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हिंसक हो रहे कुत्ते: 24 घंटे में 10 बच्चों सहित 27 को काटा, बीते माह 1023 लोगों को किया जख्मी, बढ़ रहा खौफ

अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस Published by: चमन शर्मा Updated Mon, 22 Dec 2025 01:33 PM IST
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सार

हाथरस के बागला जिला अस्पताल में रोजाना औसतन 135 लोग एआरवी इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंचते हैं। इसमें कुत्ते, बंदर व अन्य जानवरों के हमले में घायल लोग होते हैं। इनमें से लगभग 50 मरीज पहली वैक्सीन वाले होते हैं। 35 से 40 लोग कुत्तों के हमलों में घायल हुए होते हैं।

dogs becoming violent
गली में घूमते आवार कुत्ते - फोटो : संवाद
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विस्तार
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हाथरस में कुत्तों का खौफ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। आलम ये है कि छोटे बच्चों का मोहल्लों और गलियों में खेलना दूभर हो गया है। बीते 24 घंटे में कुत्तों के काटने से जख्मी हुए 27 लोग जिला अस्पताल पहुंचे हैं, इनमें दस बच्चे शामिल हैं। बीते एक महीने में 1023 लोग इन खूंखार कुत्तों का शिकार हुए हैं।

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नगला अलगर्जी के रहने वाले पवन के बेटे कृष्णा (7) पर शनिवार की दोपहर कुत्ते ने हमला कर दिया। बच्चे के पैर और हाथ में चोट आई। परिजन आनन-फानन उसे लेकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे और प्राथमिक उपचार दिलाया। सादाबाद गेट के रहने वाले उमेश के बेटे सागर (10) पर कुत्ते ने हमला किया, जिससे पैर में जख्म हो गया। बागमूला चौराहा के विशाल के बेटे हर्ष (9) पर कुत्ते ने हमला कर दिया। शनिवार शाम बच्चे को जिला अस्पताल लाया गया। 
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नगला टीका निवासी श्याम कुमार के बेटे कार्तिक (6) पर कुत्ते ने हमला कर दिया। जिससे उसके पैर में जख्म हो गया। ज्ञानगढ़ बगीची के रहने वाले देव उपाध्याय (10) पर शनिवार देर शाम कुत्तों ने हमला कर दिया। रविवार की सुबह साकेत कॉलोनी के शौर्य (12) पर कुत्तों ने हमला कर दिया। अल्का (17) निवासी खंदारी गढ़ी, श्याम (20) निवासी हतीसा, तन्नू (27) निवासी मंडी समिति भी कुत्ते के काटने से घायल हुए। इन सभी को जिला अस्पताल में एआरवी इंजेक्शन लगवाया गया।

एआरवी इंजेक्शन लगवाने की व्यवस्था जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भी शुरू कर दी गई है, ताकि छुट्टी के समय लोगों को पहली वैक्सीन आसानी से मिल सके। इनके अलावा प्रत्येक सीएचसी और पीएचसी पर भी व्यवस्था की गई है।-डाॅ.राजीव रॉय, सीएमओ

एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जल्द ही एनिमल कैचर वैन भी खरीदी जाएगी, ताकि कुत्तों को पकड़ा जा सके। इसके लिए प्रशिक्षित स्टॉफ की भी आवश्यकता होगी। प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही शहर की गलियों को निराश्रित जानवरों से मुक्त किया जाएगा।-रोहित सिंह, ईओ नगर पालिका।

रोजाना 135 लोग पहुंच रहे अस्पताल

जिला अस्पताल में रोजाना औसतन 135 लोग एआरवी इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंचते हैं। इसमें कुत्ते, बंदर व अन्य जानवरों के हमले में घायल लोग होते हैं। इनमें से लगभग 50 मरीज पहली वैक्सीन वाले होते हैं। 35 से 40 लोग कुत्तों के हमलों में घायल हुए होते हैं। पिछले एक महीने में 1023 लोग कुत्तों के शिकार हुए, जो जिला अस्पताल व इमरजेंसी में पहुंचे हैं।

कागजों में है सारी कार्यवाही
सार्वजनिक स्थलों से कुत्तों की संख्या कम करने की जिम्मेदारी नगर पालिका की है। नगर पालिका के एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का प्रस्ताव भी बोर्ड की बैठक में नहीं रखा गया है। अभी तक इसके निर्माण का पूरा प्रस्ताव भी नहीं बन पाया है।

इन बातों का ध्यान रखें

  • कुत्तों के व्यवहार को समझें, उन्हें उकसाएं नहीं।
  • कुत्ता पीछे पड़े तो दौड़े नहीं, सुरक्षित स्थान पर रुके।
  • छोटे बच्चों को गलियों व पार्कों में अकेला न छोड़ें।
  • कुत्ते द्वारा काटने पर साबुन से घाव को धोएं।
  • अस्पताल जाकर तत्काल वैक्सीन लगवाएं।
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