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Hathras News: चिकित्सक-संसाधन हैं नहीं, कैसे हो नवजातों का उपचार
संवाद न्यूज एजेंसी, हाथरस
Updated Tue, 08 Jul 2025 01:04 AM IST
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जिला महिला अस्पताल का नवजात शिशु वार्ड चिकित्सकों व संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। वार्ड में सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन की व्यवस्था न होने से सिलिंडरों के माध्यम से नवजातों को ऑक्सीजन उपलब्ध करानी पड़ती है। चिकित्सकों के अभाव में स्टाफ नर्स नवजातों का उपचार करती हैं।
गंभीर बीमारियों से जूझ रहे एक से 28 दिन तक की उम्र के नवजातों को एसएनसीयू में भर्ती किया जाता है। यहां 12 नवजातों को भर्ती रखने की व्यवस्था है। इनके लिए सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन उपलब्ध होनी चाहिए। इसकी व्यवस्था न होने से वार्ड में सिलिंडरों के माध्यम से ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाती है।
वार्ड में बाल रोग विशेषज्ञ के तीन पद स्वीकृत हैं। इसके सापेक्ष एक भी बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती वार्ड में नहीं है। डॉ. अनूप शर्मा इस वार्ड में संबद्ध हैं। उन्हीं के सहारे इस वार्ड की सेवाएं चल रही हैं। 24 घंटे एक चिकित्सक सेवाएं नहीं दे सकते हैं, इसलिए ड्यूटी का समय पूरा होने पर वह ऑन कॉल उपलब्ध रहते हैं। स्टॉफ नर्स उनसे फोन पर संपर्क करके बच्चों का उपचार करती हैं। एसएनसीयू के प्रभारी डॉ. अनूप शर्मा का कहना है कि सीमित संसाधनों में नवजातों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
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वार्ड में बाल रोग विशेषज्ञ के तीन पद स्वीकृत हैं। इसके सापेक्ष एक भी बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती वार्ड में नहीं है। डॉ. अनूप शर्मा इस वार्ड में संबद्ध हैं। उन्हीं के सहारे इस वार्ड की सेवाएं चल रही हैं। 24 घंटे एक चिकित्सक सेवाएं नहीं दे सकते हैं, इसलिए ड्यूटी का समय पूरा होने पर वह ऑन कॉल उपलब्ध रहते हैं। स्टॉफ नर्स उनसे फोन पर संपर्क करके बच्चों का उपचार करती हैं। एसएनसीयू के प्रभारी डॉ. अनूप शर्मा का कहना है कि सीमित संसाधनों में नवजातों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।