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दूर हुई अभिभावकों की परेशानी, अब बच्चे करेंगे पढ़ाई
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उदय पुण्ढिर
- फोटो : SIKANDHRA RAHU
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संवाद न्यूज एजेंसी, सिकंदराराऊ।
चाइनीज एप पर टिकटॉक और पब-जी पर प्रतिबंध लगाना बहुत जरूरी था। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अभिभावक जो नेट डलवाते थे बच्चे उसका उपयोग पब-जी खेलने और टिकटॉक वीडियो देखने में करने लगे थे। इससे उनका पढ़ाई भी बाधित हो रहा था। इसके अलावा एप बैन होने से चीन की अर्थव्यवस्था को झटका भी लगा है। ये बातें कस्बा के अभिभावकों ने चाइनीजों एप पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने पर कही।
समाजसेवी उदय पुण्ढीर का कहना है कि चाइना ने पिछले समय से जिस तरह हमारे देश के प्रति रवैया अख्तियार किया है उसके देखते यह कदम अति आवश्यक है। चीन एक बदमाश मानसिकता वाला राष्ट्र है जो दूसरे देशों की जमीन हड़पने में यकीन रखता है।
बालाजी इंटर कॉलेज प्रबंधक जयपाल सिंह चौहान का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अभिभावक जो नेट डलवाते थे बच्चे उसका इस्तेमाल गेम खेलने में करने लगे थे। इससे पढ़ाई बाधित होती थी। अब बच्चे पूरी तन्मयता के साथ अपनी पढ़ाई कर सकें।
छात्र तरुण शर्मा का कहना है कि जिसे देखो पब-जी व टिकटॉक पर लगा रहता था। दिन भर बच्चे गेम खेलते थे। पढ़ाई पूरी तरह जीरो हो जाती थी। अभिभावक मना करते थे तो छात्र उनसे लड़ने को तैयार हो जाते थे। अब हम आराम से मोबाइल पर पढ़ाई कर सकेंगे।
युवा राजू अंसारी का कहना है कि बच्चों से काम की कहते थे लेकिन वेेे पब जी और टिकटॉक के चक्कर में सुनते ही नहीं थे। रात में मां बाप के सोने के बाद बाद बच्चे घंटों मोबाइल में ही लगे रहते थे। रात में देर से सोने के कारण अक्सर देर से उठते थे जिससे स्वास्थ्य बिगड़ रहा था।

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चाइनीज एप पर टिकटॉक और पब-जी पर प्रतिबंध लगाना बहुत जरूरी था। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अभिभावक जो नेट डलवाते थे बच्चे उसका उपयोग पब-जी खेलने और टिकटॉक वीडियो देखने में करने लगे थे। इससे उनका पढ़ाई भी बाधित हो रहा था। इसके अलावा एप बैन होने से चीन की अर्थव्यवस्था को झटका भी लगा है। ये बातें कस्बा के अभिभावकों ने चाइनीजों एप पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने पर कही।
समाजसेवी उदय पुण्ढीर का कहना है कि चाइना ने पिछले समय से जिस तरह हमारे देश के प्रति रवैया अख्तियार किया है उसके देखते यह कदम अति आवश्यक है। चीन एक बदमाश मानसिकता वाला राष्ट्र है जो दूसरे देशों की जमीन हड़पने में यकीन रखता है।
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बालाजी इंटर कॉलेज प्रबंधक जयपाल सिंह चौहान का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अभिभावक जो नेट डलवाते थे बच्चे उसका इस्तेमाल गेम खेलने में करने लगे थे। इससे पढ़ाई बाधित होती थी। अब बच्चे पूरी तन्मयता के साथ अपनी पढ़ाई कर सकें।
छात्र तरुण शर्मा का कहना है कि जिसे देखो पब-जी व टिकटॉक पर लगा रहता था। दिन भर बच्चे गेम खेलते थे। पढ़ाई पूरी तरह जीरो हो जाती थी। अभिभावक मना करते थे तो छात्र उनसे लड़ने को तैयार हो जाते थे। अब हम आराम से मोबाइल पर पढ़ाई कर सकेंगे।
युवा राजू अंसारी का कहना है कि बच्चों से काम की कहते थे लेकिन वेेे पब जी और टिकटॉक के चक्कर में सुनते ही नहीं थे। रात में मां बाप के सोने के बाद बाद बच्चे घंटों मोबाइल में ही लगे रहते थे। रात में देर से सोने के कारण अक्सर देर से उठते थे जिससे स्वास्थ्य बिगड़ रहा था।
राजू अंसारी- फोटो : SIKANDHRA RAHU
जयपाल सिंह चौहान- फोटो : SIKANDHRA RAHU
तरुण शर्मा। - फोटो : SIKANDHRA RAHU