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Hardoi News: महिला अस्पताल में अब पास से प्रवेश, एक मरीज के साथ दो तीमारदार
संवाद न्यूज एजेंसी, हरदोई
Updated Mon, 15 Sep 2025 11:47 PM IST
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फोटो-03- महिला चिकित्सालय के गेट पर महिलाओं को रोकता सुरक्षाकर्मी। संवाद
फोटो-04- महिला चिकित्सालय में गेट पास बनवातीं महिलाएं। संवाद
फोटो-05- एसएनसीयू वार्ड के बाहर बैठे परिजन। संवाद
- कर्मचारियों पर भड़क रहे तीमारदार, व्यवस्था बना पाना हो रहा मुश्किल
- आए दिन हो रहे झगड़े, तीमारदारों की भीड़ के चलते लिया गया फैसला
संवाद न्यूज एजेंसी
हरदोई। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध जिला महिला अस्पताल में भीड़ पर लगाम लगाने के लिए अब पास की व्यवस्था लागू की गई है। अस्पताल में एक पास पर मरीज के साथ सिर्फ दो तीमारदारों को प्रवेश मिल सकेगा। भीड़ नियंत्रित करने के लिए बनाई गई यह व्यवस्था झड़प का सबब भी बन रही है। कर्मचारियों और तीमारदारों के बीच इसे लेकर तीखी बहस हो रही है।
मेडिकल कॉलेज परिसर में बना जिला महिला अस्पताल में रोजाना 350 से अधिक की ओपीडी होती है। प्रतिदिन 60 से 70 प्रसव होते हैं। इस कारण महिला अस्पताल में सुबह से लेकर रात तक मरीज और तीमारदारों की भीड़ लगी रहती है। एक गर्भवती महिला के साथ चार से पांच या उससे भी अधिक लोग आ जाते हैं।
भीड़ के कारण कर्मचारियों के साथ झगड़े भी होते हैं। इतना ही नहीं सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होते हैं। इसी को लेकर महिला अस्पताल में अब एक मरीज के साथ दो तीमारदार को ही प्रवेश दिया जा रहा है। इसी व्यवस्था का लोग विरोध कर रहे हैं। वहीं व्यवस्था बनाए रखने में कर्मचारियों के पसीने छूटे जा रहे हैं। लोग अंदर प्रवेश न मिलने पर कर्मचारियों से झगड़ा कर रहे हैं। इसके बाद भी पहुंच रखने वाले लोग बिना किसी नियम की परवाह कर धड़ल्ले से घुसे चले आते हैं।
बिना मरीज आशा का भी प्रवेश बंद
महिला अस्पताल में अब आशा का भी बिना मरीज प्रवेश बंद कर दिया गया। मरीज के साथ अंदर आने पर आशा को अपने परिचय पत्र दिखाना होता है। अगर आशा के साथ कोई मरीज नहीं है तो वह भी नहीं आ सकती है।
एसएनसीयू में भी बिना पास प्रवेश बंद
महिला अस्पताल में बच्चा चोरी होने का एक मामला हो चुका है। गंभीर बच्चों को भर्ती करने के लिए बने एसएनसीयू वार्ड में भी अब बिना पास प्रवेश बंद कर दिया गया। परिजनों के लिए भी बच्चों पर निगरानी के लिए कक्ष के बाहर टीवी लगाया गया है। अंदर सिर्फ मां को प्रवेश मिलता है वह भी पास जारी होने के बाद। वैसे एसएनसीयू के बाहर भी परिजनोंं ने जमावड़ा लगा रखा है।
वर्जन
महिला अस्पताल में यह व्यवस्था भीड़ कम करने के लिए लागू की गई है। अस्पताल में एक मरीज के साथ कई तीमारदार आ जाते हैं। इस कारण भीड़ अधिक हो जाती है। इससे ओपीडी में कई बार अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो जाती है। डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी भी परेशान होते हैं। डॉ. सुबोध, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, महिला चिकित्सालय

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फोटो-04- महिला चिकित्सालय में गेट पास बनवातीं महिलाएं। संवाद
फोटो-05- एसएनसीयू वार्ड के बाहर बैठे परिजन। संवाद
- कर्मचारियों पर भड़क रहे तीमारदार, व्यवस्था बना पाना हो रहा मुश्किल
- आए दिन हो रहे झगड़े, तीमारदारों की भीड़ के चलते लिया गया फैसला
संवाद न्यूज एजेंसी
हरदोई। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध जिला महिला अस्पताल में भीड़ पर लगाम लगाने के लिए अब पास की व्यवस्था लागू की गई है। अस्पताल में एक पास पर मरीज के साथ सिर्फ दो तीमारदारों को प्रवेश मिल सकेगा। भीड़ नियंत्रित करने के लिए बनाई गई यह व्यवस्था झड़प का सबब भी बन रही है। कर्मचारियों और तीमारदारों के बीच इसे लेकर तीखी बहस हो रही है।
मेडिकल कॉलेज परिसर में बना जिला महिला अस्पताल में रोजाना 350 से अधिक की ओपीडी होती है। प्रतिदिन 60 से 70 प्रसव होते हैं। इस कारण महिला अस्पताल में सुबह से लेकर रात तक मरीज और तीमारदारों की भीड़ लगी रहती है। एक गर्भवती महिला के साथ चार से पांच या उससे भी अधिक लोग आ जाते हैं।
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भीड़ के कारण कर्मचारियों के साथ झगड़े भी होते हैं। इतना ही नहीं सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होते हैं। इसी को लेकर महिला अस्पताल में अब एक मरीज के साथ दो तीमारदार को ही प्रवेश दिया जा रहा है। इसी व्यवस्था का लोग विरोध कर रहे हैं। वहीं व्यवस्था बनाए रखने में कर्मचारियों के पसीने छूटे जा रहे हैं। लोग अंदर प्रवेश न मिलने पर कर्मचारियों से झगड़ा कर रहे हैं। इसके बाद भी पहुंच रखने वाले लोग बिना किसी नियम की परवाह कर धड़ल्ले से घुसे चले आते हैं।
बिना मरीज आशा का भी प्रवेश बंद
महिला अस्पताल में अब आशा का भी बिना मरीज प्रवेश बंद कर दिया गया। मरीज के साथ अंदर आने पर आशा को अपने परिचय पत्र दिखाना होता है। अगर आशा के साथ कोई मरीज नहीं है तो वह भी नहीं आ सकती है।
एसएनसीयू में भी बिना पास प्रवेश बंद
महिला अस्पताल में बच्चा चोरी होने का एक मामला हो चुका है। गंभीर बच्चों को भर्ती करने के लिए बने एसएनसीयू वार्ड में भी अब बिना पास प्रवेश बंद कर दिया गया। परिजनों के लिए भी बच्चों पर निगरानी के लिए कक्ष के बाहर टीवी लगाया गया है। अंदर सिर्फ मां को प्रवेश मिलता है वह भी पास जारी होने के बाद। वैसे एसएनसीयू के बाहर भी परिजनोंं ने जमावड़ा लगा रखा है।
वर्जन
महिला अस्पताल में यह व्यवस्था भीड़ कम करने के लिए लागू की गई है। अस्पताल में एक मरीज के साथ कई तीमारदार आ जाते हैं। इस कारण भीड़ अधिक हो जाती है। इससे ओपीडी में कई बार अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो जाती है। डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी भी परेशान होते हैं। डॉ. सुबोध, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, महिला चिकित्सालय