Hathras News: कोहरे में सड़कों पर निराश्रित पशुओं से हादसे का अंदेशा, प्रशासन-नगर पालिका नहीं दे रही ध्यान
हाथरस में घास की मंडी, आगरा रोड बंबा, मीतई, मथुरा रोड पर ओढ़पुरा व बिजली के घर के पास, मेंडू रोड पर सासनी गेट से बिजली कॉटन मिल चौराहा तक, अलीगढ़ रोड पर रुहेरी तिराहे से तहसील परिसर तक निराश्रित पशु सड़क के बीच बैठे रहते हैं
विस्तार
घने कोहरे व रात के अंधेरे में सड़कों पर निराश्रित पशुओं से हादसों का अंदेशा बना हुआ है। हाथरस जिला प्रशासन व नगर पालिका इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रही है। जिले में 34 गोशालाएं बनी हैं। इनके बावजूद जिले में सड़कों पर निराश्रित गोवंश की संख्या लगातार बढ़ रही है।
सड़कों से निराश्रित गोवंश को हटाने के लिए एनिमल कैचर वैन खरीदी जा रही हैं। इसके साथ ही 1.65 करोड़ रुपये की लागत से सीवेज फार्म स्थित गोशाला की क्षमता बढ़ाकर 500 की जा रही है। कोहरे को ध्यान में रखते हुए जल्द ही नगर पालिका क्षेत्र से पशुओं को गोशाला तक पहुंचाया जाएगा।- रोहित सिंह, ईओ, नगर पालिका, हाथरस
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हो चुके हैं हादसे
सिकंदराराऊ में इस साल आठ जनवरी की रात अलीगढ़-एटा हाइवे पर गाय को बचाने के प्रयास में तेज रफ्तार कार डिवाइडर को तोड़कर ट्रक में जा घुसी थी। हादसे में एक महिला सहित चार लोगों की मौत हो गई थी। जिले में इस साल 511 दुर्घटनाएं हुईं हैं, जिनमें 298 लोगों की मौत हो चुकी है और 523 लोग घायल हुए हैं। इनमें से पांच फीसदी हादसे सड़कों पर घूम रहे निराश्रित पशुओं के कारण हुए हैं।
इन मार्गों पर है डर
शहर में घास की मंडी, आगरा रोड बंबा, मीतई, मथुरा रोड पर ओढ़पुरा व बिजली के घर के पास, मेंडू रोड पर सासनी गेट से बिजली कॉटन मिल चौराहा तक, अलीगढ़ रोड पर रुहेरी तिराहे से तहसील परिसर तक निराश्रित पशु सड़क के बीच बैठे रहते हैं। इनके अलावा आगरा-अलीगढ़ बाईपास पर भी हर समय खतरा बना रहता है। सासनी व सादाबाद में कस्बा क्षेत्र में गुजर रहे मार्ग पर निराश्रित पशु बैठे रहते हैं। सोमवार को छाए घने कोहरे में यही स्थिति देखने को मिली। बुधवार की रात भी सड़कों पर पशु बैठे नजर आए।
गोशालाओं के बावजूद सड़क पर गोवंश
प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद जिले में 34 स्थायी व अस्थायी गोशालाएं बनाई गईं हैं। इनमें प्रमुख रूप से सासनी में पराग डेयरी स्थित गोशाला है। इसमें लगभग 400 गोवंश हैं। वहीं सीवेज फार्म स्थित नगर पालिका की गोशाला में 170 गोवंश हैं। इस गोशाला की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
