लापरवाह चालक: तेज रफ्तार, बस के 41, टैंकर के सात चालान, दोनों वाहनों कि भिड़ंत में हुई थीं चार लोगों की मौत
6 नवंबर की शाम को अलीगढ़ डिपो की रोडवेज बस यूपी 86 टी 4759 की भिड़ंत दूध के टैंकर से हो गई थी, जिसमें एक बच्चे, परिचालक, एक यात्री व एक अमरूद विक्रेता की मौत हुई। बस में सवार 21 सवारियों में से छह गंभीर रूप से घायल हुए थे।
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चालकों की लापरवाही और तेज रफ्तार हादसों की वजह बन रही है। छह दिन पहले सासनी के समामई में जिस बस और टैंकर की भिड़ंत में चार लोगों की मौत हुई, उसमें भी यही वजह सामने आई है। हादसे से पहले रोडवेज बस के 41 और टैंकर के सात चालान हो चुके हैं।
गत 6 नवंबर की शाम को अलीगढ़ डिपो की रोडवेज बस यूपी 86 टी 4759 की भिड़ंत दूध के टैंकर से हो गई थी, जिसमें एक बच्चे, परिचालक, एक यात्री व एक अमरूद विक्रेता की मौत हुई। बस में सवार 21 सवारियों में से छह गंभीर रूप से घायल हुए थे।
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हादसे के बाद यात्रियों, प्रत्यक्षदर्शी व एफआइआर में टैंकर चालक की गलती बताई गई, जो लहराता हुआ आ रहा था और गलत साइड जाकर बस में परिचालक साइड में टक्कर मारी। सहायक संभागीय परिवहन विभाग ने भी इस हादसे की जांच रिपोर्ट में टैंकर चालक की लापरवाही बताई गई थी, साथ ही यह भी स्पष्ट किया था कि टैंकर ओवरस्पीड में था।
यातायात नियमों को रौंदता रहा बस चालक चालक, लग चुका है 93 हजार का जुर्माना
परिवहन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल से मिली जानकारी से सामने आया है कि रोडवेज बस के भी पिछले ढाई साल में 41 चालान हुए और इनमें 93 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। इनमें गलत पार्किंग के ही 17 चालान है। बिना संकेत दिए गाड़ी मोड़ने, यातायात अधिकारी की बात न मानने व लाइसेंस न दिखाने, यातायात नियमों की अनदेखी करने पर चालान किए गए। बस के सात ई-चालान अभी नए हैं, शेष 34 चालान कोर्ट में लंबित पड़े हैं।
टैंकर का तेज रफ्तार पर पहले भी हो चुका है चालान
परिवहन विभाग की रिपोर्ट में समामई हादसे की वजह टैंकर की तेज रफ्तार और चालक की लापरवाही को वजह बताया गया है। यह दूध का टैंकर सादाबाद की डेयरी फर्म के नाम पंजीकृत है। ऑनलाइन पोर्टल पर इस टैंकर के भी सात चालान है। इनमें 10 जून 2025 की रात हुए चालान में तेज गति से वाहन चालाने और चालक ने ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं दिखाने का आरोप था, 6500 रुपये जुर्माना लगाया था। राजस्थान में 19 मई को ओवरसाइज्ड व्हीकल होने पर सात हजार का चालान हुआ था। इस तरह 18500 के कुल सात चालान इस टैंकर पर हैं, जिनमें तीन कोर्ट में लंबित है, चार अभी कोर्ट पहुंचे नहीं हैं।
इनका कहना है
चालान के बारे में जानकारी की जाएगी। किस परिस्थिति में बस का संचालन किया जा रहा था, यह भी दिखवाया जाएगा। दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।-सतेंद्र कुमार वर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम
बस परिवहन निगम से अनुबंधित है। इसके बारे में निगम से कोई जानकारी हमें नहीं दी गई थी। निगम को चालक की गतिविधि पर ध्यान देना चाहिए था। वाहन के सीज करने के दौरान यह देखा जाता है कि चालान किन अपराधों में काटे गए हैं। सीट बेल्ट, गलत पार्किंग आदि पर जब्तीकरण की कार्रवाई नहीं होती।-लक्ष्मण प्रसाद, एआरटीओ हाथरस