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Hardoi News: 75 छात्रों को एएनएम, डीफार्मा के फर्जी डिग्री और मार्कशीट थमाकर लाखों ठगे
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मुरादाबाद। कटघर थानाक्षेत्र के पंडित नगला रोड स्थित अटल बिहारी पैरामेडिकल हेल्थ साइंस में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।
आरोप है कि इस इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर चंद्रमोहन सक्सेना ने एएनएम, बीएमएस, सीएमएसईडी और डीफार्मा के 75 छात्र-छात्राओं को फर्जी डिग्री और मार्कशीट थमा दीं। बदले में इनसे लाखों रुपये वसूल लिए। इन छात्र-छात्राओं ने हरदोई के इंस्टीट्यूट संचालक अमरेंद्र शर्मा के जरिए दाखिला लिया था। अमरेंद्र की तहरीर पर कटघर थाने में चंद्रमोहन शर्मा समेत तीन पर केस दर्ज किया गया है।
हरदोई जिले के हथियाई बम्हनाखेड़ा निवासी अमरेंद्र शर्मा ने कटघर थाने में दर्ज कराए केस में बताया कि कटघर बीच मोहल्ला निवासी चंद्रमोहन सक्सेना पंडित नगला स्थित अटल बिहार पैरामेडिकल हेल्थ साइंस से संस्था चला रहे हैं। अमरेंद्र शर्मा ने इस संस्था से कुसुमा देवी नर्सिंग इंस्टीट्यूट की मान्यता ली थी। संस्था के डायरेक्टर चंद्रमोहन सक्सेना ने मान्यता देने के लिए सात लाख रुपये लिए थे। इसके बाद चंद्रमोहन सक्सेना ने अपनी संस्था में सीएमएसईडी के 41, एएनएम के 25, डीफार्मा के आठ और बीएनएम के एक छात्र का दाखिल कराया है। आरोप है कि फीस के नाम पर छात्र-छात्राओं से लाखों रुपये ले लिए गए। फीस लेने के बाद चंद्रमोहन सक्सेना ने इन सभी छात्र-छात्राओं को डिग्री और मार्कशीट दे दीं।
छात्र इन मार्कशीट और डिग्रियों को लेकर नौकरियों की तलाश में निकले तो पता चला कि डिग्री और मार्कशीट फर्जी हैं। छात्रों की शिकायत पर अमरेंद्र शर्मा ने चंद्रमोहन सक्सेना ने संपर्क किया। फर्जी डिग्री और मार्कशीट के बारे में पूछताछ की तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। ज्यादा दबाव बनाने पर चंद्रमोहन सक्सेना ने पांच लाख रुपये अमरेंद्र को वापस कर दिए। बाकी रकम देने से इन्कार कर दिया।
अमरेंद्र शर्मा ने बताया कि 22 अगस्त को चंद्रमोहन सक्सेना के ऑफिस में बाकी रकम लेने पहुंचे तो वहां संजय गोस्वामी भी मौजूद था। आरोप है कि रकम मांगने पर चंद्रमोहन सक्सेना, संजय गोस्वामी और इनके साथियों ने अभद्रता की और धमकी देकर भगा दिया। कटघर थाने की पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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कोचिंग सेंटर संचालकों के जरिए छात्रों को फंसाया
मुरादाबाद। हरदोई निवासी अमरेंद्र शर्मा का कहना है कि चंद्रमोहन सक्सेना ने डी-फार्मा के आठ छात्रों से 12 लाख रुपये लिए थे। इसके बाद उन्हें एमजीआर यूनिवर्सिटी चेन्नई की फर्जी डिग्री दे दी। बीएमएस के एक छात्र से छह लाख रुपये लेकर फर्जी मार्कशीट और डिग्री दी। अमरेंद्र शर्मा का दावा है कि चंद्रमोहन शर्मा डेढ़ दर्जन से अधिक इंस्टीट्यूट का संचालन कर रहा है। वह कोचिंग संचालकों को उनके छात्र-छात्राओं को डिग्री और मार्कशीट देने बहाने रुपये ठग रहा है।
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कटघर थाने में चंद्रमोहन सक्सेना, संजय गोस्वामी समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट कहां तैयार की गई हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही इसका पता चल पाएगा। पुलिस टीम आरोपियों की तलाश में जुटी हैं। -कुमार रणविजय सिंह, एसपी सिटी
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मकान के बाहर बोर्ड लगाकर फर्जी डिग्री के साथ ही बांट रहा मान्यता
मुरादाबाद। पुलिस की जांच में सामने आया है कि चंद्रमोहन सक्सेना अलग-अलग जिलों और शहरों में कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को फर्जी डिग्री और मार्कशीट बांटने के साथ ही वह इंस्टीट्यूट को मान्यता भी बांट रहा था। इसके लिए वह लोगों से मोटी रकम ले रहा था। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि आरोपी के पकड़े जाने के बाद इसके गिरोह में शामिल अन्य लोगों के बारे जानकारी हो जाएगी।

