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पबजी बैन होने से बच्चों व किशोरों में मायूसी, अभिभावकों ने जताई खुशी
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प्रवीण कौशिक
- फोटो : HATHRAS
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संवाद न्यूज एजेंसी, हाथरस।
बच्चों व किशोरों के पसंदीदा गेम पबजी पर केंद्र सरकार के बैन से अभिभावकों में खुशी की लहर है। अभिभावकों ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास में पबजी सबसे बड़ी बाधा बना हुआ था। बच्चों को न तो खाने की चिंता थी और न ही पढ़ने का शौक। बस घंटों मोबाइल पर पबजी गेम खेलने में बच्चे मशगूल रहते थे। अभिभावकों को उम्मीद है कि अब बच्चों के व्यवहार में बदलाव आएगा। साथ ही बच्चों की पढ़ाई भी नियमित होने लगेगी। वहीं दूसरी तरफ पबजी गेम बंद होने से बच्चों में बेचैनी हो गई है। घंटों मोबाइल पर लगे रहना उनकी आदत हो गई थी।
बच्चों के पबजी गेम खेलने की आदत से बहुत परेशान थे। जब से लॉकडाउन हुआ है तब से तो परेशानी बढ़ गई थी। बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर अक्सर पबजी गेम खेलते रहते थे। मोबाइल से गेम डिलीट कर दो खुद डाउनलोड कर लेते थे। इससे बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास पर असर पड़ रहा था। अब पबजी वैन होने से काफी खुशी हुई है। पढ़ाई पर ध्यान देंगे दिमाग भी नहीं भटकेगा।
- राहुल शर्मा, अभिभावक
पबजी बच्चों का सबसे पसंदीदा गेम था। बच्चे ऑनलाइन ग्रुप बनाकर खेलते थे। अभिभावकों की चिंता बढ़ गई थी। बार-बार चेक करते थे, कहीं बच्चे गेम तो नहीं खेल रहे हैं। अब सरकार द्वारा बंद करने से चैन की सांस ली है। गेम के कारण बार-बार कहने पर बच्चे होमवर्क करते थे। अब वे अपना समय पढ़ाई में लगाएंगे। यह सरकार का बहुत अच्छा कदम है।
- प्रवीण कौशिक, अभिभावक
गेम एक टाइम पास का जरिया होता है। उसको दिल पे नहीं लेना चाहिए। ये चीज सभी को समझनी चाहिए। देश के हित में इसको बैन करना जरूरी था। मैं इस निर्णय का समर्थन करता हूं। चीन से जुड़े सारे कार्यों का बंद करना चाहिए। चीन को एक बार कड़ा सबक सिखाने की जरूरत है।
सुनील शर्मा, अभिभावक

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बच्चों के पबजी गेम खेलने की आदत से बहुत परेशान थे। जब से लॉकडाउन हुआ है तब से तो परेशानी बढ़ गई थी। बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर अक्सर पबजी गेम खेलते रहते थे। मोबाइल से गेम डिलीट कर दो खुद डाउनलोड कर लेते थे। इससे बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास पर असर पड़ रहा था। अब पबजी वैन होने से काफी खुशी हुई है। पढ़ाई पर ध्यान देंगे दिमाग भी नहीं भटकेगा।
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- राहुल शर्मा, अभिभावक
पबजी बच्चों का सबसे पसंदीदा गेम था। बच्चे ऑनलाइन ग्रुप बनाकर खेलते थे। अभिभावकों की चिंता बढ़ गई थी। बार-बार चेक करते थे, कहीं बच्चे गेम तो नहीं खेल रहे हैं। अब सरकार द्वारा बंद करने से चैन की सांस ली है। गेम के कारण बार-बार कहने पर बच्चे होमवर्क करते थे। अब वे अपना समय पढ़ाई में लगाएंगे। यह सरकार का बहुत अच्छा कदम है।
- प्रवीण कौशिक, अभिभावक
गेम एक टाइम पास का जरिया होता है। उसको दिल पे नहीं लेना चाहिए। ये चीज सभी को समझनी चाहिए। देश के हित में इसको बैन करना जरूरी था। मैं इस निर्णय का समर्थन करता हूं। चीन से जुड़े सारे कार्यों का बंद करना चाहिए। चीन को एक बार कड़ा सबक सिखाने की जरूरत है।
सुनील शर्मा, अभिभावक
सुनील शर्मा- फोटो : HATHRAS
राहुल शर्मा- फोटो : HATHRAS