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Jalaun News: रेफर मरीजों की सूचना व्हाट्सएप ग्रुप में होगी साझा
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उरई। सड़क सुरक्षा अभियान के तहत सड़क हादसों में होने वाली मानव क्षति को कम करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है। अब सीएचसी व पीएचसी से रेफर होने वाले मरीजों की सूचना संबंधित रेफरल संस्थान के व्हाट्सएप ग्रुप में भेजी जाएगी। इससे रेफर होकर आने वाले मरीजों के इलाज के लिए पहले से आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जा सकेंगी।
सीएमओ डॉ. डीके भिटौरिया ने बताया कि अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। सड़क दुर्घटनाओं और आपदाओं के दौरान त्वरित और प्रभावी मदद के लिए ‘आपदा मित्र’ भी तैयार किए जा रहे हैं। इन आपदा मित्रों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे दुर्घटनाओं के समय प्राथमिक सहायता और राहत कार्यों में सहयोग कर सकें। उन्होंने बताया कि आपदा मित्रों के रूप में एनसीसी कैडेट, एनएसएस स्वयंसेवकों समेत अन्य युवाओं की टीमें बनाई जाएंगी, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत और अपंजीकृत निजी अस्पतालों से भी सड़क हादसों और आपदा की स्थिति में सहयोग सुनिश्चित करने को कहा जाएगा।
इस संबंध में संबंधित अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठकें भी की जाएंगी। इसी तरह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्यों का भी इस अभियान में सहयोग लिया जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं तुरंत उपलब्ध कराई जा सकें। इसके अलावा एंबुलेंस सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। वर्तमान में एंबुलेंस का औसत रिस्पांस टाइम सात मिनट है, जिसे घटाकर पांच मिनट करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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सीएमओ डॉ. डीके भिटौरिया ने बताया कि अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। सड़क दुर्घटनाओं और आपदाओं के दौरान त्वरित और प्रभावी मदद के लिए ‘आपदा मित्र’ भी तैयार किए जा रहे हैं। इन आपदा मित्रों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे दुर्घटनाओं के समय प्राथमिक सहायता और राहत कार्यों में सहयोग कर सकें। उन्होंने बताया कि आपदा मित्रों के रूप में एनसीसी कैडेट, एनएसएस स्वयंसेवकों समेत अन्य युवाओं की टीमें बनाई जाएंगी, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत और अपंजीकृत निजी अस्पतालों से भी सड़क हादसों और आपदा की स्थिति में सहयोग सुनिश्चित करने को कहा जाएगा।
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इस संबंध में संबंधित अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठकें भी की जाएंगी। इसी तरह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्यों का भी इस अभियान में सहयोग लिया जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं तुरंत उपलब्ध कराई जा सकें। इसके अलावा एंबुलेंस सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। वर्तमान में एंबुलेंस का औसत रिस्पांस टाइम सात मिनट है, जिसे घटाकर पांच मिनट करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
