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संविधान दिवस पर याद किए गए बाबा साहब
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।
Updated Sun, 27 Nov 2016 01:13 AM IST
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गोष्ठी में मौजूद लोग।
- फोटो : Amar Ujala
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गोरखपुर यूनिवर्सिटी के विधि विभाग में शनिवार को संविधान दिवस मनाया गया। इस मौके पर आयोजित संगोष्ठी में डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद किया गया। इसमें कुलपति समेत कई गणमान्य मौजूद रहे। वहीं अंबेडकरवादी जागरण मंच ने भी संगोष्ठी आयोजित कर संविधान दिवस मनाया।
गोरखपुर यूनिवर्सिटी के विधि विभाग में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि प्रो. डीएन मिश्र रहे। उन्होंने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में जमींदारी प्रथा को लागू कर बांटो और राज करो का नियम बनाकर देश में ब्रिटिश शासन लागू किया। आजादी के बाद डॉ. अंबेडकर ने भारतीय परिस्थिति के अनुसार संविधान बनाया। उन्होंने बताया कि संविधान किसी देश का मूल ग्रंथ है, जिसके द्वारा उस देश का शासन चलता है। भारतीय संविधान में व्यक्तिगत और सामूहिक उत्तरदायित्व दिया गया है। इसके तहत शक्ति पृथक्करण का सिद्धांत निहित है। विधि विभागाध्यक्ष प्रो. आरके पाठक ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने विधि दिवस को संविधान दिवस के रूप में मनाने की वकालत की।
उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर को याद करने के लिए इस दिन को विधि दिवस के स्थान पर संविधान दिवस के रूप में मनाना समीचीन है। प्रो. नसीम अहमद, छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिल देव त्रिपाठी, प्रो. चंद्रशेखर, सतीश चंद्र उपाध्याय, अभय चंद्र मल्ल, राहुल कुमार राय आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ। कला संकाय में भी गोष्ठी का आयोजन हुआ। अध्यक्षता डॉ. आलोक गोयल ने की। प्रो. शोभा गौड़, प्रो. चंद्रशेखर, प्रवीण राना, राजेंद्र प्रसाद ने संविधान दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस मौके पर यूनिवर्सिटी अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ की कार्यकारिणी घोषित की गई। इसमें प्रो. गोपाल प्रसाद अध्यक्ष, श्रवण कुमार उपाध्यक्ष, राजेंद्र प्रसाद कनिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रवीण राना महासचिव, पुष्पेंद्र कुमार संयुक्त मंत्री और महेंद्र मोहन कोषाध्यक्ष चुने गए।
अंबेडकरवादी जागरण मंच की गोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने कहा कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश एचसी कपाड़िया ने कहा था कि देशवासी अगर अपने संविधान को पढ़ लें तो उन्हें धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने की आवश्यकता ही नहीं होगी। गोष्ठी को विक्रम प्रसाद, श्यामदेव, कल्पनाथ प्रसाद, गौरव शेखर, शर्मिला सिंह, बेचू प्रसाद, ज्ञानचंद, घनश्याम, लखराज आदि ने भी संबोधित किया। रामकेवल यादव शोध संस्थान द्वारिका धाम इंदरानगर में भी संगोष्ठी के जरिए संविधान दिवस मनाया गया। मुख्य वक्ता सुशील चंद साहनी एडवोकेट रहे। संचालन एडवोकेट राजीव भूषण यादव ने किया। इस दौरान राहुल कुमार भारती, मदन चौरसिया, मुसाफिर निषाद, अभिषेक विश्वकर्मा, शंभू नारायण, आनंद कुमार, गौरव यादव आदि मौजूद रहे।
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गोरखपुर यूनिवर्सिटी के विधि विभाग में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि प्रो. डीएन मिश्र रहे। उन्होंने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में जमींदारी प्रथा को लागू कर बांटो और राज करो का नियम बनाकर देश में ब्रिटिश शासन लागू किया। आजादी के बाद डॉ. अंबेडकर ने भारतीय परिस्थिति के अनुसार संविधान बनाया। उन्होंने बताया कि संविधान किसी देश का मूल ग्रंथ है, जिसके द्वारा उस देश का शासन चलता है। भारतीय संविधान में व्यक्तिगत और सामूहिक उत्तरदायित्व दिया गया है। इसके तहत शक्ति पृथक्करण का सिद्धांत निहित है। विधि विभागाध्यक्ष प्रो. आरके पाठक ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने विधि दिवस को संविधान दिवस के रूप में मनाने की वकालत की।
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उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर को याद करने के लिए इस दिन को विधि दिवस के स्थान पर संविधान दिवस के रूप में मनाना समीचीन है। प्रो. नसीम अहमद, छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिल देव त्रिपाठी, प्रो. चंद्रशेखर, सतीश चंद्र उपाध्याय, अभय चंद्र मल्ल, राहुल कुमार राय आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ। कला संकाय में भी गोष्ठी का आयोजन हुआ। अध्यक्षता डॉ. आलोक गोयल ने की। प्रो. शोभा गौड़, प्रो. चंद्रशेखर, प्रवीण राना, राजेंद्र प्रसाद ने संविधान दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस मौके पर यूनिवर्सिटी अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ की कार्यकारिणी घोषित की गई। इसमें प्रो. गोपाल प्रसाद अध्यक्ष, श्रवण कुमार उपाध्यक्ष, राजेंद्र प्रसाद कनिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रवीण राना महासचिव, पुष्पेंद्र कुमार संयुक्त मंत्री और महेंद्र मोहन कोषाध्यक्ष चुने गए।
अंबेडकरवादी जागरण मंच की गोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने कहा कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश एचसी कपाड़िया ने कहा था कि देशवासी अगर अपने संविधान को पढ़ लें तो उन्हें धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने की आवश्यकता ही नहीं होगी। गोष्ठी को विक्रम प्रसाद, श्यामदेव, कल्पनाथ प्रसाद, गौरव शेखर, शर्मिला सिंह, बेचू प्रसाद, ज्ञानचंद, घनश्याम, लखराज आदि ने भी संबोधित किया। रामकेवल यादव शोध संस्थान द्वारिका धाम इंदरानगर में भी संगोष्ठी के जरिए संविधान दिवस मनाया गया। मुख्य वक्ता सुशील चंद साहनी एडवोकेट रहे। संचालन एडवोकेट राजीव भूषण यादव ने किया। इस दौरान राहुल कुमार भारती, मदन चौरसिया, मुसाफिर निषाद, अभिषेक विश्वकर्मा, शंभू नारायण, आनंद कुमार, गौरव यादव आदि मौजूद रहे।