कहना है कि संजय को गिरफ्तार करने के बाद टीम ने उससे एक अन्य आरोपी रामफेर के बारे में पूछताछ की। उसने बताया कि वह मनकापुर अपने ससुराल में है। इसपर टीम उसकी तलाश में संजय को लेकर मनकापुर दबिश देने चली गई। वहां पहुंचने पर पता चला कि वह निकल गया है। इसलिए टीम उसके दूसरे ठिकाने पर दबिश दी। इसी में समय लगा। वहां से लौटते समय संजय की हालत बिगड़ने पर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
एक माह से लापता है रामफेर
किनकी गांव निवासी रामफेर एक माह से लापता है। बेटी खुशबू ने बताया कि आरपीएफ के लोग एक माह से उसके घर आ रहे हैं। इससे पिता रामफेर गायब हैं। उनका कुछ पता नहीं चल रहा है।
विधायक ने डीआईजी से की बात
बलरामपुर के सदर विधायक पल्टूराम ने मामले को लेकर आरपीएफ के डीआईजी से बात की। डीआईजी ने कार्रवाई का भरोसा दिया। अवध केसरी सेना के नीरज सिंह, नील ठाकुर ने भी मृतक के परिजनों से मुलाकात कर न्याय की मांग की।