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आरोप है कि इस इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर चंद्रमोहन सक्सेना ने एएनएम, बीएमएस, सीएमएसईडी और डीफार्मा के 75 छात्र-छात्राओं को फर्जी डिग्री और मार्कशीट थमा दीं। बदले में इनसे लाखों रुपये वसूल लिए। इन छात्र-छात्राओं ने हरदोई के इंस्टीट्यूट संचालक अमरेंद्र शर्मा के जरिए दाखिला लिया था। अमरेंद्र की तहरीर पर कटघर थाने में चंद्रमोहन शर्मा समेत तीन पर केस दर्ज किया गया है।
हरदोई जिले के हथियाई बम्हनाखेड़ा निवासी अमरेंद्र शर्मा ने कटघर थाने में दर्ज कराए केस में बताया कि कटघर बीच मोहल्ला निवासी चंद्रमोहन सक्सेना पंडित नगला स्थित अटल बिहार पैरामेडिकल हेल्थ साइंस से संस्था चला रहे हैं। अमरेंद्र शर्मा ने इस संस्था से कुसुमा देवी नर्सिंग इंस्टीट्यूट की मान्यता ली थी। संस्था के डायरेक्टर चंद्रमोहन सक्सेना ने मान्यता देने के लिए सात लाख रुपये लिए थे। इसके बाद चंद्रमोहन सक्सेना ने अपनी संस्था में सीएमएसईडी के 41, एएनएम के 25, डीफार्मा के आठ और बीएनएम के एक छात्र का दाखिल कराया है। आरोप है कि फीस के नाम पर छात्र-छात्राओं से लाखों रुपये ले लिए गए। फीस लेने के बाद चंद्रमोहन सक्सेना ने इन सभी छात्र-छात्राओं को डिग्री और मार्कशीट दे दीं।
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छात्र इन मार्कशीट और डिग्रियों को लेकर नौकरियों की तलाश में निकले तो पता चला कि डिग्री और मार्कशीट फर्जी हैं। छात्रों की शिकायत पर अमरेंद्र शर्मा ने चंद्रमोहन सक्सेना ने संपर्क किया। फर्जी डिग्री और मार्कशीट के बारे में पूछताछ की तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। ज्यादा दबाव बनाने पर चंद्रमोहन सक्सेना ने पांच लाख रुपये अमरेंद्र को वापस कर दिए। बाकी रकम देने से इन्कार कर दिया।
अमरेंद्र शर्मा ने बताया कि 22 अगस्त को चंद्रमोहन सक्सेना के ऑफिस में बाकी रकम लेने पहुंचे तो वहां संजय गोस्वामी भी मौजूद था। आरोप है कि रकम मांगने पर चंद्रमोहन सक्सेना, संजय गोस्वामी और इनके साथियों ने अभद्रता की और धमकी देकर भगा दिया। कटघर थाने की पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कोचिंग सेंटर संचालकों के जरिए छात्रों को फंसाया
मुरादाबाद। हरदोई निवासी अमरेंद्र शर्मा का कहना है कि चंद्रमोहन सक्सेना ने डी-फार्मा के आठ छात्रों से 12 लाख रुपये लिए थे। इसके बाद उन्हें एमजीआर यूनिवर्सिटी चेन्नई की फर्जी डिग्री दे दी। बीएमएस के एक छात्र से छह लाख रुपये लेकर फर्जी मार्कशीट और डिग्री दी। अमरेंद्र शर्मा का दावा है कि चंद्रमोहन शर्मा डेढ़ दर्जन से अधिक इंस्टीट्यूट का संचालन कर रहा है। वह कोचिंग संचालकों को उनके छात्र-छात्राओं को डिग्री और मार्कशीट देने बहाने रुपये ठग रहा है।
कटघर थाने में चंद्रमोहन सक्सेना, संजय गोस्वामी समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट कहां तैयार की गई हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही इसका पता चल पाएगा। पुलिस टीम आरोपियों की तलाश में जुटी हैं। -कुमार रणविजय सिंह, एसपी सिटी
मकान के बाहर बोर्ड लगाकर फर्जी डिग्री के साथ ही बांट रहा मान्यता
मुरादाबाद। पुलिस की जांच में सामने आया है कि चंद्रमोहन सक्सेना अलग-अलग जिलों और शहरों में कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को फर्जी डिग्री और मार्कशीट बांटने के साथ ही वह इंस्टीट्यूट को मान्यता भी बांट रहा था। इसके लिए वह लोगों से मोटी रकम ले रहा था। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि आरोपी के पकड़े जाने के बाद इसके गिरोह में शामिल अन्य लोगों के बारे जानकारी हो जाएगी।